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किताब:‘सामाजिक न्याय की जमीनी दास्तान’…सामाजिक न्याय आंदोलन के अतीत, वर्तमान और संभावनाओं को समेटे हुए है

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 नई किताब ‘सामाजिक न्याय की जमीनी दास्तान’ पुस्तक मेले में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। यह किताब देश के कई राज्यों यथा– बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र, में सामाजिक न्याय आंदोलन के अतीत, वर्तमान और इसकी संभावनाओं को समेटे हुए है। इस किताब में मध्य प्रदेश विधानसभा के वर्तमान सदस्य डॉ. हिरालाल अलावा, बिहार विधानसभा के पूर्व सदस्य एन.के. नंदा, उत्तर प्रदेश निवासी व शोषित समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र कटियार, महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता व विचारक श्रावण देवरे, केरल के इतिहासविद् प्रो. पी. सनल मोहन, असम के शिक्षाविद् प्रो. उत्तम बाथारी आदि के अनुभवजनित आलेखों व साक्षात्कारों के जरिए विश्लेषण संकलित हैं। इनके जरिए पाठक संबंधित राज्यों में सामाजिक न्याय आंदोलन की बारीकियों से परिचित होंगे।

‘सामाजिक न्याय की जमीनी दास्तान’ का कवर पृष्ठ

नवल किशोर कुमार व अनिल वर्गीज द्वारा संपादित इस किताब की खासियत यह भी है कि इसके विभिन्न अध्यायों में जितना महत्व पूर्व में दर्ज ऐतिहासिक तथ्यों को दिया गया है, उतना ही महत्व जमीनी अनुभवों को उसी शैली में दिया गया है, जिसे कबीर की भाषा में ‘आंखन-देखी’ कहा जा सकता है।

दरअसल, सामाजिक न्याय के आंदोलन को किसी एक परिप्रेक्ष्य से नहीं देखा जा सकता है। इस किताब में संकलित आलेख व साक्षात्कार संबंधित राज्यों के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परतों को पाठकों के सामने रखती है, और समग्रता में इन राज्यों में हुए बदलावों को अपने मौजूं पाएंगे। इनमें दलित, आदिवासी व ओबीसी विमर्श शामिल हैं।

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