अग्नि आलोक

ब्रह्माण्ड की सबसे शक्तिशाली क्वासार्स का रहस्य !

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-निर्मल कुमार शर्मा ‘

 हमारे अंतरिक्ष में अंतहीन दूरी में विस्तारित अति विशाल ब्रह्माण्ड सैकड़ों रहस्यों, रोमांचों और अद्भुत दृश्यों और संरचनाओं से परिपूर्ण है,पुच्छल तारे,छुद्र ग्रह,बगैर चंद्रमा वाली अंधेरी रात में तेजी से प्रकाश की एक रेखा बनाते सैकड़ों उल्का पिंड,शुद्ध हीरे से बने तारे, ब्लैकहोल्स,नीहारिकाएं,शनि जैसे ग्रह के चारों तरफ बने रंग-बिरंगे वलयों आदि सैकड़ों तरह की रोमांचक और अद्वितीय संरचनाएं हम मानवों के मनमस्तिष्क में एक अद्भुत रोमांच और कौतूहल जगा देतीं हैं !

अंतरिक्ष में हो रही सतत घटनाओं का गहन अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने प्रारंभिक ब्रह्मांड से जुड़े एक बड़े रहस्य को सुलझाने में अभी कुछ दिनों पहले कामयाबी हासिल कर ली है। इसी कामयाबी में हमारे ब्रह्माण्ड की सबसे शक्तिशाली जगहक्वासार्स या Quasars

 की एक अद्भुत खोज भी है ! इस अद्भुत खोज के लिए अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष शोधकर्ताओं ने एक सुपरकम्प्यूटर का इस्तेमाल किया। इन अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार क्वासार्स या Quasars गैसों की ये धाराएं 1अरब प्रकाश वर्ष के क्षेत्र में केवल एक दर्जन क्षेत्रों में ही पाई जाती हैं। वैसे अंतरिक्ष वैज्ञानिक क्वासार्स या Quasars की खोज वर्ष 2003में ही कर लिए थे ! उसके बाद से अब तक अंतरिक्ष वैज्ञानिकों द्वारा सुपरमैसिव ब्लैक होल्स में 200 से भी अधिक क्वासार्स का पता लगाया जा चुका है। इनके बारे में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि ये ब्रह्मांड के बनने के बाद शुरू के एक अरब सालों के विस्तृत समयांतराल के बीच में ही बने थे !

 क्वासार्स या Quasars कितने विशाल और शक्तिशाली ? 

             अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार क्वासार्स हमारे सूरज से 1लाख गुना ज्यादा द्रव्यमान वाले सुपर ब्लैक होल्स में बनते हैं,जहां पर ठंडी गैसों की शक्तिशाली धाराएं बहुत ही घनीभूत मात्रा में पाई जातीं हैं,यही नहीं क्वासार्स के बारे में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि ये क्वासार्स या Quasars ब्रह्मांड में पाई जाने वाली कुछ सबसे शक्तिशाली चीजों में से एक हैं,क्वासार्स हमारी आकाशगंगा से अंतहीन दूरी पर स्थित 

गैलेक्सियों के केंद्र में मिलते हैं,जहां पर अरबों सूर्यों के द्रव्यमान के बराबर द्रव्यमान वाले सुपरमैसिव ब्लैकहोल्स मौजूद होते हैं। ये ब्लैक होल्स अपने आसपास के पदार्थों के पास सरकने लगते हैं,जो ब्लैकहोल्स के पास आने के कारण घर्षण और दबाव से गर्म हो जाते हैं। इस तरह से जो उष्मा और इलेक्ट्रोमेग्नेटिक ऊर्जा निकलती है,वह क्वासार्स के माध्यम से ही इलेक्ट्रोमेग्नेटिक एनर्जी के रूप में बाहर छोड़ी जाती है।

            इससे पूर्व वैज्ञानिकों को यह पता नहीं था कि शुरुआती ब्रह्मांड में ये क्वासार्स कैसे बने होंगे ? अब अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की शोधकर्ताओं की टीम ने यह पता लगाया है कि ये शुरुआती ब्रह्मांड में मौजूद दुर्लभ गैसों के भंडारों में पैदा हुई अस्त-व्यस्त परिस्थितियों के कारण बने होंगे। 
ब्रह्मांड में पाए गएक्वासार्स या Quasars के बारे में अमेरिका के एक शहर पोर्ट्समाउथ स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ या University of Portsmouth के प्रोफेसर डॉक्टर डेनियल व्हेलन ने कहा है कि पहले यह सोच थी कि सुपरमैसिव ब्लैक होल्स ठंडे डार्क मैटर में होने वाले स्ट्रक्चर फॉर्मेशन का एक स्वाभाविक परिणाम थे – जिन्हें कॉस्मिक वेब के बच्चे कहा जाता है। डॉक्टर व्हेलन इस टीम को लीड कर रहे थे, जिसने क्वासार्स के बनने का अध्ययन किया है। इस महत्वपूर्ण अध्ययन और शोध को अभी पिछले दिनों इसी महीने के 6 जुलाई 2022को सुप्रतिष्ठित नेचर या Nature पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। 

      -निर्मल कुमार शर्मा ‘गौरैया एवम् पर्यावरण संरक्षण तथा देश-विदेश के सुप्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिकाओं में वैज्ञानिक,सामाजिक, राजनैतिक, पर्यावरण आदि विषयों पर स्वतंत्र,निष्पक्ष,बेखौफ , आमजनहितैषी, न्यायोचित व समसामयिक लेखन,संपर्क -9910629632, ईमेल – nirmalkumarsharma3@gmail.com

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