राणा सांगा की पत्नी, हुमायूँ की बहन
पद्मश्री सम्मानित अग्रज Babulal Dahiya जी ने लिखा है – उस काल खंड में राजा चाहे राजपूत मुस्लिम या पेशवा किसी भी वंश के रहे हों पर उनकी दृष्टि छोटे राजाओं के ऊपर उसी तरह बनी रहती थी जैसे छोटी चिड़ियों के ऊपर बाज की। यही कारण था कि छोटे राजा 60-65 वर्ष के बूढ़े खूसट राजाओं तक को अपनी षोड़सी कन्या ब्याह उनसे रिश्तेदारी कर लेते थे। और एक-एक राजा के 10– 10, 15-15 तक रानियां होती थीं।

#चित्र हुमायूं और जौहर के लिए तैयार मुँह बोली बहन कर्णावती।
बाबर के मरने के पश्चात उसका पुत्र हुमायूं दिल्ली की गद्दी में बैठा। इतिहास कारों के अनुसार राणा सांगा की 7 पत्नियां थीं जिनमें एक रानी कर्णावती भी थीं जो राणा सांगा के मरने के बाद शासक बनी । यह वही रानी कर्णावती थीं जिन्होंने बाबर के बेटे हुमायूं को ‘राखी’ भेजा था। कहते हैं मेवाड़ की सैन्य शक्ति कमजोर पड़ते देख उसे जीतने के लिए नजर गड़ाए बैठा गुजरात का सुल्तान बहादुर शाह मेवाड़ में चढ़ाई कर दिया था।