डॉ. श्रेया पाण्डेय
सर्दी के मौसम में बढ़ने वाली शुष्कता चेहरे से लेकर हाथों और पैरों की त्वचा को प्रभावित करती है। पैरों को पूरी तरह से कवर न कर पाने के कारण फटी एड़ियों की समस्या बढ़ने लगती है।
सैडिल और स्लीपर पहनने से एड़ियांहवा के संपर्क में आती है, जो शुष्कता का कारण साबित होता है। ऐसे में एड़ियों का फटना जहां स्किन को खुरदरा बना देता है।
इससे दर्द और जलन की भी समस्या बढ़ने लगती है. स्किन की ड्राईनेस कम करने के लिए कुछ सामान्य उपायों की मदद ली जा सकती है।
रिसर्च गेट की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के 48 फीसदी लोगों में फटी एड़ियों की समस्या पाई जाती है। फटी एड़ी की समस्या महिलाओं में 58.4 फीसदी और पुरुषों में 33.3 फीसदी पाई जाती है।
*फटी एड़ियों की समस्या के कारण :*
कई कारणों से फटी एड़ियों की समस्या से जूझना पड़ता है। आमतौर पर मौसम बदलने के साथ बढ़ने वाले रूखेपन के अलावा एजिंग और मोटापा भी इस समस्या को बढ़ा देता है।
इसके अलावा संक्रमण भी इस समस्या के बढ़ने का कारण साबित होती है। ऐसे में पैरों की स्किन को सूदिंग इफेक्ट देने के लिए क्रीमी मॉइश्चराइज़र लगाने के अलावा कुछ घरेलू नुस्खों से डीप मॉइश्चराइज़ रखने में मदद मिलती है।
स्किन को सूदिंग इफेक्ट देने के लिए क्रीमी मॉइश्चराइज़र लगाने के अलावा कुछ घरेलू नुस्खों से डीप मॉइश्चराइज़ रखने में मदद मिलती है।
*1. शहद लगाएं :*
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की साल 2012 की रिपोर्ट के अनुसार शरीर में एंटी माइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं।
इससे न केवल स्किन को मॉइश्चराइज़ रखने में मदद मिलती है बल्कि इससे एड़ी पर दिखने वाले क्रैक्स को भी कम किया जा सकता है। इसे फुट स्क्रब या फुट मास्क के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
*2. नारियल का तेल :*
एड़ियों का रूखापन कम करने के लिए गुनगुने नारियल के तेल को अप्लाई करें। इससे स्किन मॉइश्चराइज़ रहती है और एग्ज़िमा व सोरायसिस का जोखिम कम होने लगता है।
इसमें मौजूद एंटी इंफ्लामेटरी गुण स्किन इंफ्ेक्शन और सूजन से भी राहत दिलाते है। इसे रात को सोने से पहले पैरों पर अप्लाई कर लें। इससे त्वचा मुलायम बन जाती है।
*3. गुनगुने पानी में सोक :*
पैरों पर जमा धूल, मिट्टी व डेड स्किन सेल्स को रिमूव करने के लिए गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर कुछ देर पैरों को भिगोकर रखें।
उसके बाद माइल्ड क्लीज़र से पैरों को धोएं। इससे पैरो की त्वचा को एक्सफोलिएट किया जा सकता है। साथ ही थकान भी दूर होने लगती है।
*4. ओटमील और केले का फुट मास्क :*
स्किन को मुलायम बनाने के लिए ओटमील को मैश केले में मिलाकर पेस्ट बना लें। इसमें आवश्यकतानुसार गुलाब जल मिलाएं। अब इस पेस्ट को एड़ियों पर 10 से 15 मिनट तक लगा रहने दें।
उसयके बाद पैरों को धो लें। इससे पैरों का रूखापन कम होता है और स्किन मॉइश्चराइज़ रहती है।
*5. शिया बटर :*
पैरों की स्किन की इलास्टीसिटीर मेंटेन रखने के लिए शिया बटर का इस्तेमाल करें। इससे स्किन का रूखापन दूर किया जा सकता है, जिससे स्किन सेल्स बूस्ट होते है।
नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने से त्वचा को क्लीन और हेल्दी बनाया जा सकता है। साथ ही त्वचा की नमी और नेचुरल ऑयल मेंटेन रहता है।
*6. आरामदायक जूते :*
एड़ियों को फटने से बचाने के लिए टाइट जूते पहनने से बचें। इससे पैरों पर बनने वाले प्रेशर से बचा जा सकता है। साथ ही त्वचा हेल्दी रहती है। सर्दियों में खुले स्लीपर्स की जगह बंद जूते पहनें। इससे पैरों की त्वचा स्वस्थ रहती है।
*7. देर तक न नहाएँ :*
पानी में देर तक रहने से त्वचा का नेचुरल ऑयल कम होने लगता है और स्किन रूखी बेजान हो जाती है। स्किन को क्लीन और हेल्दी बनाए रखने के लिए ज्यादा गर्म पानी से भी नहाने से बचें। स्किन को हाइड्रेट रखने के लिए ज्यादा समय तक पानी में रहने से बचें।
*8. जुराबें पहनकर रखें :*
स्किन को शुष्कता से बचाने के लिए मॉइश्चराइज़ करने के तुरंत बाद जुराबें पहनें। इससे स्किन का रूखापन कम होने लगता है और त्वचा कोमल रहती है। इससे त्वचा पर बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव से बचा जा सकता है और स्किन हाइड्रेट रहती है।