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 उत्तर प्रदेश बचाओ भाजपा हटाओ

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,मुनेश त्यागी

 उत्तर प्रदेश में चुनाव आ गए हैं। बढ़ती बेरोजगारी, सबसे अधिक आय असमानता, असुरक्षित महिलाएं, विश्व का सबसे असमान देश और प्रदेश, गिरता रुपया, भ्रष्टाचार को वैधता प्रदान करना आदि देश परदेश की मुख्य समस्याएं रही हैं। पिछले दिनों असहिष्णुता और धार्मिक अतिवाद बढ़ा है, मीडिया अब तक की सबसे खराब स्थिति में पहुंच गया है, वह पूरी तरह से देसी विदेशी पूंजीपतियों की संपत्ति बन गया है और वह खुलेआम गोदी मीडिया बन गया है। जनता की समस्याओं से उसे कुछ लेना-देना नहीं रह गया है जैसे जनता की समस्याएं उसके एजेंडे से पूरी तरह गायब कर दी गई है और वह पूरी तरह से अमीरों की गोद में बैठ गया है।आलोचकों को देशद्रोही बताया जा रहा है। यूपी में नारकीय हालात पैदा हो गये हैं, लोगों को "ठोका" जा रहा है दलितों पिछड़ों को "सही दिशा" दिखाई जा रही है।
 लोगों की आंखों पर जातिवाद, सांप्रदायिकता, धर्मांधता, हिंदुत्ववाद का पर्दा डालकर उनकी आंखों में धूल झोंकी जा रही है। मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है उनसे गुलामी कराए जाने की बात की जा रही है, धर्म संसद द्वारा उनसे नागरिकता के अधिक अधिकार छीनने का प्रस्ताव पास किया जा रहा है। संविधान को ताक पर रखकर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जा रहा है और आश्चर्य की बात यह है कि ऐसे लोगों के खिलाफ, संविधान के खिलाफ काम,  जो संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ कोई प्रभावी कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही है। एक प्रकार से उन्हें छूट दी गई है और उनसे आर एस एस और बी जे पी का एजेंडा हिंदू राष्ट्र बनाने का एजेंडा पूरा कराया जा रहा है। मुसलमानों के साथ खराब बर्ताव करके, स्वर्ण जातियों में वाहवाही लूटी जा रही है।
योगी सरकार का असली एजेंडा संविधान की जगह मनुस्मृति को लागू करना है यानी जनता के तमाम हिस्सों महिला, दलित, आदिवासी, पिछड़े, अल्पसंख्यक, किसानों और मजदूरों को समता, समानता, न्याय, अमन, रोजगार और अपने भविष्य में फैसला करने के अधिकार से वंचित करना, ये रही हैं योगी सरकार की नीतियां। आरक्षण को खत्म करने की मुहिम जारी है, एससी, एसटी की छात्रवृत्ति कम और समाप्त की जा रही है, दलितों पर बढ़ते हमले खौफ पैदा कर रहे हैं। एनकाउंटर के नाम पर अल्पसंख्यकों, दलितों और पिछड़ों पर हमले जारी हैं, शासन प्रशासन में भेदभाव यहां तक हो गया है कि नामी-गिरामी स्वर्ण माफिया आजादी से घूम रहे हैं।
 दलितों, महिलाओं का असहनीय उत्पीड़न जारी है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में दलितों के साथ बलात्कार में 2013 के मुकाबले 2020 में 43 परसेंट का इजाफा हुआ है। हाथरस, मैनपुरी, आगरा, वृंदावन, बलिया, वाराणसी, प्रयागराज, हापुड़, मथुरा आदि में बलात्कार की घटनाएं हुई हैं। 48 परसेंट महिलाएं बेरोजगार हो गई हैं, लड़कियों की शिक्षा का बजट हटाया जा रहा है मां और शिशु मृत्यु दर बढ़ी है। उज्जवला गैस योजना चरमरा गई है। बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, बच्चों का वजन घटा है।
 मुसलमानों की जान और जीविका खतरे में है, हिंदू मुस्लिम के ध्रुवीकरण की खाई को गहरा किया जा रहा है। बालिग लड़के लड़कियों को अपनी मर्जी की शादी से वंचित किया जा रहा है जो भारतीय संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है। योगी सरकार लगातार इसी एजेंडे पर कार्य कर रही है और कानून को और ज्यादा कठोर बनाने की कोशिश में है। कोविड-19 की महामारी मेंडाक्टर,नर्स,दवा बिस्तर और अस्पतालों को लेकर भयानक दृश्य देखने को मिले हैं।
 यूपी की स्थिति बहुत खराब है, आर्थिक स्थिति तो और भी ज्यादा ख़राब है और लोगों की आय भी घटी है। यूपी में प्रति व्यक्ति आय 41,030रू है जो राष्ट्रीय आय 86659 की आधी है, 38% जनता गरीबी रेखा के नीचे चली गई है, मजदूरों की आय घटी है। बढ़ती महंगाई,,,, पेट्रोल, डीजल, बिजली, खाद, पानी और कीटाणु नाशक दवाइयों की बढ़ती कीमतों  ने किसानों की कमर तोड़ दी है। उन्हें फसलों के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। सरकार की नीतियों ने खेती और किसानों को घाटे का सौदा बना दिया है। हालत यहां तक पहुंच गए हैं कि किसानों के बच्चे खेती-बाड़ी करना नहीं चाहते क्योंकि उनको अपनी फसलों का वाजिब दाम समय से नहीं मिलता।
