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इसलिए महज नौटंकी है भाजपा का गौ-प्रेम!

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          ~ मीना राजपूत (कोटा

    पूरे देश में गाय को माता बताने वाली और गौ-प्रेम का प्रचार करने वाली भाजपा का असल गौ-प्रेम बस दंगों और चुनावी वादों तक ही सीमित होता है। विश्व हिन्दू परिषद, हिन्दू महासभा, बजरंग दल, हिन्दू युवा वाहिनी जैसे आरएसएस के तमाम पिछलग्गू संगठन गौ-रक्षा के नाम पर लोगों को पीटने से लेकर कई दंगे तक करा चुके हैं। इनके द्वारा ऐसी बहुत सी घटनाओं को अंजाम दिया गया है जिनमें लोगों की जानें तक चली गयी।

        हाल ही में आगरा में हिन्दू महासभा के चार कार्यकर्ताओं को गाय काट कर मुस्लिम लोगों को फंसाने और दंगा कराने की कोशिश में पकड़ा गया था। 

    यही नहीं, भाजपा के लिए बाकि देश में तो गाय _mummy_ हो जाती है, पर गोवा, केरल और पूर्वोत्तर के राज्यों में यही गाय _yummy_ हो जाती है।

यूपी, बिहार जैसे हिन्दू बहुल इलाक़ों में गाय को माता बताने वाले यही भाजपा नेता जब गोवा, केरल समेत दक्षिण व पूर्वोत्तर भारत में जाते हैं तो वहाँ के लोगों को बढ़िया बीफ़ सप्लाई की गारण्टी देने लगते हैं। इनमें गृह मन्त्री अमित शाह से लेकर मेघालय, मिज़ोरम, केरल और नागालैण्ड के भाजपा राज्य अध्यक्षों समेत अलग-अलग मन्त्री–सन्तरी तक शामिल हैं।

   इतना ही नहीं, देश से सबसे ज्यादा बीफ़ सप्लाई एक समय भाजपा का ही नेता संगीत सोम किया करता था जब वह ‘Al Dua’ कम्पनी का डायरेक्टर था।

      हिन्दू महासभा का संस्थापक सावरकर, जो अँग्रेजों के तलवे चाटने और उनको दिये गये अपने माफ़ीनामों के लिए कुख्यात है, ने अपने कई लेखों में तो गाय की तुलना गधे और कुत्ते तक से की है। उसने कुत्तों को गाय से अधिक उपयोगी बताया है।

अपने एक लेख में सावरकर ने लिखा है कि गाय उपयुक्त न होते हुए हानिकारक होगी, उस स्थिति में गो हत्या भी आवश्यक है, ऐसा जवाब विज्ञान देता है।

    कुल मिला कर बात यह है कि भाजपा और आरएसएस के लिए गाय बस एक जानवर है जिसपर उन्हें अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकनी है, और लोगों का ध्यान बेरोज़गारी, महँगाई और भ्रष्टाचार जैसे असल मुद्दों से भटकाना है। भाजपा का दोहरा चरित्र इस बात को साबित भी करता है. (चेतना विकास मिशन).

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