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सौरमंडल की सैर

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मुनेश त्यागी

  प्रिय एवं आदरणीय ,
आज मैं आपको सौरमंडल की सैर कराना चाहता हूं और बताना चाहता हूं कि कुछ स्वार्थी, अंधविश्वासी, धर्मांध और पाखंडी लोग, लोगों का मूर्ख बना कर अज्ञान फैलाते हैं और अंधविश्वास फैलाते हैं और अपनी पेट पूजा के लिए अज्ञानता फैलाते हैं।
 हमारे सौरमंडल के केंद्र में सूर्य हैं और सूर्य के 10 ग्रह हैं जिनके नाम बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, यम, प्लेटो और जैना हैं। अब आप देखिए इसमें राहु और केतु का कहीं नाम नही है। मगर स्वार्थी और पेट के पुजारी राहु और केतु को ग्रह बतलाते हैं। उनका तो आलम यह है कि वह सूरज और चांद को भी ग्रह बताते हैं जबकि सूरज और चांद ग्रह नहीं है बल्कि सूरज स्टार है, तारा है और चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है। यह भी ना ग्रह है ना तारा है। यह सूर्य के प्रकाश से चमकता है इसकी अपनी कोई रोशनी भी नहीं है।
 सूरज इन सारे ग्रहों को लेकर ब्रह्मांड के चक्कर लगाता है और पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती हुई 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है, जिससे दिन रात होते हैं और 365 (366) दिन में सूरज का चक्कर लगाती है जिसे हम एक वर्ष कहते हैं। संक्षेप में यही हमारे सौरमंडल की हकीकत है।
 हमने सोचा कि इस छोटे से लेख को अपने साथियों के साथ साझा किया जाए और उनकी जानकारी में सौर मंडल को लेकर वृद्धि की जाए और अगर कोई अंधविश्वास या धर्मांता है तो वह निकाली जाए, दूर की जाए।
 आपकी सहायता के लिए हमने दो चित्र भी पोस्ट किए हैं जिससे आपको सूरज और उनके ग्रह के बारे में पता लगेगा और हमारे ज्ञान में वृद्धि होगी इसके अलावा हमारा और कोई मंशा नहीं है। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना भी हमारा मतलब मकसद नही है। हम सिर्फ ज्ञान की बातें कर रहे हैं और ज्ञान के साम्राज को बढ़ाना चाहते हैं और जो लोग ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु केतु के चक्कर में पड़े हैं, वे उस जाल से निकल जाएं।
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