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भारत में बढ़ते मोटापे ने खींचा WHO का ध्यान

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      पुष्पा गुप्ता 

पोषण स्वास्थ्य और विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बेहतर पोषण, बेहतर बाल और मातृ स्वास्थ्य नॉन कम्युनिकेबल डिजीज के जोखिम को कम करता है।

    यह सीधे तौर पर लोंगेविटी से भी जुड़ा है। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनइजेशन भारत पर किये गए सर्वेक्षण के निष्कर्ष में स्पष्ट कहता है :

    भारत में करोड़ों बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, तो दूसरी तरफ यहां मोटापा सबसे बड़ी बीमारी के रूप में सामने आया है। अधिक वजन और मोटापा यहां जबरदस्त चुनौती पेश कर रहे हैं। फिजिकल एक्टिविटी में कमी, पोषण संबंधी समस्या के कारण अधिक वजन और मोटापा जैसी समस्या सामने आ रही है।

*क्या कहता है डब्ल्यूएचओ का आंकड़ा?*

    विश्व स्तर पर वर्ष 1975 के बाद से अधिक वजन या मोटापा तीन गुना अधिक बढ़ गया है। 2040 तक भारत में ग्रामीण निवासियों और वृद्ध भारतीयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

    वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन पिछले 15 साल में भारतीय महिलाओं (15 से 49 वर्ष) और पुरुषों (15 से 49 वर्ष) के बीच अधिक वजन या मोटापे पर विश्लेषण करता है।

     इससे पता चला है कि महिलाओं में यह 12.6% से 24%, तो पुरुषों में में 9.3% से 22.9% तक बढ़ गया है। भारत में 20 वर्ष से अधिक उम्र की 4.4 करोड़ महिलाएं और 2.6 करोड़ पुरुष मोटापे से ग्रस्त पाए गए।    

       महिलाओं में मोटापे की व्यापकता के मामले में भारत 197 देशों में 182 वें स्थान पर है। पुरुषों के लिए यह स्थान 180वां है। ये आंकड़े वर्ष 2022 के हैं।

*हमारे नीति आयोग का आंकड़ा क्या है?*

    नीति आयोग के नवीनतम स्वास्थ्य सूचकांक के अनुसार, केरल भारत का सबसे स्वस्थ राज्य है।

   भारत में सबसे अधिक मोटापे की दर वाले राज्य पंजाब में, लगभग 14.2 प्रतिशत महिलाएं और 8.3 प्रतिशत पुरुष मोटापे से ग्रस्त पाए गए।

*कौन हैं मोटापे से ग्रस्त?*

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वसा का असामान्य या अत्यधिक संचय मोटापा है, जो कई तरह के स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है।

    25 से अधिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को अधिक वजन माना जाता है और 30 से अधिक बॉडी मास इंडेक्स को मोटापा माना जाता है।

    यह आंकड़ा तब और महत्वपूर्ण हो जाता है, जब भारत में पहले से ही नॉन कम्युनिकेबल डिजीज का बोझ बहुत अधिक है। हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह उनमें सबसे ऊपर हैं।

    मोटापा एक प्रमुख जोखिम कारक है, जो इन बीमारियों की शुरुआत को ट्रिगर है करता है। यहां तक कि मोटापा किशोरों में भी टाइप 2 डायबिटीज के लिए जिम्मेदार होता है.

*क्या हो सकती है वजह?*

  ‘पारंपरिक खाद्य पदार्थों और फिजिकल एक्टिविटी से दूर होना मोटापे की सबसे बड़ी वजह है। साथ ही आहार विकल्पों में बदलाव भी बड़ा कारण है।

     दालें, साबुत अनाज, फल और सब्जियों जैसे संपूर्ण खाद्य पदार्थों की बजाय प्रोसेस्ड और रिफाइंड कार्ब्स का सेवन वजन बढ़ा रहा है। हमारा पारंपरिक भोजन एनिमल प्रोडक्ट, नमक, रिफाइन आयल, एडेड शुगर पर आधारित नहीं था।

    प्रोसेस्ड फ़ूड क्विक एनर्जी तो देते हैं, लेकिन रिफाइन कार्बोहाइड्रेट, हाई फैट, भी शरीर में जमा होता जाता है। इसके कारण बच्चों में भी तेजी से मोटापा बढ़ रहा है।

*पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मोटापा अधिक :*

   इन दिनों महिलाएं वर्क प्रेशर की वजह से शारीरिक गतिविधियों के लिए कम समय निकाल पाती हैं।

     हेल्दी फ़ूड तक उनकी पहुंच भी कम हो पाती है। दरअसल, पारिवारिक और ऑफिशयल जिम्मेदारियों के कारण वे अपने पोषण को प्राथमिकता नहीं दे पाती हैं।

     इसके अलावा, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति सहित कई जैविक कारक भी महिलाओं के वजन को विशिष्ट  रूप से प्रभावित करते हैं।

      बॉडी में फैट सबसे पहले आपके पेट के आसपास के हिस्से पर जमा होता है, जिसे हम बेली फैट कहते हैं। इसे घटाने के लिए आजकल कुछ लोग डिनर स्किप करने लगे हैं।

     असल में खानपान का समय और तरीका आपके बॉडी फैट का कारण बन सकता है। इसी तरह आपके डिनर करने का तरीका भी आपके वजन को असंतुलित कर सकता है। डिनर में अगर आप हेल्दी खा रही हैं और आप इसे सही समय पर ले रही हैं, तो इससे आपको वेट लॉस में मदद मिलती है।

