दीपिका पाटिल
मौसम में आने वाले बदलाव का असर व्यक्ति के स्वास्थ्य के साथ एनर्जी लेवल पर भी दिखने लगता है। योग शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और ऊर्जा की प्राप्ति मुद्राओं से होती है। अग्नि, वायु, कफ नाश्नि और सूर्य समेत ऐसी कई मुद्राएं है, जो किसी न किसी तत्व को रिप्रेजेट करती है।
इन्हीं में से एक है प्राण मुद्रा, जो किसी व्यक्ति के शरीर को संतुलित कर एकाग्र चित्त करने में मदद करती है और शरीर को स्वस्थ और सदृढ़ बनाती है। ये एक शारीरिक योग क्रिया है, जो शरीर की सक्रियता को बढ़ाने में मददगार साबित होती है।
इस मुद्रा को करने के लिए तीन उंगलियों का प्रयोग किया जाता है।
*प्राण मुद्रा किसे कहते हैं?*
इस बारे में ध्यानाचार्य डॉ. विकास मानवश्री का कहना है कि मुद्रा व्यक्ति के जीवन यानि प्राणों से संबधित है। ये एक ऐसी ऊर्जा का केन्द्र है, जो व्यक्ति के शरीर को ऊर्जावान बनाने में मदद करती है। इसे करने से प्राण शक्ति में वृ़द्ध होती है और एनर्जी का फ्लो बढ़ने लगता है।
आप के अनुसार जब हाथ खुले रहते है, तो उस वक्त शरीर की एनर्जी बाहर निकलने लगती है। जैसे ही छोटी उंगली और अनामिका को अंगूठे से छूएंगें, उसी वक्त शरीर में एनर्जी का प्रभाव बढ़ने लगता है। इसे बैठे हुए, चलते फिरते और वॉक करते वक्त भी कर सकते हैं।
*प्राण मुद्रा की विधि :*
इस मुद्रा को करने के लिए मैट पर सुखासन मे बैठ जाएं और इस दौरान अपनी कमर को एकदम सीधा कर लें।
अब दोनों हाथों को घुटनों के पास लेकर आएं। अपने दोनों हाथों को खोलें और उंगलियों को भी सीधा कर लें।
अपनी छोटी उंगली और अनामिका को अंगूठे से छूएं और अन्य दोनों उंगलियों से वी का आकार बनाएं और कमर को सीधा रखें।
दोनों हथेलियों से प्राण मुद्रा बनाकर घुटनों के पास लेकर आएं। अब गहरी सांस लें और छोड़ें। 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहें।
15 मिनट तक इसी मुद्रा में रहने से मानसिक शांति और एनर्जी की प्राप्ति होती है। इस दौरान आंखें रखें और सांस पर ध्यान केंद्रित करें।
इसलिए है प्राण मुद्रा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद :
*1. एनर्जी बूस्टर :*
प्राण शक्ति यानि लाइफ फोर्स को वापिस पाने के लिए प्राण मुद्रा का अभ्यास बेहद फायदेमंद है। इससे शरीर में एनर्जी का स्तर बढ़ने लगता है और शरीर फुर्तीला हो जाता है।
इसका नियमित अभ्यास शरीर में बढ़ने वाली थकान, आलस्य और कमज़ोरी को दूर करने में मदद करता है।
*2. ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूवर :*
दिन भर में 15 से 20 मिनट इस मुद्रा में एक दम सीधा बैठने से ब्लड सर्कुलेशन नियमित होने लगता है, जिससे शरीर को कई प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है और शरीर की मांसपेशियों को भी मज़बूती मिलने लगती है।
*3. मेंटल हेल्थ डेवलपर :*
इस मुद्रा को करने में मन में बार बार उठने वाले विचारों से मुक्ति मिलती है और मन में स्थिरता का वास होने लगता है। व्यक्ति के व्यवहार में शांति, संकून और संमुष्टि का भाव बढ़ने लगता है। इसके अलावा कॉफिडेंस में बढ़ोतरी होती है।
*4. आंखों ज्योति रक्षक :*
सुबह उठकर नियमित तौर पर कुछ देर के लिए प्राण मुद्रा का अभ्यास करने से आंखों की दृष्टि उचित बनी रहती है। इससे उम्र के साथ बढ़ने वाली आंखों की समस्याओं का जोखिम कम होने लगता है। साथ ही आंखों में बढ़ने वाली थकान से भी मुक्ति मिल जाती है।