अग्नि आलोक

बीजेपी सदस्यता अभियान को लेकर सवाल उठ रहे हैं

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मुस्ताअली बोहरा

— सदस्यता पर सियासत
सदस्यता अभियान महज एक रस्म नहीं है। परिवार का विस्तार है। यह नंबर गेम भी नहीं है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कितनी संख्या हासिल करते हैं। यह सदस्यता अभियान एक वैचारिक और भावनात्मक आंदोलन है। ये बात कही थी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान- 2024 की शुरूआत करते हुए। इस कार्यक्रम को संगठन पर्व सदस्यता अभियान-2024 का नाम दिया गया है। भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्टी का पहला सदस्य बनाकर,अपने अभियान की शुरुआत की। पीएम नरेंद्र मोदी ने पार्टी के टोल फ्री नंबर पर मिस्ड कॉल के जरिए फिर से भाजपा की सदस्य ली। इसके बाद, पार्टी के अन्य कई नेताओं को भी फिर से भाजपा की सदस्यता ग्रहण करवाई गई।

नई दिल्ली में इस कार्यक्रम के साथ भाजपा का सदस्यता अभियान पूरे देश में शुरू हो गया। मिस्ड कॉल अभियान के जरिए पार्टी का सदस्य बनाने के लिए भाजपा ने मिस्ड कॉल नंबर- 8800002024 भी जारी किया है। लोग नमो ऐप के माध्यम से भी भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं। एक तरफ तो मोदीजी इस सदस्यता अभियान को नंबर गेम नहीं मानते और दूसरी तरफ 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। एक तरफ तो मोदीजी सदस्यों को जोड़कर संगठन को मजबूत और देश को सशक्त बनाने की बात कर रहे हैं तो दूसरी ओर सरकारी राशन दुकान पर केवायसी के नाम पर सदस्य बनाने के आरोप सामने आ रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के बाद चल रहे इस सदस्यता अभियान को कामयाब बनाने के लिए मंत्री से लेकर कार्यकर्ता तक जुटे हुए हैं। ये भी माना जा सकता है कि सदस्यों के रूप में नंबर बढ़ाने के साथ ही बीजेपी का हर नेता अपने भी नंबर बढ़ाना चाहता है। पार्टी का फोकस युवाओं को जोड़ने पर सबसे ज्यादा है। पीएम मोदी ने सदस्यता अभियान की शुरूआत करते हुए अपना विजन साफ कर दिया था। उन्होंने कहा कि मेरे सामने जो अभी 18 से 25 साल की उम्र का जवान है, वह मेरे 2047 के सपने को पूरा करने के लिए शक्ति का सबसे बड़ा स्रोत है। इसलिए युवाओं को विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जोड़ना है, नेशन फर्स्ट के विचार से जोड़ना है। यानि मोदीजी ने सन 2047 तक का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है। मोदी का लक्ष्य किस तरह पूरा हो रहा है इसकी खबरें छन-छन कर सामने आ रहीं हैं। जहां सदस्यों का टारगेट पूरा हो गया वहां उत्साह दिख रहा है तो जहां लक्ष्य पीछे छूट गया वहां निराशा झलक रही है


पार्टी के नेता भाजपा को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताते हुए नहीं थकते। उनका ये भी कहना है कि भाजपा ही ऐसी अकेली पार्टी है जो लोकतांत्रिक ढंग से हर 6 साल में सदस्यता रिन्यू करती है। भाजपा के संविधान के मुताबिक हर 5-6 साल बाद नए सिरे से सबको फिर से पार्टी का सदस्य बनाया जाता है। वर्ष 2014 तक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी हुआ करती थी लेकिन 2014 में जब भाजपा के 11 करोड़ सदस्य बने, उसके बाद भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई। इस बार भी पार्टी का लक्ष्य 10 करोड़ से अधिक लोगों को भाजपा का सदस्य बनाना है। जिन राज्यों को चुनाव की घोषणा हो गई है, उन राज्यों में यह सदस्यता अभियान बाद में चलाया जाएगा। अमित शाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल में वर्ष 2014-15 में 11 करोड़ लोगों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। वर्ष 2019 में चले सदस्यता अभियान में 7 करोड़ लोग शामिल हुए थे यानी 2019 तक लगभग 18 करोड़ लोग भाजपा के सदस्य बने थे।