     इसके विपरित डिनर के बाद लेट जाना या हैवी डिनर करने से आपकी वजन पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है।

रात का खाना हम सभी के लिए एक जरूरी मील है। यह न केवल हमारा पेट भरता है, बल्कि फैमिली के साथ एक अच्छा समय बिताने का अवसर देता है। मगर इसे लेट नाइट करना आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं दे सकता है।

     एक तरफ जहां कुछ लोग वजन कम करने के लिए डिनर स्किप करते हैं, वही आहार विशेषज्ञ इसे थोड़ा जल्दी करने और इसमें सही खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह देते हैं।

*बेली फैट कम करने के लिए डिनर प्लान करते समय याद रखें ये 9 बातें :* 

     1. अदरक-दालचीनी शामिल करें :

  दालचीनी और अदरक सूजन को कम करने और फैट जीन्स को धीमा करने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में आप इन्हे अपने डिनर डिश में शामिल करें।

2. ओटमील :

   ज्यादातर लोग ओटमील को सुबह के नाश्ते में शामिल करते हैं। पर आप चाहें तो इसे डिनर में भी ले सकती हैं। अगर यह थोड़ा मीठा हो तो ये किसी व्यक्ति की मीठा खाने की चाहत को संतुष्ट कर सकता है।

    यानी की ये एक हेल्दी डेजर्ट ऑप्शन साबित हो सकता है, यदि आप ओटमील डेजर्ट तैयार करने का हेल्दी तरीका आजमाती हैं। बीन्स, चावल, जई और अन्य फाइबर युक्त फूड्स फैट बर्न करने के लिए आंत बैक्टीरिया के साथ काम कर सकते हैं।

3. एक्स्ट्रा प्लांट प्रोटीन :

     डिनर में एक्स्ट्रा प्लांट प्रोटीन लेने की सलाह दी जाती है। यह सोया, मटर, नट्स और बीज, जैसे बादाम, पेकान, या सनफ्लावर सीड्स में पाया जा सकता है। इसके अलावा, अतिरिक्त कैलोरी के लिए आप अपने स्मूदी में प्लांट बेस्ड प्रोटीन पाउडर मिला सकती हैं।

4. लीन मीट :

   डिनर में लीन मीट लेने से मेटाबॉलिज्म हाई हो जाता है, जो वेट लॉस में आपकी मदद कर सकता है। लीन मीट में स्किन रहित चिकन ब्रेस्ट, टर्की का सफेद मीट, या बीफ के लीन टुकड़े शामिल हैं। हालांकि, बहुत से लोग शाकाहारी होते हैं, वे इनकी जगह अन्य विकल्प चुन सकते हैं।

  5. डाइट में शामिल करें हरी सब्जियां :

    हरी पत्तेदार सब्जियां, ग्रीन टी और ब्राइट वेजिटेबल्स इंफ्लेमेशन को कम करने और फैट स्टोरेज जीन को बंद करने में मदद कर सकते हैं। ब्राइट, कलरफुल वेजिटेबल्स भोजन योजना में रंग और कुरकुरापन भी जोड़ती हैं। यह भी देखा गया है कि ग्रीन टी पीने से आंत की चर्बी भी कम हो जाती है। ग्रीन टी में कैलोरी कम होती है और इसमें एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (ईजीसीजी) होता है, जिसके अध्ययन से पता चलता है कि यह पेट की चर्बी को प्रभावी ढंग से कम करती है।

6. लो कार्ब डाइट लें :

     लो कार्ब डाइट का पालन करने का मतलब अधिक प्रोटीन का सेवन करना भी है। अंडे, मछली, समुद्री भोजन, फलियां, नट्स, मांस और डेयरी जैसे हाई प्रोटीन फूड्स से भरपूर आहार से कुल मिलाकर पेट की चर्बी कम होती है। ये खाद्य पदार्थ मेटाबॉलिज्म को बूस्ट कर देते हैं, जिससे की पेट की चर्बी को कम करना आसान हो जाता है।

7. फाइबर जरूरी :

    डिनर में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना भी शरीर की चर्बी को दूर रखने में आपकी मदद कर सकता है। फलियां, जई, साइलियम भूसी, चिया सीड्स के साथ-साथ सब्जियां और फल जैसे खाद्य पदार्थ फाइबर के अच्छे स्रोत हैं, जो वेट लॉस में आपकी मदद करते हुए आपकी सेहत के लिए कमाल के होते हैं।

8. ओमेगा-3 फैटी एसिड :

     ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फैटी फिश आंत की चर्बी को कम करने में आपकी मदद करती हैं। रिसर्च से पता चलता है कि प्रति सप्ताह सैल्मन, हेरिंग, सार्डिन, मैकेरल और एंकोवी की दो से तीन सर्विंग लेने से लीवर और पेट की चर्बी को काफी हद तक कम किया जा सकता है। ऐसे में आप इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं।

 9. सेब का सिरका :

     कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सेब का सिरका पीने से शरीर में जमा फैट कम हो जाते हैं। इसे लेने का सबसे अच्छा तरीका पानी के साथ है, क्योंकि सिरका दांतों के इनेमल को नष्ट कर सकता है। ये टॉक्सिंस को बाहर निकालने और लीवर को साफ करने में आपकी मदद कर सकता है। ऐसे में आप इसे डिनर के 1 घंटे पहले अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं

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