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फहरेगा परचम लाल, जमाना बदलेगा

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मुनेश त्यागी

करेंगे हम शुरुआत जमाना बदलेगा
हाथों में होंगे हाथ जमाना बदलेगा
तुम आओ मेरे साथ जमाना बदलेगा
हम हो जाए एक साथ जमाना बदलेगा।

ना इसका है, ना उसका है
यह चमन हमारा सबका है
ना तेरा है ना मेरा है
यह वतन हमारा सबका है
हम गाएंगे एक साथ तराना बदलेगा।

ऊंच-नीच का भेद मिटेगा
समता की तरंगे उठेंगी
इंसाफ का तूफां उठेगा
ममता की उमंगें उठेंगी
होगी हम से शुरुआत जमाना बदलेगा।

शोषण का शिकंजा तोड़ेंगे
हम झूठ की रस्में छोड़ेंगे
ये जुल्म के बंधन तोडेंगे
हम पाप घरोंदे फोडेंगे
जब चलेंगे मिलकर साथ जमाना बदलेगा।

किसान आ, मजदूर आ
दुनिया को संवारने वाले आ
साथी, दोस्त, सहयोगी आ
इस जग को सजाने वाले आ
फहरेगा परचम लाल जमाना बदलेगा।

दुश्मन को दो ललकार
दुनिया को करें हम प्यार
अब होगी नैय्या पार
हम क्रांति को हैं तैयार,
भारत को करें हम प्यार जमाना बदलेगा।

अब तो भर दो हुंकार
दुश्मन को दो ललकार
बंटने से कर दो इंकार
लडने का करो इकरार
हम हैं दुनिया के यार जमाना बदलेगा।

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