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ट्रंप की धमकियों के बावजूद साहिब का मुस्कराना गजब ढा गया!

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susanskriti Parihar

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और मोदी की यारी जगजाहिर रही है। मोदी को भी यह उम्मीद थी उनके मिलने के बाद फिर भाईचारा कायम हो जाएगा। लेकिन भारत को बेनकाब करने की धमकी से मोदी हिल गए और लगातार मुस्कान बिखेरते हुए उनके कटु वचन सुनते रहे।सब कुछ लुटाकर जब भारत आए चेहरा निस्तेज था किंतु अदाएं थीं वही पुरानी।

इस बीच जिन मुद्दों पर हस्ताक्षर हुए उन्हें भी छुपा के रखा गया। लेकिन खबरें जब अमेरिका से भारत आनी शुरू हुईं तो देश की छवि धूमिल नज़र आई। टेरिफ बढ़ाने का मामला हो या अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की टेस्ला कार का सवाल हो सब मामलों में नतमस्तक रहे हमारे देश के साहिब जी। बेड़ियों में जकड़े हिंदुस्तानियों के लिए भी मुंह नहीं खुला।

अब तो भारतवासी भलीभांति समझ गए हैं भारत देश डोनाल्ड ट्रम्प ने गिरवी रख लिया है और देश के नामवर उद्योगपति अडानी अंबानी जैसे लोग अपने व्यवसायों की सुरक्षा हेतु एलनमस्क को पटाने में लगे हैं। जियो का प्लान, देश में साहिब जी के स्नेह और विज्ञापन से फला फूला वह ऐलन की स्टार लिंक के साथ एयरटेल से जुड़ने की खबर से बेताब है।इसका सीधा संदेश यह जा रहा है कि उनके द्वारा पोषित दो उद्योगपतियों को बर्बाद करना है। हालांकि गौतम अडानी तो शिकंजे में पहले ही आ ही चुके हैं।

इतना सब होने के बावजूद साहिब जी कैसे हंस पा रहे हैं ये बड़ा सवाल है क्या इन उद्योगपतियों को मोदी से यह उम्मीद कभी स्वप्न में भी नहीं आई होगी। जिन्होंने उनके तीनों चुनाव में भरपूर सहयोग दिया हो और एवज में देशवासियों को जी भर कर लूटा हो।

लगता तो ये है कि जब एलनमस्क अपने परिवार सहित मिलते हैं तो साहिब का झुकाव घरू उद्योगपतियों से हटकर ऐलन मस्क पर सीमित हो गया हो। राजनीति में ये परिवर्तन आते रहते हैं।अब तमाम विकास के द्वार ऐलन मस्क ही खोलेंगे।

 लेकिन क्या इस परिवर्तन का फायदा मोदीजी को सन् 2029 में आने वाले चुनाव में मिल पाएगा ये संदेहास्पद है जबकि कुछ लोगों का ख़्याल है कि ऐसे दब्बू प्रधानमंत्री को बनाए रखना अमेरिका के हित में होगा।

ऐसे प्रधानमंत्री की बदौलत देश की अर्थव्यवस्था पंगु हो जाएगी और ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह लूट का नया वीभत्स दौर शुरू हो जाएगा।इसके पीछे जो भारत को बेनकाब करने की धमकी दी है उस पर गौर करना चाहिए क्या उन्होंने कोई राष्ट्रविरोधी कामों को अंजाम दिया है या पिछले तीन चुनावी जीत में अमेरिका की सहमति से कोई बड़ा खेला होता रहा है अथवा प्रतिपक्ष नेता को समाप्त करने का कोई ख़तरनाक बीड़ा उठाया है। कोई बड़ी वजह ज़रूर है जिससे अपने आका को गुलाम सब समर्पित कर आया। इस रहस्य से पर्दा उठना ही चाहिए तथा ऐसे धूर्त को सरेआम जनता की अदालत में लाना ही चाहिए।

बहरहाल,वे मुस्कराते रहेंगे उन्हें देशवासियों के लूटने और लुटने से कोई मतलब नहीं है वरना, मंहगाई, बेरोजगारी पर इस तरह निजीकरण का जाल फैला कर चुप्पी ना साधते।हाल का पाॅडकाॅस्ट जो तीन घण्टे से अधिक चला वह ग़मग़ुसार करने और अपनी प्रसिद्धि के लिए हुआ एक जनता के लिए ढिंढोरा ही है।मगर शुक्र ये है एलनमस्क ने ही इसकी पोल गोर्क में खोल दी।

अफ़सोसनाक यह भी हे छोटे छोटे राष्ट्र अमेरिका को आंख दिखा रहे हैं और दुनिया की 140 करोड़ आबादी वाले देश का प्रधान मुस्करा रहा है।दाल में काला तो आंशिक तौर पर चलता है पर पूरी दाल ही काली हो तो ऐसे मंज़र सामने आते हैं। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि डोनाल्ड ट्रम्प की बात वे समझ नहीं पाए इसलिए तालियों की ध्वनि के बीच मुस्कराते रहे। ऐसे लोगों को इस बातचीत का वीडियो देखना चाहिए जहां  मोदीजी के पीछे दो अनुवादक सब बता रहे थे। यह तो महाधूर्तता की निशानी है।असल सच तो अमरीकी धमकी में छुपा हुआ है।जब यह राज खुलेगा निश्चित मोदी देश छोड़कर भाग जाएंगे।

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