भाजपा के सदस्यता अभियान के बीच सियासत भी शुरू हो गई है। भाजपा ने मध्यप्रदेश के करीब 64 हजार बूथों में से हर बूथ में सौ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का आरोप है कि राशन दुकानों पर लोगों को धोखे में रखकर सदस्य बनाया गया। 1 रुपये में मोबाइल कवर का लालच देकर सदस्य बनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में सबसे पहले प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सीएम डॉ. मोहन यादव को सदस्य बनाया था, इसके बाद प्रदेश भर में सदस्यता अभियान की शुरुआत की गई थी।

सदस्यता अभियान के लिए सांसद-विधायक, जिलाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों को अलग-अलग टारगेट दिया गया था। बीजेपी के सदस्यता अभियान पर कांग्रेस के नेताओं ने सवाल खड़े कर दिए हैं। मध्यप्रदेश में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक वीडियो जारी किया जिसमें शासकीय राशन दुकान पर केवायसी के नाम पर बीजेपी की सदस्यता दिलाई जा रही है। यह वीडियो भोपाल का बताया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कई सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने अपने सोशल साइड एक्स पर लिखा कि भाजपा का सदस्यता अभियान या जबरन सदस्य बनाने का जाल। भोपाल के छोला रोड स्थित राशन की शासकीय दुकान पर झूठी केवायसी के नाम पर भाजपा सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। राशन लेने आने वालों की जानकारी के बिना उन्हें भाजपा का सदस्य बनाकर पार्टी की फर्जी संख्या बढ़ाई जा रही है।

कई जगह स्कूल और कॉलेज के छात्रों से झूठ बोलकर उन्हें पार्टी का सदस्य बनाए जाने की भी शिकायत सामने आई है। इससे भाजपा की फर्जी सदस्यता तो बढ़ेगी, लेकिन लोगों का परसनल डाटा लीक होने का भी बड़ा खतरा है। इसलिए बीजेपी के लोगों से सावधान रहना और दूरी बनाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा केवल सदस्यता अभियान में किसी भी तरीके से सदस्य बढ़ाने में जुटे हुए हैं। कभी राशन की दुकान पर तो कभी कॉलेज में तो कभी नौकरी दिलाने का आश्वासन के चलते झूठे रजिस्ट्रेशन कराये जा रहे हैं। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के आरोपों पर प्रदेश बीजेपी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी संगठन की शक्ति और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के नेतृत्व में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जोरदार हार का सामना किया है।

लिहाजा कांग्रेस अभी तक अपनी हार नहीं पचा पा रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी बीजेपी पर हमला करने पीछे नहीं रहे हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी नेता अपने आकाओं को खुश करने के लिए अब सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को भी बीजेपी का सदस्य बना रहे हैं। हाल ही में भोपाल नगर निगम के शासकीय कर्मचारियों को बीजेपी का सदस्य बनाया गया है। मैं सभी शासकीय सेवकों से कहना चाहता हूं कि आपकी प्रतिबद्धता किसी पार्टी के प्रति नहीं, बल्कि जनता और जनसेवा के प्रति होनी चाहिए। उन्होंने ये भी लिखा कि राजनीतिक दबाव और प्रभाव में आने वाले सरकारी सेवक याद रखें, यदि सरकारी पद पर होने के बावजूद आपका बीजेपी से किसी भी प्रकार का जुड़ाव दिखा, तो चार साल बाद इसका पूरा हिसाब लिया जाएगा। इसलिए, अपनी निष्ठा केवल सेवा नियमों के प्रति रखें। बात राशन दुकान तक ही सीमित नहीं है। भाजपा कार्यकर्ताओं को उस वक्त अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा जब पार्टी के अनुशांगिक संगठन एबीवीपी ने इस अभियान की मुखालफत की।


इंदौर के एक सरकारी काॅलेज में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने इस अभियान का विरोध करते हुए कहा कि शिक्षा के मंदिरों को राजनीति का अखाड़ा ना बनाया जाए। एबीवीपी के छात्रों ने शासकीय होलकर विज्ञान महाविद्यालय में प्राचार्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन हल नहीं निकला। आखिर में प्रिंसिपल सुरेश टी सिलावट को लिखित आदेश जारी करना पड़ा कि कॉलेज परिसर में एबीवीपी की सहमति के बिना कोई भी राजनीतिक कार्यक्रम नहीं होगा। एबीवीपी नेताओं का कहना था कि आज बीजेपी आई है और कल कोई और पार्टी आएगी। हमने कहा कि यह शिक्षा का मंदिर होना चाहिए, राजनीति का अड्डा नहीं। एबीवीपी नेताओं का कहना था कि एबीवीपी और भाजपा के बीच वैचारिक समानताएं हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम उन्हें परिसरों में प्रवेश करने देंगे।

