लखनऊ
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की रोशनी में अगले लोकसभा चुनाव के नतीजों के संकेत भी मिले हैं। यही मौजूदा जनादेश अगर दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के वक्त बरकरार रहे तो उस आधार पर भाजपा को 51 लोकसभा सीट मिल सकती हैं।
इतनी लोसकभा सीटों पर भाजपा ने अभी बढ़त हासिल की है और मुख्य विपक्षी पार्टी के लिए भी बेहतर उम्मीदें मौजूदा प्रदर्शन से जगी हैं। इसी आधार पर समाजवादी पार्टी को 22 सीटें हासिल हो सकती हैं। वहीं अन्य दल 7 सीटों पर संतोष कर सकते हैं।
इन संकेतों के आधार पर सियासी दलों के पास अपनी ताकत बढ़ाने व मनमाफिक नतीजे पाने का पूरे दो साल का मौका है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने शानदार प्रदर्शन को बरकरार रखा है, हालांकि सीटों में कमी आई है। फिर भी इस बार जीती 255 सीटों को पांच के औसत से लोकसभा क्षेत्र के अनुसार गणना करें तो 51 सीटें भाजपा को मौजूदा जनाधार पर मिल सकती हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 62 सीटें जीती थीं और सपा ने पांच जबकि बसपा ने 10 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को एक सीट मिली थी।
लोकसभा चुनाव में बढ़त वाले इलाके में भाजपा इस बार भी आगे
जीती गई लोकसभा सीटों के दायरे में आने वाली विधानसभा सीटों का विशलेषण करें तो भाजपा को उस वक्त 275 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल हुई थी। इस बार जीती 255 में 222 सीटें पार्टी ने वहीं जीती हैं जहां पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बढ़त बनाई थी। जहां तक समाजवादी पार्टी की बात है उसने इस बार 111 सीट पाईं हैं और गठबंधन के सहयोगियों को 14 सीटें मिली हैं। यही गठबंधन इसी आधार पर लड़ता है तो उसे 25 सीटें मिल सकती हैं।