-निर्मल कुमार शर्मा
आज इस देश का हर व्यक्ति इस बात को खूब ठीक से समझ रहा है कि इस देश में दंगे भड़काने का असली सूत्रधार कौन है ? और दंगाई के तौर पर बदनाम कर बुलडोजरों से किसका घर और दुकान उजाड़ा जा रहा है ? इस अटलसत्य को जानते हुए भी अगर इस बात से कोई अपनी आंख मूंदकर,कुछ अन्यथा,झूठ और अनर्गल प्रलाप कर रहा है,तो इसमें तीन बातें हो सकतीं हैं,पहला या तो वह वर्तमान समय के सरकार के कर्णधारों के अहसान के नीचे दबा हुआ है,दूसरा या तो उनसे बेहद डरा हुआ है और तीसरा या तो वह सत्ता के कर्णधारों के कुकृत्यों के खिलाफ जाकर परम् सत्य से मुंह मोड़कर सत्ता से दुश्मनी करके अपने भविष्य को बिगाड़ना नहीं चाहता है या अपनी मौत से डरनेवाला कायर, नपुंसक और बुजदिल व्यक्ति है ! जो उक्त वर्णित तीनों कारणों से सत्य बात कहने की हिम्मत और जज्बा नहीं रखता !
वास्तविकता और कटु सच्चाई यह है कि चाहे दिल्ली की जहांगीरपुरी में दंगे भड़काने का मामला हो या किसानों के हत्यारे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के मध्यप्रदेश का खारगौन जिला हो,या अपराधिक पृष्ठभूमि का और स्वयं के तमाम अपराधों का गुनाहगार खुद ही अपनी सजा माफ कर लेने वाला श्री अजय सिंह बिष्ट जो तथाकथित योगी कहलाने वाला उत्तर प्रदेश का मोदी जी के तमाम तिकड़मों से पुनःसत्ता हथिया लेने वाला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के इलाके यथा बीएचयू,अलीगढ़, रूड़की,मुरादाबाद हो या देश के अन्य जगहों मसलन जेएनयू,गुजरात,राजस्थान, पश्चिम बंगाल,उत्तराखण्ड या कर्नाटक का कुन्नूर हो ! सभी जगह सांप्रादायिकता का बिषबीज बोने का तरीका एक जैसा वही है,जो दिल्ली की जहांगीरपुरी में अपनाया गया ! सभी में अद्भुत साम्यता है ! मानो बजरंग दल जैसे आतंकवादियों को आतंकवाद के ट्रेनिंग सेंटर में एक ही तरह का प्रशिक्षण दिया गया हो !
मिडिया में आई तमाम रिपोर्ट्स के अनुसार 16 अप्रैल 2022 को हनुमान जयंती पर दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके के मुस्लिम बहुल इलाके में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक अनुषांगिक उग्र संगठन जिसे बजरंग दल कहते हैं,के लगभग 200 गुंडे और आतंकवादियों का एक दल वहां की गलियों में अपने हाथों में पिस्तौल और नंगी तलवारें लहराते हुए, ‘अब मुल्ले कटेंगे ‘ के नारे लगाते हुए बार-बार जुलूस निकाल रहे थे ! इसकी पुष्टि वहां के लोगों द्वारा बनाई गई विडियो,जो सोशल मीडिया के विभिन्न समाचार चैनलों में बार-बार दिखाई जा रही है ! से पूरी तरह साबित हो रही है। समाचार चैनलों में प्रसारित समाचारों के अनुसार उक्त वर्णित जुलूस वहां के स्थानीय लोगों द्वारा कतई आयोजित नहीं किया गया था,अपितु यह ‘किसी संगठित,शातिर और धूर्त बाहरी लोगों ‘के द्वारा आयोजित किया गया था,ताकि वहां दशकों से शांतिपूर्वक रह रहे हिंदू-मुस्लिम समुदायों में धार्मिक वैमनस्यता का बीजारोपण किया जा सके ! प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इन शातिर गुंडों का समूह हद की सारी सीमा तब लांघ गये,जब वे तीसरी बार तलवार और पिस्तौल लहराते हुए और ‘अब मुल्ले कटेंगे ‘के नारे लगाते हुए एक मस्जिद के सामने रूक गये,जहां स्थानीय मुसलमान लोग अपने रोजा खोलने के लिए इकट्ठा हो रहे थे ! मिडिया रिपोर्ट के अनुसार ये बजरंग दल के उग्रवादी और आतंकवादियों का समूह मस्जिद पर अपना झंडा लगाकर उसे फहराने का भी कुकृत्य किया था ! इतना होने के बाद स्वाभाविक तौर पर वहां के स्थानीय लोग इकट्ठे हो गये , स्थानीय लोगों की संख्या ज्यादा होते ही ये बजरंग दल के उग्रवादी और आतंकवादी भाग खड़े हुए !
