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*रिसर्च की बात : कब ज्यादा और कम सेक्स चाहती हैं महिलाएं*

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    सोनी तिवारी, मेडिकल स्कॉलर 

पीरियड से पहले के कुछ लक्षण और पीरियड के दौरान होने वाली परेशानियों से हम सभी अवगत हैं। किसी को क्रैंप (cramps) होते हैं, तो किसी को चक्कर आता है, किसी को ब्लोटिंग होती है। लेकिन पीरियड से पहले और उसके दौरान होने वाली सेक्स की तीव्र इच्छा भी पीरियड के लक्षणों के कारण होने वाली एक स्थिति है।

    हालांकि ऐसा सभी के साथ नहीं होता है। पर कुछ महिलाएं पीरियड के दौरान या उसके बाद बहुत ज्यादा हॉर्नी महसूस करती हैं। आइए जानते हैं क्या है इसका कारण।

*क्या पीरियड और सेक्स डिजायर के बीच कोई संबंध है?*

    सेक्स के लिए उत्तेजना का हॉर्मोन से गहरा संबंध है। इसके लिए आपके मेंस्ट्रुअल साइकल के हॉर्मोन सबसे ज्यादा जिम्मेदार होते हैं।

    मैंस्ट्रुअल साइकल आपके पीरियड के पहले दिन से शुरू होती है और इसमें 2 चरण होते है। फोलिक्युलर फेज़ और ल्यूटियल फेज़।

*महिलाएं कब ज्यादा होर्नी महसूस करती है?*

रिसर्च में 600,000 से अधिक महिलाओं के मैंस्ट्रुअल साइकल पर नजर रखी गई। इसे एक ऐप पर दर्ज किया गया और इसमें देखा गया कि अधिकांश महिलाओं में 14वें दिन ओव्यूलेट नहीं हुआ था।

   जबकि ओव्यूलेशन के दौरान, यानी जब अंडा ओवरी से बाहर निकलकर ट्यूब में जाता है तब ज्यादातर महिलाएं ज्यादा यौनेच्छा का अनुभव करती हैं। अध्ययन के अनुसार, लगातार सेक्स की तीव्र इच्छा के कारण इस दौरान यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) का खतरा भी बढ़ सकता है।

    मेंस्ट्रुअल साइकल के वे दिन जब आप कम फर्टाइल होती हैं, तब लिबिडो अपने आप कम होने लगती है। अगर ओव्यूलेशन देरी से होता है, तो महीने में अलग-अलग समय में उत्तेजना चरम पर हो सकती है।

*1. ओव्यूलेशन के दौरान :*

महिलाएं ओव्यूलेशन से ठीक पहले सेक्स की अधिक रुचि दिखाती हैं। 2015 में एक समीक्षा की गई, जिसमें यह देखा गया कि इस समय महिलाएं सेक्स की अधिक पहल करती हैं।

     यह अनुमान लगाया गया कि ओव्यूलेशन के 24 घंटे बाद एस्ट्रोजन का स्तर पीक पर होता है। तीन प्रकार के एस्ट्रोजन हार्मोन में से एक एस्ट्राडियोल महिलाओं में यौन उत्तेजना बढ़ाता है।

  इस फैक्ट को एक और चीज पुख्ता करती है कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में एस्ट्राडियोल कम हो जाता है जिसके कारण यौन इच्छा में कमी आती है।

*2. छुट्टियों के दौरान :*

किसी व्यक्ति की सेक्स की इच्छा समय पर भी निर्भर करती है, ऐसा हम नहीं, बल्कि शोध कहते है। एक शोध किया गया जिसमें यह पाया गया कि वीकेंड में कॉलेज की उम्र की महिलाओं में सेक्स उत्तेजना वीक डेज की तुलना में अधिक थी।

     वीकेंड में एक महिला के सेक्स करने की औसत संभावना 22% दर्ज की गई। जबकि अन्य दिनों में 9% ही थी। इसलिए समय भी सेक्स की इच्छा और उत्तेजना का कारण हो सकता है।

*3. फोलिक्युलर फेज़ में :*

मेंस्ट्रुअल साइकल का पहला चरण फोलिक्युलर फेज़ है, जो लगभग 1-14 दिनों तक चलता है। इस चरण के दौरान, एस्ट्रोजन का स्तर प्रोजेस्टेरोन के स्तर से अधिक होता है। जब ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन में वृद्धि होती है, तो महिलाएं फोलिक्युलर फेज़ के अंत में अधिक सैक्स के लिए उत्तेजित महसूस करती हैं।

   यह ओव्यूलेशन की शुरुआत का प्रतीक है और इस समय में प्रेगनेंसी के अधिक चांस होते है।

*लुटिल फ़ेज में कम हो सकती है यौनेच्छा :*

     इसे मेंस्ट्रुअल साइकल का दूसरा चरण कहा जाता है, ये ओव्यूलेशन के बाद, ल्यूटियल फेज़ है। इस फेज़ में प्रोजेस्टेरोन का स्तर एस्ट्रोजन के स्तर से अधिक होने लगता है।

   लेकिन जब पीरियड होने होते हैं, तो दोनों में गिरावट शुरू हो जाती है, जो एक नए साइकिल की शुरुआत का संकेत देता है।

    इस समय सेक्स की कम इच्छा महसूस होती है। हालांकि हर महिला अपनी भावनाओं को अलग-अलग तरीके से संसाधित करती है।

   इसलिए यौन आनंद के लिए अपने सही समय और सही भावनाओं को समझने की जरूरत है।

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