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सेहत की बात :ओरल सेक्स : पेनिस और योनिपान के नफ़े- नुकसान !

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आरती शर्मा (बोधगया)

         _आयुर्वेद में वीर्य को ओज, जीवन, ऊर्जा, सत्व आदि कहा गया है. आधुनिक मेडिकल साइन्स के अनुसार वीर्य में लवण, ज़िंक, कार्बोहाइड्रेड शरीखे 106 पोषक तत्व होते हैं. वीर्य विटामिन्स और मिनिरल का भंडार होता है. इसके उपयोग से स्त्री की सेहत, सेक्सुअलिटी और व्यूटी का विकास होता है. यही गुण स्त्री के उस  डिस्चार्ज में भी होता है जो सफल सेक्स के दौरान उसके आर्गेज्म पाने पर उसकी योनि से निकलता है._
 लेकिन रुकिए : आयुर्वेद हो या आज का चिकित्सा विज्ञान - बात शुद्ध वीर्य/डिंब की करता है. हस्तमैथुन, दुराचार, कुत्सित आहार-विहार, नशाचार से वीर्य/डिंब विकृत हो जाता. तब यह अमृत नहीं, ज़हर का काम करता है.

  वीर्य या सीमन तरल पदार्थ है जो शुक्राणु रखता है। शुक्राणु एक कोशिका है जो द्रव में चारों ओर तैरती है और मादा के अंडे तक पहुंच जाती है, तब संतान की संभावना बनती है। सीमन काफी पौष्टिक है और इसमें दिलचस्प गुणों का खजाना है.

