रीवा । विंध्यांचल जन आंदोलन के नेता लोकतंत्र सेनानी अजय खरे ने कहा है कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के द्वारा 31 कैबिनेट और राज्य मंत्रियों के अतिरिक्त लंबे समय से करीब ढाई सौ लोगों को कैबिनेट और राज्यमंत्री स्तर का दर्जा देकर उपकृत किया जाना अत्यंत आपत्तिजनक एवं सरकारी खजाने की फिजूलखर्ची है। जब जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों के बीच से मंत्री बनाने की संख्या निर्धारित है ऐसी स्थिति में मंत्री स्तर का दर्जा और सुविधाएं बांटना असंवैधानिक है। श्री खरे ने कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा का सदन 230 सदस्यों का है । ऐसी स्थिति में 15% के हिसाब से शिवराज मंत्रिमंडल में 34 सदस्य हो सकते हैं लेकिन वर्तमान में अभी 31 मंत्री ही हैं। श्री खरे ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने 15% से अधिक मंत्री बनाने पर रोक लगा रखी है तब दूसरे तरीके से मंत्री स्तर का दर्जा देना सही नहीं ठहराया जा सकता । श्री खरे ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान ने भारी-भरकम अघोषित मंत्रिमंडल बना रखा है जो वास्तविक मंत्रिमंडल से कई गुना बड़ा है। ऐसे लोगों को कैबिनेट और राज्य मंत्रियों की तरह सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना क्या जन धन का अपव्यय और नियमों का दुरुपयोग नहीं है। श्री खरे ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करके तीन और मंत्री बना सकते हैं लेकिन उनके द्वारा मंत्री स्तर का दर्जा देकर संवैधानिक व्यवस्था का दुरुपयोग करना अत्यंत आपत्तिजनक और जनविरोधी कृत्य है जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है।