डॉ. प्रिया
सिर दर्द इतनी आम समस्या है कि किसी को भी, कभी भी हो सकता है। पर सिर दर्द का अर्थ सिर्फ सिर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपकी गर्दन, चेहरे और कान को भी अपनी चपेट में ले सकता है। लोग किसी भी तेज सिर दर्द को ज्यादातर माइग्रेन समझते हैं। जबकि माइग्रेन इसकी गंभीर स्थिति है।
माइग्रेन का एक रूप ऐसा भी है, जिसमें मरीज को सिर दर्द नहीं होता है। इसके लक्षण कुछ अलग तरह से नजर आते हैं। इसे मेडिकल टर्म में साइलेंट माइग्रेन (साइलेंट माइग्रेन) कहा जाता है।
माइग्रेन शरीरिक समस्याओं में सबसे कॉमन है। इसके उपचार के लिए मरीज न्यूरोलॉजी विभाग से संपर्क करते हैं। माइग्रेन की समस्या में काम प्रभावित होता है।
जर्नल ऑफ हेडेक एंड पेन में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार भारतीय लोगों में हर साल 25 प्रतिशत से अधिक लोगों को यह समस्या हो रही है। जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या है उनमें एक पुरूष और तीन महिलाओं में यह गंभीर समस्या बन हो जाती है।
रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 18 से 25 प्रतिशत महिलओं में माइग्रेन की समस्या हो रही है। यह समस्या किसी को परेशान करने व असहनीय दर्द देने वाली बीमारियों में से एक है।
*साइलेंट माइग्रेन है खतरनाक :*
जिस मरीजों को माइग्रेन की गंभीर समस्या होती है, उन्हें प्रोड्रोमल के चरण से गुजरना पड़ता है। इस दौरान मरीज को थकावट, जम्हाई, पेट से संबंधित समस्या सहित अन्य समस्याओं का अनुभव होता है।
इसके साथ आंखों में समस्या भी हो सकती है, जिसमें आंखों की रोशनी से संबंधित परेशानी हो सकती है।
डॉ गाेयल बताते हैं कि माइग्रेन के गंभीर मामलों दिमाग का संतुलन भी बिगड़ सकता है। चक्कर, भ्रम, पेट दर्द जैसी समस्याएं तो आम हैं ही।
*एक घंटे से लेकर तीन दिन तक भी बनी रह सकती है समस्या :*
30 प्रतिशत से अधिक मरीज ऐसी समस्याओं का सामना 15 से 60 मिनट तक करते हैं। इसके बाद उल्टी, सुनन व देखने में समस्या के साथ अधिक सिरदर्द का सामना करते हैं। ज्यादातर यह दर्द असहनीय हो जाता है। जिससे नींद प्रभावित होती है। ऐसे में गर्भावस्था में दवाएं भी नुकसान करती हैं।
चार घंटे से अधिक व कभी कभी तीन दिन तक यह समस्या बनी रह सकती है। कभी-कभी मरीज माइग्रेन के दौरान दर्द को महसूस नहीं करता है, उसे साइलेंट माइग्रेन कहा जाता है।
*क्या हो सकते हैं इसके लक्षण :*
माइग्रेन की शुरूआत 20 और 30 वर्ष की आयु में हो सकती है। सबसे ज्यादा वयस्कों को इसका सामना करना पड़ता है। साइलेंट माइग्रेन में भ्रम की स्थिति, पेट दर्द, स्ट्रोक आदि जैसे लक्षण हैं।
साइलेंट माइग्रेन के बाद अगर भयंकर सिरदर्द होता है, तो ब्रेन स्कैनिंग के साथ डॉक्टर से परामर्श लेना सही रहेगा। इससे किसी गंभीर समस्या से बचना आसान हो पाएगा।
*साइलेंट माइग्रेन का इलाज :*
माइग्रेन के इलाज से माइग्रेट माइग्रेन का अलग नहीं है। इस समस्या में राहत पाने के लिए पैरासिटामोल, नेप्रोक्सन जैसी दर्द कम करने वाली दवाईयों का सहयोग लिया जाता है। विशेषज्ञ विशेषज्ञ हैं यदि यह समस्या आपका दैनिक जीवन प्रभावित होने लगी है, तो ऐसे मामले में बीटा-ब्लॉकर्स, ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट जैसी दवाओं को लेना चाहिए।
इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि आप खुद को पढ़ाए गए तरीकों को अपनाएं। ताकि माइग्रेन की समस्या को कम किया जा सके।