अग्नि आलोक


नेहरू के नाखून के बराबर भी नहीं हो साहब

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पंडित नेहरुजी ने अपने जीवनकाल में 112 किताबे लिखी..अगर आप 1 साल में नेहरुजी की लिखी 4 किताबें भी पढ़ते है तो आपको सारी किताबें पढ़ने में 28 साल लगेंगे..और जब जाहिलों की तरह नेहरुजी को गाली देते है तब ख़ुद की नस्लों को बरबाद करने के अलावा कुछ नहीं करते..

◆ 84 देशों में नेहरुजी की मूर्ति लगी हुई है, असंख्य देशों में सड़कों और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों के नाम नेहरुजी पर रखे हुए है..विश्व की 80 से ज़्यादा यूनिवर्सिटी में नेहरुजी की लिखी किताबें पढ़ाई जाती है..ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में “ओरिएंटेशन कोर्स” में नेहरुजी को पढ़ना अनिवार्य है..विश्व की कई यूनिवर्सिटी में नेहरुजी के नाम पर सरकारी स्कॉलरशिप है, “चेयर” है

★★ पंडित नेहरुजी की लिखी हुई किताबों की “रॉयल्टी” आज भी करोड़ो में है..ये सारा पैसा भारत सरकार के ख़ज़ाने में जाता है..गांधी परिवार को रॉयल्टी का एक ₹ नही मिलता..(ये आपको कोई नहीं बताता)

 मेरा एक सिद्धांत है : जिसकी आलोचना करता हूँ उसकी लिखी हुई सामग्री ज़रूर पढ़ता हूँ..दावे के साथ कहता हूँ कि जितना संघी साहित्य मैंने पढ़ा है उतना तो मोदी/भागवत ने नही पढ़ा होगा..तभी मुझे संघी दिमाग़ की शैतानी सोच का इल्म है..

 जो भी नेहरुजी के आलोचक है उन्हें कहता हूँ कि नेहरुजी की लिखी कोई भी 10 किताब पढ़िए..नेहरुजी की सोच को समझिए..उसके बाद नेहरुजी की आलोचना कीजिए..दावे के साथ कहता हूँ कि नेहरुजी को पढ़ने के बाद उनकी आलोचना करना एक चुनौती होगी..

 अगर नेहरुजी को नही पढ़ना चाहते तो सरदार पटेल ने नेहरुजी पर जो लिखा है उतना ही पढ़ लीजिए..वादा है नेहरुजी के आलोचक सरदार पटेल को “देशद्रोही” घोषित कर देंगे..इंडिया फर्स्ट, नेहरुजी फर्स्ट..

 #krishiyer जी की कलम से

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