 योगी सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में भी किसी से पीछे नहीं है। ईमानदारी के तमाम दावों के विपरीत, प्रदेश की सरकार के कई घोटाले सामने आए हैं। इनमें सबसे अधिक शर्मनाक है अयोध्या का जमीन घोटाला। अन्य घोटालों में शिक्षा विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, आबकारी विभाग इत्यादि से संबंधित है। अधिकांश सरकारी विभाग भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं, वहां कोई काम बिना रिश्वत के नहीं होता। वहां पर तैनात अधिकारीगण कर्मचारियों को निगल रहे हैं और जनता को तो कोई भी नहीं बख्श रहा है। सबसे बड़ा और शर्मनाक घोटाला तो अयोध्या का रहा है। इस घोटाले में के बारे में जून 2021 में यह बात सामने आई कि मंदिर निर्माण न्यास से जुड़े लोगों ने जमीन खरीदी। यह जमीन बीजेपी के दो दलालों ने दो करोड़ में खरीदी और उसके 15 मिनट के बाद ही उस जमीन को न्यास को साडे ₹18,.5 करोड में बेच दिया। यह है बीजेपी और संघ परिवार से जुड़े लोगों की इमानदारी का एक प्रमाण। ये लोग तो राम को भी नहीं बख्श रहे हैं।
 यूपी सरकार ने संविधान और कानून के सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ करके रख दिया है। धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों को ताक पर रख दिया गया है और संविधान के सिद्धांतों को धता बताया जा रहा है। पांच साल से भाजपा को प्रदेश में बिना किसी रोक-टोक या विरोध के शासन करने का पूरा मौका मिला है। इसके बावजूद प्रदेश की जनता का हाल पहले से अधिक बेहाल हुआ है। यह इस बात का प्रमाण है कि भाजपा का एजेंडा विकास और जनकल्याण नहीं बल्कि कुछ और है।
 गौर से देखा जाए तो प्रदेश की भाजपा भी वही कर रही है जो केंद्र में हो रहा है। संविधान को खोखला बनाया जा रहा है, संवैधानिक संस्थानों को पूरी तरह से निष्प्रभावी बनाया जा रहा है, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में अंधाधुंध निजीकरण करके जनता के बुनियादी अधिकारों और जरूरतों को अनदेखा किया जा रहा है। यही नहीं पुलिस प्रशासन और न्यायपालिका का बड़े ही अनुचित और गलत तरीके से इस्तेमाल करके आम जनता को अन्याय और शोषण का शिकार बनाया जा रहा है और चंद शोषकों और अमीरों को मालामाल किया जा रहा है।
 न्याय सरकार के एजेंडे में नहीं है। प्रदेश में लाखों मुकदमे पेंडिंग है मगर मुकदमों के अनुपात में जज नहीं हैं, पेशकार नहीं हैं, बाबू नहीं है, स्टेनो नहीं हैं, अदालतें नहीं हैं। हालत यह है कि लोगों को 600-700 किलोमीटर दूर न्याय लेने के लिए जाना पड़ता है मगर वहां भी समय से न्याय नहीं मिलता। हाईकोर्ट में 40 परसेंट से ज्यादा जजों की सीटें वर्षों से खाली पड़ी हुई है।लोअर ज्यूडिशरी में 25 परसेंट से ज्यादा न्यायिक अधिकारी गण नहीं है, अस्सी परसेंट क्लर्क और बाबू नहीं है वहां पर "अजीरों" से काम चलाया जा रहा है।  वकीलों द्वारा लगातार शिकायत करने और मांग करने के बावजूद भी सरकार इस ओर कोई कदम उठाने को तैयार नहीं है।
 प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री खुलेआम धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और धर्मनिरपेक्षता और संविधान के सिद्धांतों को पूरी तरह ताक पर रख रहे हैं। यूपी चुनाव में बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है। वह हिंदू मुसलमान के नाम पर ध्रुवीकरण करना चाहती है और इसी पर वोट पाना चाहती है। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और किसान मजदूरों की समस्या उसके लिए कोई मुद्दा नहीं है। भाजपा के शासन और नीतियों के कारण प्रदेश में अंधेरा ही अंधेरा नजर आता है भविष्य में प्रकाश की जनता के कल्याण की कोई किरण नजर में नहीं आती। उपरोक्त तथ्यों के प्रकाश में हम यही कहेंगे कि ,,,

भाजपा को हराओ,
संविधान बचाओ
देश बचाओ
प्रदेश बचाओ।

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