इसमें उपस्थिति हार्मोन और पोषक तत्‍वों के कारण यह मानव स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद माना जाता है।
महिलाओं की कामोत्तेजना का समन (orgasm) होने पर लव हार्मोन ऑक्‍सीटॉसिन स्राव करते है जिससे महिलाओं के मूड सही होता है। तृप्ति अवसाद को कम करती है क्‍योंकि जिस समय व्‍यक्ति स्‍खलित होता है उसे जबरदस्‍त खुशी मिलती है जो सभी चिंताओं और समस्‍याओं से छुटाकारा दिलाने में मदद करती है।
महिला वीर्यपान करती है या सेक्‍स के दौरान वीर्य उनकी योनि से होता हुआ रक्‍त प्रवाह में मिलता है तो इससे बेहतर नींद प्राप्‍त करने में मदद मिलती है क्‍योंकि इसमें रासायनिक मेलाटोनिन (chemical melatonin) होता है।
शरीर में मेलाटोनिन की उपस्थिति के कारण यह व्‍यक्ति को आराम दिलाने और अच्‍छी नींद लाने में मदद करता हैं।
जब संभोग संतुष्टि प्राप्‍त होती है तो इस दौरान शरीर में ऑक्‍सीटॉसिन हार्मोन उत्‍पन्‍न होता है जिससे शरीर में दर्द का उत्‍तेजना में कमी आती है और शरीर को आराम मिलता है.
न्‍यूयॉर्क के शोधकर्ताओं द्वारा किये गए अध्‍ययन के अनुसार जिन महिलाओं को शुद्ध वीर्य पीने और उससे फेस, बूब्स और हिप्स की मसाज करने का अवसर मिलता है, वे मन – तन दोनों से डेवलप करती हैं.
उनमें अन्‍य महिलाओं की अपेक्षा तनाव और अवसाद की कमी देखी गई है। क्‍योंकि वीर्य में शक्तिशाली एंटीड्रिप्रेसेंट और संज्ञानात्‍मक क्षमता को बढ़ाने वाले प्रभाव होते हैं।
इसके अलावा वीर्य में ऑक्‍सीटोसिन (oxytocin), प्रोजेस्‍टेरोन, एंडोर्फिन (endorphins), प्रोलैक्टिन, टीआरएच और सेरोटोनिन (serotonin) जैसे मूड बढ़ाने वाले घटक मौजूद रहते हैं।
जो महिलाएं वीर्यपान करती हैं उनका मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा होता है, सुंदरता में इजाफा होता है, सेक्सुअलिटी बढ़ती है.
स्पर्म फेसियल कितना महंगा है : आप जानते हैं. यह आम स्त्रियों के वश का नहीं. वीर्य का उपयोग आपके बालों को झड़ने से भी बचा सकता है.
बालों के विकास के लिए शुद्ध वीर्य पर परिक्षण किये गए जिसमें पाया गया कि स्‍पर्मिडाइन बालों की लंबाई को प्रोत्‍साहित करने और बालों के विकास को बढ़ाने में मदद करता है। स्‍पर्मिडाइन स्‍टेम कोशिकाओं को भी बढ़ाता है जो आपके बालों के विकास में मदद करते हैं।
विदेशों में सेलिब्रिटी क्‍लाइंट को चमकदार और सुंदर बालों के लिए सैलूनों में कई तरह के वीर्य का उपयोग किया जाता है।
चेहरे पर शुद्ध वीर्य लगाने से यह किसी एंटी-एजिंग (Anti-aging) उत्‍पाद की तरह काम करता है। परिक्षण के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि वीर्य में एंटीऑक्‍सीडेंट गुण मौजूद रहते हैं जो त्‍वचा की झुर्री और त्‍वचा के लचीनेपन जैसे विकारों को दूर करने में मदद करता है।
चेहरे के लिए स्‍पर्म फायदेमंद होता है इसलिए इसे आजकल प्रयोगशालाओं में संश्‍लेषित (Synthesized) किया जाता है और अंतरराष्‍ट्रीय कंपनियों द्वारा बेचा जा रहा है।
वीर्य में टेस्‍टोस्‍टेरोन होता है। टेस्‍टोस्‍टेरोन पुरुषों और महिलाओं दोनों में कामेच्‍छा बढ़ाता है। यौन संबंध बनाने के दौरान महिला की योनि दीवारों के माध्‍यम से और यहां तक की वीर्य निगलने के माध्‍यम से टेस्‍टोस्‍टेरान (Testosterone) को अवशोषित किया जा सकता है। जो कि सेक्‍स ड्राइव को बढ़ाने में मदद करता है। इसके परिणाम अलग-अलग लोगों में भिन्न हो सकते हैं।
शुद्ध वीर्य में एंटी-इंफैमेटोरेटरीज और इम्‍यूनोस्‍पेप्रेसेंट्स (inflammatories/immunosuppressants) गुण होते हैं जो महिला के शरीर में प्रवेश करने पर किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाते हैं।
इस वीर्य का सेवन करने से तंत्रिका विकास फैक्‍टर, ऑक्‍सीटोसिन, प्रोजेस्‍टेरोन, टेस्‍टोस्‍टेरोन, कोर्टिसोल और कुछ प्रोस्‍टाग्‍लैंडिन (prostaglandins) जैसे इंफ्लेमेटरी गुण प्राप्‍त होते हैं। वीर्य आपके शरीर में मौजूद टीजीएफ-बीटा प्रोटीन की सहनशीलता को बढ़ाने में मदद करता है।
वीर्य पीने से गर्भधारण के चांस नहीं हो सकते हैं।

वीर्य गंदे व्यक्ति का है, अशुद्ध है या स्त्री में मुंह की समस्‍याओं जैसे कि मसूड़ों की सूजन और उनसे खून आने की स्थिति है : तो बचें.
ऐसे में ओरल सेक्स करने या वीर्य पीने से एसआइटी संक्रमण जैसे हेपेटाइटिस बी और सी (Hepatitis B and C), हर्पीस और क्‍लैमिडिया (Chlamydia) और कैसर भी हो सकता है। यह समस्याएं पुरुष को भी होती हैं अगर वह गंदी या दुराचारी स्त्री का सेवन करता है.
वीर्य/डिंब को स्वस्थ/शुद्ध बनाकर ऊर्जावान यानी स्टेमिना से भरपूर बनने के लिए व्हाट्सप्प 9997741245 पर संपर्क करके हमारी निःशुल्क सेवाएं ली जा सकती हैं.
(चेतना विकास मिशन)

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