Site icon अग्नि आलोक

जन्नते कश्मीर में सुरक्षा सवालात और भारत जोड़ो यात्रा 

Share

सुसंस्कृति परिहार 

पठानकोट वाया कठुआ लखनपुर से भारत जोड़ो यात्रा जम्मू कश्मीर केंद्र शासित राज्य में आखिरकार प्रवेश कर गई है उधर सुरक्षा एजेंसियां राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह जबकि उनकी सुरक्षा को लेकर पूरी तैयारी कर चुके हैं वे खतरों वाले स्थान पर विशेष अभियान चला रहे हैं।इसके बावजूद कुछ एजेंसियां उन्हें आगे का सफर कार से करने का परामर्श दे रहे हैं। केन्द्र शासित राज्य में सारी सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत सरकार के गृहमंत्रालय की है।

बहरहाल यात्रा जवाहर टनल से ना जाकर  बनिहाल टनल से 30जनवरी श्रीनगर में होगी।।यह दिन राष्ट्रपिता बापू की शहादत का दिन होगा।जब इसका समापन होगा। जिसमें तकरीबन 21विपक्ष के नेताओं को आमंत्रित किया गया है ।यात्रा जम्मू के लखनपुर से होते हुए कठुआ, हीरानगर, बनिहाल टनल होते हुए कश्मीर घाटी तक जाएगी।जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की प्रभारी रजनी पाटिल ने 17 जनवरी को बताया था कि लखनपुर में नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, सीपीएम नेता यूसुफ तारिगामी और शिवसेना नेता संजय राउत राहुल गांधी का स्वागत करेंगे।श्रीनगर में 30 जनवरी को एक विशाल रैली के साथ यात्रा का समापन होगा। यात्रा जम्मू के लखनपुर से होते हुए कठुआ, हीरानगर, बनिहाल टनल होते हुए कश्मीर घाटी तक जाएगी।

पहले यह यात्रा 26जनवरी को श्रीनगर में झंडारोहण करने वाली थी किन्तु सरकारी कार्यक्रम के मद्देनजर अब गणतंत्र दिवस झंडारोहण का कार्यक्रम बनिहाल में होगा।खास बात ये है कि राहुल गांधी को कश्मीर में जिस तरह अटूट समर्थन मिलने की तैयारी है उससे सरकार भौंचक है यहां तमाम विपक्षी एकजुटता से भाजपाइयों के हौसले बुलंद हैं।धारा 370को जिस तरह बिना विधानसभा की अनुमति से पास किया गया वह कश्मीरियत के साथ बड़ा धोखा है।इससे कश्मीर में अंदर अंदर आग सुलगी हुई है। यहां ना तो धारा 370हटाने का कोई असर आतंकवाद पर हुआ ना ही केन्द्र शासित होने का। इसके उलट कश्मीरी पंडित आज भी सुकून में नहीं है वे पहले वाले भाईचारे की बात करने लगे हैं ऐसे हालात में राहुल का नफरत के विरुद्ध मोहब्बत का पैगाम दवा का काम करेगा ।

एक बात और इसी वर्ष जल्द यहां चुनाव होने की चर्चा थी किन्तु चुनाव आयोग ने राहुल की लोकप्रियता के कारण मेघालय, नागालैंड,त्रिपुरा में तो चुनाव की घोषणा कर दी पर जम्मू कश्मीर में चुनाव घोषित नहीं किए।जबकि सीमांकन वगैरह की पूरी तैयारी हो चुकी है। यहां की अवाम भी लंबे समय से चुनाव की मांग कर रही हैं। विदेशों से भी जम्मू कश्मीर में चुनाव करवाने का दबाव बनाया गया था लेकिन डाक के वही तीन पात।

कुल मिलाकर भारत जोड़ो यात्रा को कश्मीरियों से कोई ख़तरा नहीं है। भारत सरकार को यदि चिंता है तो उसकी तैयारी के उचित निर्देश दें। सुरक्षा के सवालात हल होने ही चाहिए। राहुल गांधी को भी सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक ही यात्रा ज़रूरी है वरना उनकी उपेक्षा का आरोप लगेगा ही।विश्वास है यह यात्रा अपने लक्ष्य में सफल रहेगी।अमीन।रब्बा ख़ैर करे।

Exit mobile version