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बेटे_हैं_कोई_खिलौना_नही

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         ~>नग़्मा कुमारी अंसारी 

आज की मेरी बात उन महापुरुषों के नाम जो रात में अपनी माँ, बहन,पत्नी और बेटी के लिए ताजे और सूख चुके छालों भरे हाथों से गर्म मूंगफली लाते हैं और एक साथ बैठकर हँसते हैं और कहते हैं, तुम खाओ मैं तो रास्ते से ही खाता हुआ आया हूँ।

     आज की मेरी बात उन वैवाहिक महापुरुषों के नाम जो शादी के कुछ दिन बाद ही विदेश की फ्लाइट पकड़ लेते हैं और पीछे छूट जाने वालों का एटीएम बन जाते हैं। जिन्हे अपनी पत्नी की जवानी और अपने बच्चों का बचपन देखने का भी मौका नहीं मिलता।

   आज की मेरी बात उन सभी मजदूरों, अधिकारियों एवं फील्ड वर्कर्स के नाम जो दिन भर की थकान और टूटे बदन के बावजूद अपनी पत्नियों और बच्चों के मुस्कुराते चेहरों को देखने के लिए रात में कॉलिंग एप्स पर कॉल करना नहीं भूलते

     आज की मेरी बात उन सभी शॉप कीपर्स और सेल्समैनों के नाम जो पूरे दिन अपने शरीर के साथ लेडीज सूट लगा लगा कर दिखाते है और कहते है: दीदी ये देखो कितना शानदार प्रिंट और कलर है।

     आज की मेरी बात में इन सभी महापुरुषों के नाम हैं जो लोग देश के एक कोने से ड्राइव शुरू करते हैं और पूरे भारत में व्यापारिक सामान पहुंचाते हैं, और लोटते हुए अपनी बेटी के लिए विभिन्न राज्यों से वहां की पोपुलर वस्तुएं लाना नही भूलते हैं।

     आज की मेरी बात उन सभी सम्मानित अधिकारियों के नाम जो

वैसे तो ये अपनी नाक पर मक्खियों को भी नहीं बैठने देते,परंतु अपने बच्चों के भरण-पोषण के लिए सीनियर्स और मालिकों की डांट और गालियाँ खाकर भी मुस्कुरा देते हैं।

     आज की मेरी बात उन महान किसानों के नाम जो दिसंबर की कंपकंपाती सर्द हवा में गले में अलाव बांधे खैत की पगडंडियों पर पानी को क्यारी से दूसरी क्यारी में मोड़ते है ।

    आज की मेरी बात में इन दिहाड़ी मजदूरों के नाम जो सप्ताह में एक बार वे अपने परिवार के लिए मनपसंद भोजन की व्यवस्था करते हैं और उनके चेहरों पर झलकती हुई खुशियों से अपना पेट भर लेते हैं । 

     आज की मेरी बात उन सभी ईमानदार और प्यार करने वाले पिता, भाई, पति और बेटे को जो अपने लिए नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए जीते हैं , और समाज की दूसरी स्त्रियों को भी अपनी मां बहन और बेटियों सा ही सम्मान देते हैं।

       आज की मेरी बात उन सभी ईमानदार और कर्मठ पुलिसकर्मियों और फौजियों के नाम जो अपने घर परिवार तथा बच्चों से दूर रहकर किसी दूसरे जिले/राज्य में रहकर हमारी सुरक्षा करते हैं, ये हर त्यौहार अपने परिवार संग नहीं बल्कि हमारी सुरक्षा करते हुए ही मनाते हैं!

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