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चेचक, मेकअप और सड़क?

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शशिकांत गुप्ते

चिकित्सविज्ञान के कारण बहुत सी बीमारियों पर हमने नियंत्रण पा लिया। नियंत्रण पा लेना और बीमारी जड़मूल से खत्म हो जाने में फर्क है।
पचास वर्ष पूर्व चेचक (Smallpox) की बामारी बहुत लोगों को होती थी।
इस बीमारी के बाद शरीर पर और चेहरे पर छोटे छोटे खड्डे पड़ जाते हैं। जो आजीवन बने रहतें है।
चेचक की बामारी मानव को छोड़ अब देश की सड़कों को होने लगी है।
सड़कों को चेचक की बामारी के कारण बड़ेबड़े खड्डे हो जातें हैं सड़को पर पड़ने वाले खड्डों के कारण सड़के तो स्वयं त्रस्त होती ही है, साथ ही सड़क पर चलने वाले राहगीर भी परेशान हो जातें हैं।
बीमार सड़को पर वाहन चालक और वाहन दोनों ही क्षतिग्रस्त हो जातें है। क्षतिग्रस्त वाहन को वाहनों के चिकित्सालय में मतलब गैराज में दूसरे वाहन पर लाद कर ले जाना पड़ता है।
राहगीर जब क्षतिग्रस्त होतें हैं,तो उन्हें एम्बुलेंस में सवार करवाना पड़ता है। यह सुविधा कुछ भाग्यवानों को ही नसीब होती है। जो अभागी होता है वह खुद ही जैसे तैसे उठकर चलने लगतें हैं। क्षतिग्रस्त को देखने वालों की भीड़ में यदि कोई एक “मानव” होता है तो वह अपनी मानवीयता दिखाता है। और क्षतिग्रस्त को अस्पताल पहुँचा देता है। लेकिन सौभाग्य से अस्पताल में उपस्थित चिकित्सा कर्मी में मानवता जागती है तो ही, क्षतिग्रस्त की अस्पताल में भर्ती हो सकती है? अन्यथा एक्सीडेंट केस कहकर स्वयं को कानूनी कार्यवाही से अछूता रखने की अमानवीयता कारण क्षतिग्रस्त को दूसरे या सरकारी अस्पताल ले जाने की सलाह दी जाती है।
सड़कों को लगने वाली बीमारी के कारणों की खोज करने पर यह पता चलता है, सड़के स्वप्न सुंदरी का खिताब प्राप्त अभिनेत्री रुखसार जैसे होने से उन्हें नजर लग जाती है।
प्रायः अभिनेत्री श्रृंगार करती है। मतलब मेकअप करती है।
मेकअप अंतः उतरता ही है।
मेकअप की गुणवत्ता पर श्रृंगार अवलंबित होता है।
सडकों के लिए उपयोग में आने वाला मेकअप के सामान की गुणवत्ता सम्बंधित मंत्री,सरकारी अभियंता और अन्य कर्मचारियों के साथ ठेकेदार के आपस सम्बंधों में कितनी मिठास है उस पर निर्भर है।
यह मिठास बहुत अजब गजब तरह की होती है। खग ही जाने खग की भाषा।
कभी कभी यह मिठास इतनी अधिक हो जाती है कि, निर्माणाधीन सड़क ही क्षतिग्रस्त हो जाती है। या कभी कभी सड़क के पूर्ण रूप से बनने के तुरंत बाद ही सड़क के उदघाटन समारोह का भार ही सड़क सहन नहीं कर पाती है। जमीन में धंस जाती है।
अतिमिठास भी स्वास्थ के लिए हानिकारक होती है।
मधुमेह की बीमारी इनदिनों फैशन हो गई है।
एक बात बहुत ही महत्वपूर्ण है। जो याद रखना चाहिए। मध्यप्रदेश की सड़कें वाशिंगटन की सड़कों से भी बेहतर है। बकौल शिवजी के।

शशिकांत गुप्ते इंदौर

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