उक्त कुकृत्य करने के बाद दिल्ली बीजेपी का अध्यक्ष आदेश गुप्ता नामक दरिंदे ने इस घटना में आग में घी डालने का कुकृत्य करते हुए यह अफवाह उड़ानें वाला यह बयान देकर कि ‘ इस इलाके में रोहिंग्या मुसलमानों का गढ़ है,जो सारे गैर कानूनी कार्यों में संलिप्त हैं ‘,बाकी काम बीजेपी के पेड आईटी सेल वालों ने कर दिया ! जबकि वास्तविकता यह है कि पचास साल पूर्व बसे इस इलाके में 80 प्रतिशत मुसलमान उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से रोजी-रोजगार के लिए आकर बसे हैं,शेष 20 प्रतिशत मुसलमान और हिन्दू दोनों ही पश्चिम बंगाल से आकर बसे हैं ! दिल्ली विकास प्राधिकरण के एक रिटायर्ड आफिसर के अनुसार यह कालोनी वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल के समय दिल्ली विकास प्राधिकरण के माध्यम से दिल्ली के 40जगहों में,जिसमें यह जहांगीरपुरी इलाका भी सम्मिलित है,में फुटपाथ पर गुज़र-बसर करनेवाले गरीब-गुरबे लोगों के लिए एक पुनर्वास योजना के तहत बहुत सस्ते दरों पर 25-25गज के प्लाट आबंटित करके इस कालोनी को बसाया था ।
गुजरात दंगों के मुख्य मास्टरमाइंड और सूत्रधार और फासिस्ट मोदी तथा गुजरात दंगों में सीधा संलिप्त और तड़ीपार की सजा पाए अमित शाह ने इस इलाके के गरीबों के जीविकोपार्जन का एकमात्र सहारा उनकी छोटी-छोटी दुकानों और गुमटियों को अपने बुलडोजरों से तोड़कर,इस लोकतांत्रिक गणराज्य के संविधान,संसदीय गरिमा और न्यायपालिका की गरिमा तक को भी धूलधूसरित करने का कुकृत्य करने का अक्षम्य अपराध किया है ! इससे भी दु:खद और हतप्रभ करने वाली शर्मनाक घटना तब हुई,जब मोदी ऐंड कंपनी सरकार में लगभग सभी संस्थानों में बीजेपी परस्त और घोर साम्प्रदायिक मानसिकता के निरंकुश,सत्ता के चाटुकार नौकरशाही ने गरीबों के मकान और दुकान तोड़ने के कुकृत्य को सुप्रीमकोर्ट के इसे रोकने के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए यह कह दिया कि ‘उनके पास सुप्रीमकोर्ट का कोई लिखित आदेश अभी तक नहीं मिला है ! ‘ वर्तमान सत्ता के इन चमचे अफसरों को रोकने के लिए भारतीय सुप्रीमकोर्ट को दोबारा आदेश भेजने को मजबूर होना पड़ा ! यक्षप्रश्न है कि अब इस देश की तमाम व्यवस्थाएं यथा पुलिस,प्रशासन,नीचे से ऊपर तक की न्यायपालिका को भंग कर देना चाहिए, क्योंकि अब कथित योगी, किसानों के हत्यारे शिवराज सिंह चौहान, तड़ीपार गृहमंत्री अमित शाह और गुजरात दंगों के मुख्य मास्टरमाइंड और सूत्रधार और फासिस्ट मोदी का अब बुलडोजरी न्यायिक प्रणाली का नवीनतम् अविष्कार हो गया है !
ध्यान रहे भारत में बीजेपी सहित अन्य भी राजनीतिक दलों के सत्ता के कर्णधार यह कहते नहीं थकते कि ‘अपराध साबित होने से पूर्व किसी के साथ अपराधियों जैसे व्यवहार नहीं किया जा सकता ! ‘ उस स्थिति में बीजेपी के चाटुकार दिल्ली एमसीडी के अधिकारी,बीजेपी के मंत्री,तड़ीपार गृहमंत्री अमित शाह,गुजरात दंगों का मुख्य मास्टरमाइंड और सूत्रधार तथा फासिस्ट दिलोदिमाग का प्रधानमंत्री मोदी यह बात कैसे सिद्ध कर दिए कि दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुए दंगों के मुख्य और असली दोषी वहां के गरीब-गुरबे और मुख्यरूप से कबाड़ का निकृष्ट धंधा करके अपना जैसे-तैसे गुजर-बसर करनेवाले लोग ही हैं ! और यहां की सभी संवैधानिक व लोकतांत्रिक तथा न्यायिक व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए बुलडोजरों से उनकी रोजी-रोटी का एकमात्र सहारा उनकी दुकानों और उनके घरों को अतिक्रमण का बहाना बनाकर ध्वस्त करने पहुंच गये ! जबकि वास्तविकता और कटु सच्चाई यह है कि पिछले साल और इस साल भी दिल्ली में दंगे कराने के मुख्य सूत्रधार और खलनायक कपिल मिश्रा,अनुसार ठाकुर और प्रवेश वर्मा जैसे दरिंदे,शैतान और नरपिशाच हैं,जो मोदी जैसे गुजरात दंगों का मुख्य मास्टरमाइंड और सूत्रधार तथा फासिस्ट दिलोदिमाग का प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रीमंडल में अभी भी सम्माननीय मंत्री पद पर विराजमान हैं ! दंगे को फैलाने के सबसे ज्यादे दोषी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बनाए आतंकवादी संगठन बजरंग दल के वे 200 गुंडे हैं,जो सरेआम तलवार और रिवाल्वर लहराते हुए ‘अब मुल्ले कटेंगे ‘ के बेशर्म,बर्बर और क्रूर नारे लगाते हुए सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाते रहे ! बुलडोजरों से घर तो उक्त वर्णित इन दरिंदो और नरभक्षियों का सबसे पहले ध्वस्त होना चाहिए ! बुलडोजरों से घर तो इससे भी पहले लखीमपुरी में अपनी गाड़ी से भारतीय अन्नदाताओं को रौंदकर मारनेवाले अजय मिश्रा टेनी,अपराधिक पृष्ठभूमि से आए अजय सिंह बिष्ट या कथित योगी, सजायाफ्ता तड़ीपार गृहमंत्री अमित शाह और सबसे पहले गुजरात दंगों का मुख्य मास्टरमाइंड और सूत्रधार तथा फासिस्ट दिलोदिमाग का प्रधानमंत्री मोदी का टूटना चाहिए !
-निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद उप्र संपर्क-9910629632, ईमेल- nirmalkumarsharma3@gmail.com