जब हमें सदस्यता अभियान के बारे में पता चला तो हमने चार अन्य कॉलेजों में विरोध प्रदर्शन किया। हमने अन्य जिलों के सदस्यों के साथ समन्वय किया है और उनसे भाजपा को परिसरों में प्रवेश न करने देने के लिए कहा। मामले को तूल पकड़ा देख राजधानी भोपाल के पार्टी नेता सक्रिय हो गए। भोपाल और इंदौर के सीनियर बीजेपी लीडरों ने एबीवीपी नेताओं से बात की और बाद में कहा गया कि ‘गलतफहमी’ दूर हो गई है। नेताओं का कहना था कि एबीवीपी और भाजपा एक ही हैं, एबीवीपी हमारा छात्र संगठन है। हमने मामले को सुलझा लिया है।
मध्यप्रदेश के ही राघोगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाए हैं कि राघोगढ़ के पॉलिटेक्निक कॉलेज में एड्स कंट्रोल सोसायटी के कार्यक्रम के बहाने छात्रों से भाजपा के मेंबरशिप वाले नंबर पर मिस्ड कॉल कराकर उन्हें धोखे से सदस्य बनाया गया है। कांग्रेस का आरोप है कि गुना में एक रुपये में मोबाइल का बैक कवर देकर बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई। आरोप है कि एक कार्यकर्ता ने मोबाईल दुकानदारों से संपर्क किया। इन दुकानों पर एक रुपये में मोबाइल का स्क्रीन गार्ड और बैक कवर लगाया जा रहा है।

दुकान पर पहुंचने वाले ग्राहकों से मिस कॉल कर बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई। इसी तरह पांढुर्णा में महिला बाल विकास की सुपरवाइजर का एक ऑडियो वायरल हुआ। इसमें कहा गया है कि सभी लाड़ली बहनों को बोले कि उनका मोबाइल भी साथ लेकर आए। इस कार्यक्रम में लाडली बहनों से मिस्ड कॉल कर सदस्य बनाए जाने का आरोप लगे हैं। इसे लेकर पांढुर्णा में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदर्शन किया था। इधर बीजेपी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का कांग्रेस के आरोपों पर कहना है कि हमने मिस्ड कॉल नंबर जारी किया है, यदि कोई सदस्य बन रहा है तो दिक्कत क्या है। स्वेच्छा से जिन्हें सदस्य बनना है, वे सदस्य बन रहे हैं।
इधर, राजस्थान में अंर्तकलह की वजह से भाजपा का सदस्यता अभियान अपने चरम पर नहीं पहुंच पाया। भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान ने राजस्थान में सत्ता और संगठन दोनों की कलई खोल दी। भाजपा शासित राज्य होने के बाद भी सदस्यता अभियान में राजस्थान की हालत ने पार्टी नेताओं की चिंता बढ़ा दी है।

लोकसभा चुनाव में लगे झटके से पार्टी उबर भी नहीं पाई थी कि सदस्यता अभियान ने पार्टी नेताओं के माथे पर पसीना ला दिया है। जल्द ही राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है और इन सीटों वाले जिलों में भी सदस्य संख्या ज्यादा नहीं बढ़ पाई है। हाल ही में जयपुर में सदस्यता अभियान की समीक्षा करते हुए राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने खुद रोष जाहिर किया था। बीएल संतोष ने पार्टी नेताओं और जनप्रतिनिधियों को साफ कहा कि राजस्थान में सवा करोड़ का लक्ष्य है और इसे पूरा करना होगा। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने प्रदेश कार्यालय में भाजपा प्रदेश पदाधिकारी के साथ अभियान संयोजक, सहसंयोजक, विधायक, सांसद, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक सदस्यता अभियान जिला संयोजक, सहसंयोजक आदि पदाधिकारियों और नेताओं की बैठक ली। जब इन पदाधिकारियों ने सदस्यता अभियान के डेटा बताए तो संतोष ने कहा कि फिर सदस्य संख्या क्यों नहीं बढ़ रही है।


बहरहाल, बीजेपी के सदस्यता अभियान को देखकर यही लगता है कि दुनिया में सबसे बड़े राजनीतिक दल का ठप्पा वो बरकरार रखना चाहती है। कोई भी राजनीतिक दल अपने सदस्य या समर्थक बढ़ाए इससे किसी को कोई हर्ज नहीं होना चाहिए लेकिन पार्टी में भीड़ बढ़ने से शायद ही कोई फायदा हो। भाजपा नेताओं का दावा है कि वो लोकतांत्रिक तरीके से हर छ साल में अपने सदस्यता का रिनिवल करती है लेकिन सदस्यता अभियान को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं वो कुछ और ही इशारा कर रहे हैं।

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