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दमन में जीता है संकल्पशून्य इंसान

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मीना राजपूत

तिब्बत में एक प्रयोग है
जिसे वो
Heat yog कहते हैं।
जिसे ve संकल्प से गर्मी
पैदा करना कहते हैं।

लहासा university में
प्रत्येक विद्यार्थी को,
परीक्षा के साथ वो प्रयोग में
से भी गुजरना पड़ता था।
वो परीक्षा भी
बड़ी अजीब थी।

सर्द बर्फ से भरी रात में
विद्यार्थियों को नग्न खड़ा
रहना पड़ेगा।
और
उनके शरीर से पसीना
चूना चाहिए।

तब वो
परीक्षा उत्तीर्ण हो सकेंगे।
ना केवल पसीना,
क्यूंकि
पसीना तो सबके,
शरीर से चू जाएगा ,
वो तो प्रयोग है।
कि संकल्प पूर्वक आप
कहे कि सर्दी नहीं है
और
गर्मी है तो शरीर पसीना
छोड़ता है।
Hypnosis में
किसी को भी छूट जाता है।

अगर,
किसी को सम्मोहित कर दे और
कहें कि तेज धूप पड़ रही है
और गर्मी सख्त है।
उस आदमी के
शरीर से पसीना बहना शुरू
हो जाएगा।
जब संकल्प ने स्वीकार कर
लिया तो शरीर को स्वीकार
करना ही पड़ता है।

उस लहासा यूनिवर्सिटी से जब
तिब्बती लामा शिक्षा पूरी करके
बाहर निकलेगा तो उसे ये भी
प्रमाण देना पड़ेगा की
संकल्प की परीक्षा हो।

पसीना तो सबको आ जाएगा
लेकिन ये कैसे पता चलेगा कि
पहला कौन आया
और
दूसरा कौन आया?
इसलिए
सबके पास पानी में
डूबे गीले कपड़े पड़े रहेंगे।

उन कपड़ो को पहनो
और
शरीर को गरमा दो और कपड़े
सुखा दो। जो रात भर में जितने
कपड़े सुखा देगा,
वो प्रथम है।
संकल्प को जगाए।
वासनाओ को दबाना ही,
इसलिए पड़ता है कि,
संकल्प पास में नहीं है।
(चेतना विकास मिशन)

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