दुनिया भर के 50 से भी अधिक स्वतंत्र मीडिया आउटलेट्स का एक गैर-लाभकारी जांच रिपोर्टिंग मंच “संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना” (ओसीसीआरपी—OCCRP) प्रति वर्ष 100 से अधिक जांच रिपोर्ट प्रकाशित करता है। यह खोजी पत्रकारों द्वारा विकसित एक वैश्विक नेटवर्क है जो संगठित अपराध और भ्रष्टाचार की कलंक-कथाओं को उजागर करता है ताकि सत्ता और उसके सहयोग से व्यापक स्तर पर काले कारनामों को अंजाम देने वाले जनता के प्रति जवाबदेह हो सकें।
इसी वैश्विक संगठन द्वारा गौतम अडाणी की कंपनियों में गुप्त स्रोतों से किए जाते रहे अवैध पूंजीनिवेश का भंडाफोड़ किया गया है। आज द वाशिंगटन पोस्ट, द गार्डियन, फाइनेंशियल टाइम्स, ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू, बिजनेस टुडे, फोर्ब्स, ब्लूमबर्ग, रॉयटर्स आदि दुनियाभर के मीडिया आउटलेट्स में अडाणी के इसी गोरखधंधे की चर्चा है।
तो संसद में राहुल गांधी का पूछा गया सवाल कि वो 20 हजार करोड़ रुपए किसके हैं, अब प्रकारांतर से विश्व स्तर पर प्रतिध्वनित हो रहा है।
इस पर जो अनेक सवाल फिर खड़े होते हैं, उनमें से एक यह भी हो सकता है कि क्या ऐसी अपारदर्शी स्थिति में भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियां या वित्तीय संस्थान पूंजी निवेश करना चाहेंगे?