~ दिव्या गुप्ता
विज्ञान के अनुसार रामसेतु 18 लाख वर्ष पूर्व Titanic plates के घर्षण द्वारा उत्पन्न हुआ, जो समुद्र तल तक गड़ा हुआ है|
मानव जाति के जन्मे हुए अभी 1 लाख वर्ष भी नहीं हुए हैं. करोङो वर्षो पूर्व के डायनासौर्स के अवशेष भी मिल गये मगर वानर सेना का कोई अता-पता नहीं|
इस प्रकार के सेतु जापान-कोरिया के बीच में भी हैं. इससे कई गुना बड़ा सेतु तुर्की द्वीप मे भी है। उन्होंने भगवान निर्मिति होने का दावा नहीं किया है.
राम सेतु पर नासा ने रिसर्च करके बताया है कि यह पुल प्रकृति निर्मित है, मानव निर्मित नहीं। यह समुद्र में पाये जाने वाले मूँगा में विद्यमान केल्शियम कार्बोनेट के छोड़े जाने से निर्मित श्रंखला है, जिसकी लंबाई 30Km. है।
नासा ने इसके सैम्पल लेकर रेडियो कार्बन परीक्षण के बाद बताया है कि
यह सेतु 17.5 लाख वर्ष पुराना है। मूंगा समुद्र के कम गहरे पानी में जमा होकर श्रंखला बनाते है। विश्व में मूँगा से निर्मित ऐसी 10 श्रृंखलाएँ हैं. इनमे से सबसे बड़ी ऑस्ट्रेलिया के समुद्र तट पर है। इसकी लंबाई रामसेतु से भी कई गुना अधिक 2500 Km है।
विश्व की सभी देशों की मूँगा श्रंखलाओं को सेटेलाईट के द्वारा देखा जा चूका है। नासा की रिसर्च अनुसार
रामसेतु जब 17.5 लाख वर्ष पुराना है, तो इसे राम निर्मित कैसे कहा जा सकता है।
मानव ने खेती करना/कपडे पहनना 8000 हजार वर्ष ईसा पूर्व सीखा है। मानव ने लोहे की खोज 1500 ईसा पूर्व की है। मानव ने लिखना 1300 ईसा पूर्व सीखा है।
राम नाम लिखकर दुनियाँ के पहले पशु सिविल इंजीनियर भालू नल-नील ने इसे कैसे बनाया होगा? (चेतना विकास मिशन).