Site icon अग्नि आलोक

शरीर की सुंदरता के लिए तिल के तेल का स्नान

Share

    कोमल कुमारी, व्यूटीशियन 

मौसम में ठंडक बढ़ने से उसका असर त्वचा पर दिखने लगता है। इससे स्किन का रूखापन बढ़ने लगता है और त्वचा को डलनेस और खुजली का सामना करना पड़ता है। इचिंग से राहत पाने और त्वचा को ग्लोइंग और हेल्दी रखने के लिए स्किन मॉइश्चराइजिंग कारगर उपाय है।

   बॉडी व्यूटी के लिए महिलाएं क्या-क्या नहीं करती है. वे गोल्ड फेसियल, पर्ल फेसियल और बोटाक्स जैसे कॉस्टली उपाय अपनानती हैं. अब तो स्पर्म फेशियल भी है. यह सबसे ज्यादा चमत्कारी रिजल्ट दे रहा है. लेकिन यह प्लास्टिक सर्जरी से कम महंगा नहीं है. इसका कारण यह है की शुद्ध वीर्य लाखों पुरुषो मे से किसी एक का मिलता है. जिसे बतौर डेमो ट्रायल करके सीमेन फेशियल का चमत्कार देखना हो, वह एक बार हमारे पूज्यवर डॉ. ‘मानवश्री’ का वीर्य निःशुल्क ऑब्जर्व कर सकती है.

    इससे इतर अगर स्किन के रूखेपन को कम करने के लिए किसी नेचुरल इंग्रीडिएंट की तलाश में हैं, तो तिल का तेल कारगर उपाय है।

        आयुर्वेद से लेकर विज्ञान तक में हैं तिल के तेल से स्नान स्वीकृति है. चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने और रूखेपन से बचने के लिए तिल के तेल का स्नान फायदेमंद साबित होता है।  स्किन में आने वाले बदलावों से निपटने तिल के तेल की कुछ बूंद को पानी में डालकर नहाने से स्किन को फायदा मिलता है। इससे स्किन की नमी बनी रहती है और त्वचा को फैटी एसिड की प्राप्ति होती है, जिससे चेहरे पर दिखने वाली फाइन लाइंस को कम किया जा सकता है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार तिल के तेल में विटामिन ई की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिसे लगाने से ऑक्सीडेटिव तनाव कम होने लगता है और टिशू व सेल्स डैमेज के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके अलावा त्वचा पर बढ़ने वाला यूवी रेज़ का प्रभाव भी कम होने लगता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंटस, एंटी माइक्रोबियल और एंटीū इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं।

      जर्नल ऑफ द सोसाइटी ऑफ कॉस्मेटिक केमिस्ट्स के अनुसार तिल के तेल में नॉन कॉमेडोजेनिक प्रॉपर्टीज़ पाई जाती हैं, जो त्वचा के लिए बेहतरीन विकल्प है। इससे त्वचा को प्रदूषण और कई प्रकार के बैक्टीरिया से बचाने से मदद मिलती है। 

*1. त्वचा मॉइश्चराइज़र :*

शुष्क हवाओं के चलते त्वचा का रूखापन बढ़ने लगता है, जो अर्ली एजिंग का कारण साबित होता है। ऐसे में तिल के तेल की मसाज लेने या फिर उसे पानी में मिलाकर नहाने से स्किन को विटामिन ई, स्टीयरिक एसिड और लिनोलिक एसिड की प्राप्ति होती है। इससे त्वचा को मुक्त कणों से होने वाली क्षति से बचाया जा सकता है।

*2. स्किन-ग्लो मेंटेनिंग :*

त्वचा की खूबूसूरती दिनों दिन कम होने लगती है। अगर आप स्किन को नमीयुक्त और हाइड्रेट रखना चाहती हैं, तो उसके सीसेम ऑयल बाथ लें। इससे त्वचा की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है। इसमें मौजूद पॉली अनसेचुरेटिड फैट स्किन की लेयर्स में बढ़ने वाली डलनेस को कम करने के लचीलेपन को बनाए रखता है।

*3. एक्ने रिमूवर :*

तिल का तेल नॉन कॉमेडोजेनिक तेल है, जिससे रोमछिद्रों के बंद होने यानि क्लॉग पोर्स की समस्या हल हो जाती है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लामेटरी गुण मुंहासों के बढ़ने और उसमें होने वाली सूजन को कम करते हैं। दरअसल, स्किन में आसानी से एब्जॉर्ब हो जाने के कारण, त्वचा की नमी को एक्सफोलिएट करने में मदद करता है, जिससे एक्ने से बचा जा सकता है।

*4. स्किन के टैक्सचर को सुधार :*

उम्र के साथ त्वचा में थिननेस बढ़ जाती है, जिससे स्किन को झुर्रियों का सामना करना पड़ता है। तिल के तेल का स्नान करने से बैक्टीरिया को दूर करने के अलावा स्किन की लेयर्स को हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है। इससे स्किन सेल्स को रिपेयर करने में मदद मिलती है और स्किन का पीएच स्तर बना रहता है।

*तिल के तेल से स्नान का  तरीका :*

त्वचा को हेल्दी बनाए रखने के लिए एक बाल्टी पानी लेकर उसमें 5 से 6 बूंद तिल का तेल मिला लें। हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।

      अब इस पानी से स्नान कर लें। आसानी से स्किन में अवशोषित होने वाले इस ऑयल से चिपचिपाहट का जोखिम कम होने लगता है और त्वचा का रूखेपन से बचाया जा सकता है। 

      महिलाओं में त्वचा का रूखापन बड़ी मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में उन्हें इस प्रकार से स्नान करने की सलाह दी जाती है।

Exit mobile version