प्रवीण खारीवाल*
भोपाल। नवतपा शुरू होते ही मध्यप्रदेश की राजनीति का तापमान भी बढ़ता जा रहा है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और प्रमुख विपक्षी कांग्रेस पार्टी में चुनाव को लेकर मंथन का दौर शुरू हो गया है। भाजपा में सत्ता और संगठन में बदलाव की अटकले तेज हो चली है वहीं कांग्रेस के तमाम नेताओं को एकजुट और अनुशासित रहने की नसीहत दी जा रही है।
बुधवार रात भाजपा आलाकमान के निर्देश पर ताबड़तोड़ हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में कतिपय नेताओं की अनुशासनहीनता, मीडिया में बयानबाजी और विद्रोही तेवरों पर खुलकर चर्चा हुई। बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश कुमार, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री हितानंद शर्मा मौजूद रहे। बैठक में सागर जिले के तीन मंत्रियों के विवाद और गुना सांसद की बयानबाजी पर संबंधितों को सख्त लहजे में चेतावानी दी गई। इसके बाद चुनाव की तैयारी पर बातचीत शुरू हुई। बैठक में बताया गया कि आलाकमान प्रदेश के मालवा-निमाड़, महाकौशल, विंध्य और ग्वालियर-चम्बल अंचल में चल रही गुटबाजी से बेहद खिन्न है इसलिए माना जा रहा है कि सत्ता और संगठन में आमूलचूल बदलाव ही अंतिम विकल्प रहेगा। कोर कमेटी के अधिकांश सदस्य इस बात से सहमत नज़र आये।
सूत्रों ने बताया बैठक में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि पहले संगठन में बदलाव होगा या सत्ता में। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल दो माह पूर्व समाप्त हो चुका है जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगभग 17 साल का कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं। सत्ता विरोधी लहर इस समय चरम पर है और आलाकमान को यही बात चिंता में डाले हुए है। बताते है कि बैठक के तुरंत बाद केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल से सौजन्य भेंट की और आला नेताओं को लेकर विशेष विमान से नई दिल्ली रवाना हो गये।
गुरूवार को भाजपा मुख्यालय में आलाकमान को प्रदेश के ताजा हालत से अवगत कराया गया। भाजपा के उच्चस्तरीय सूत्रों ने बताया कि संसद के नवीन भवन लोकार्पण के पश्चात इसी माह में मध्यप्रदेश को लेकर चौकाने वाले फैसले जाहिर कर दिये जायेंगे। सूत्रों ने बताया कि 29 या 30 मई को केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय में से किसी को महत्वपूर्ण दायित्व दिये जाने पर सहमति बन गई है। प्रदेश में कार्यकर्ताओं तथा प्रमुख नेताओं की लगातार उपेक्षा बदलाव का कारण बनने जा रही है। भाजपा के आम कार्यकर्ताओं का दर्द है कि सिंधिया समर्थित मंत्रियों के वजह से भाजपा का ग्राफ तेजी से नीचे गिरा । उधर, सिंधिया समर्थकों का कहना है कि एक दो विभाग छोड़ दिये जाये तो मंत्रियों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। मुख्यमंत्री ने सारे सूत्र अपने हाथ में रखे हुए हैं।
*कांग्रेस की बड़ी बैठक जल्द*
इस बीच, कर्नाटक चुनाव के नतीजों से उर्जावान हुई कांग्रेस ने प्रदेश में चुनावी तैयारियां तेज कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सुझाव पर कांग्रेस आलाकमान ने मध्यप्रदेश में असर रखने वाले करीब दो दर्जन नेताओं की बैठक जल्द नई दिल्ली में आहुत की जा रही है। बैठक में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचैरी, कांतिलाल भूरिया, अरूण यादव, डाॅ. गोविंद सिंह, अजय सिंह सहित दूसरी पंक्ति के बड़े नेता भाग लेंगे। राष्ट्रीय महासचिव, प्रभारी सचिव सहित चार राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी इस बैठक में मौजूद रहेंगे। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश के कांग्रेस नेता पहली मर्तबा गुटबाजी नहीं होने की वजह से खासे उत्साहित है। सिंधिया द्वारा पाला बदली करने के कारण अब कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सूझबूझ से संगठन चला रहे है। ख़बर है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मध्यप्रदेश के चुनावी मैदान में सफल रही टीम कर्नाटक को उतार रहे हैं। अंर्तविरोध से जूझ रही भाजपा को शिकस्त देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लगातार हारी हुई विधानसभा सीटों का फेरा लगा रहे है। वहीं राजधानी में बैठकर कमलनाथ प्रदेश भर के नेताओं से मेल-मुलाकात और रणनीति पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि उच्चस्तरीय बैठक के बाद कमलनाथ की योजनाओं पर आलाकमान की मुहर लग जायेगी। आने वाले दो सप्ताह बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वडेरा प्रदेश के जबलपुर अंचल से चुनाव अभियान की शुरूआत करेगी।
*आज रात फिर बैठक*
तयशुदा कार्यक्रम के तहत आज रात दस बजे भोपाल में बीजेपी के आला नेताओं की बैठक बुलाई गईं है। बुधवार रात को बैठक में जो पदाधिकारी और केंद्रीय मंत्री थे वही सब आज भी मौजूद रहेंगे। यह पहला अवसर होगा जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बैठक से दूर रहेंगे। मुख्यमंत्री आज रात नई दिल्ली जा रहे। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ने साफ़ किया कि बैठक तय समय पर ही होगी। प्रदेश प्रभारी भी आज भोपाल पहुँच चुके हैं।
*पहले वीडी शर्मा की विदाई*
अंदरखाने की खबरों पर भरोसा किया जाए तो बदलाव की बेला में अध्यक्ष वीडी शर्मा को पहले बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। आज सुबह गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने अध्यक्ष से मुलाक़ात की और कुछ संकेत दिए। संभावना जताई जा रही है कि ओबीसी वर्ग के बड़े कद के नेता को संगठन का जिम्मा सौंपा जाएगा।