प्रस्तुति : पुष्पा गुप्ता
नफरत में अंधी भीड़ ने प्रताप सिंह को मुस्लिम समझ लिया और उनकी गाड़ी तोड़ दी। सबूत के तौर पर प्रताप सिंह के सिर पर आरएसएस की टोपी और साथ में एक मुस्लिम महिला थी। बुर्के और टोपी से नफरत की कीमत आरएसएस के सदस्य और भाजपा नेता प्रताप सिंह ने चुकाई।
हुआ यूं कि 11 जुलाई को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमे कांवड़िए एक गाड़ी तोड़ रहे थे। कहा गया कि हरिद्वार में कावंडियों ने एक मुस्लिम दंपति के साथ हिंसा की, उनकी गाड़ी तोड़ दी। कुछ ने निंदा करते हुए कहा कि कांवड़ियों को हुडदंग और नफरत में ऐसा नहीं करना चाहिए।
इसके जवाब में ट्विटर पर जागे हुए कुछ नफरत के सौदागरों ने दावा किया- “पहले ये मुस्लिम दम्पति ज़बरदस्ती गाड़ी लेकर अंदर घुसा जहाँ कांवड़ियों की भीड़ थी। और उसके बाद कांवड़ियों को टक्कर मार दी। उसके बाद वहाँ कांवड़ियों का ग़ुस्सा देखने को मिला। लेकिन इस एक वीडियो के ज़रिए अब आप सबको ये बताने की कोशिश की जाएगी कांवड़ियों ने उत्पात मचा दिया ये कर दिया वो कर दिया। कांवड़ियों को बदनाम करने की साज़िश बहुत समय से चल रही है। और विभाजन का खेल कितना खतरनाक होता है।”
इसपर पक्ष और विपक्ष दोनों ही एक दूसरे की निंदा करने लगे। हरिद्वार पुलिस ने जांच की और बयान जारी किया कि मामले में किसी प्रकार का सांप्रदायिक एंगल नहीं है। गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति का नाम प्रताप सिंह है। दोनों पक्ष हिन्दू हैं।
प्रताप सिंह ने बताया कि वो रूड़की से आ रहे थे। रास्ते में खाना खाने के लिए रूके और कार में ही खाना मंगवा लिया। कार पार्क की तब उसके सामने कुछ नहीं था। इसी बीच कोई कांवड़िया अपनी कांवड़ उनकी गाड़ी के सामने रखकर चला गया था। अनजाने में उन्होंने गाड़ी चला दो जो कांवड़ पर चढ़ गई। इसके बाद कुछ कांवड़िये इकट्ठा हो गए और उन्हें खींच कर उतारने और चाभी छीनने की कोशिश की।
प्रताप सिंह के साथ गाड़ी में एक मुस्लिम महिला भी थी जिसे देखकर कुछ कांवड़ियों ने कहा की ये मुसलमान है, इसे मारो। प्रताप सिंह ने कांवड़ियों से कहा कि वे भाजपा हरिद्वार के ज़िला उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वे आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं, इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की टोपी लगा रखी है।
उन्होंने लोगों को बहुत समझाया। हाथ जोड़कर माफी भी मांगी लेकिन कांवड़िए नहीं माने। कहा कि ये मुसलमान है, इसको मारो। उन लोगों ने प्रताप सिंह के साथ धक्का-मुक्की की और गाड़ी तोड़कर तहस-नहस कर दी। किसी स्थानीय व्यक्ति ने उन्हें अपनी मोटर साइकिल पर पुलिस स्टेशन तक छोड़ा।
प्रताप सिंह ने बताया कि वीडियो में जो महिला बुर्के में दिख रही हैं वो भाजपा की पदाधिकारी हैं और वो उन्हीं के काम से गए हुए थे।
आप समझ रहे हैं? अगर समाज नफरत में अंधा हो जाए तो आप भीड़ के सामने चिल्लाते रहेंगे कि आप ये नहीं वो हैं। देशद्रोही नहीं, राष्ट्रवादी हैं। मुस्लिम नहीं, आरएसएस सदस्य हैं, भाजपाई हैं, हिंदू हैं, लेकिन भीड़ का अपना विवेक होता है।
अगर समाज पागल भीड़ के हाथ सौंप दिया जाएगा तो जाने किस दिन आपका नंबर आ जाएगा और आप कुछ नहीं कर पाएंगे। इससे पहले कि नफरत की आग आपका ही घर जला दे, इसे नकार दीजिए।