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रूस के आर्थिक मालिक ओलिगार्क को सबक सिखाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक नई पुलिस बना दी थी

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कोला प्रायद्वीप में 1970 में दुनिया के सबसे गहरे बोरवेल की ड्रिलंग शुरू हुई थी। रूसी वैज्ञानिक धरती के अधिकतम भीतर तक जाना चाहते थे। 20 साल तक चली खुदाई में 12 किलोमीटर गहरा कुआं खोद दिया गया। 1990 में सोवियत संघ की उथल-पुथल के बाद यह परीक्षण बंद हो गया। कोला के आसपास यह किस्सा बताने वाले कई मिल जाएंगे कि जमीन खोदते-खोदते वैज्ञानिक नर्क तक पहुंच गए थे, जहां से लोगों की दर्द भरी आवाजें आने लगी थीं।

आइशर उस्मानोव, रोटेनबर्ग ब्रदर्स, इगोर शुगालोव, गेन्नादी तिमिचेंको, किरिल शामालोव…रूस के इन कुख्यात लोगों का साइप्रस से क्या रिश्ता है? कुख्यात इसलिए, क्योंकि इन जैसे करीब सौ से अधिक रूसियों को सबक सिखाने के लिए बीते साल अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक नई पुलिस या जांच एजेंसी बना दी थी। इस एजेंसी का नाम है क्लेप्टोकैप्चर। आपको लग रहा होगा कि यह बड़े दुर्दांत अपराधियों की सूची है। न जी न! ये तो दुनिया के सबसे अमीर लोग हैं। ये पुतिन के रूस के आर्थिक मालिक हैं। ये रूस के ओलिगार्क हैं।

भूमध्यसागर और काला सागर में युद्ध की हलचलों के बीच पुतिन के कुख्यात अमीरों का नया ठिकाना सामने आया, तो हंगामा मच गया। मिस्र के उत्तर और तुर्किये के दक्षिण में 140 मील लंबा साइप्रस अपनी क्षमता से अधिक इतिहास संभालता है। उसकी यह ताजा पहचान बेहद सनसनीखेज है।

खोजी पत्रकारिता के ताजा दस्तावेजों में खुलासा हुआ कि रूस के कारोबारियों और उद्योगपतियों को, जिन पर प्रतिबंध लगे हैं, पकड़ने के लिए यूरोप और अमेरिका की एजेंसियां दुनिया भर की खाक छान रही हैं। जबकि वे ओलिगार्क अपना माल-मत्ता लेकर पूर्वी भूमध्यसागर के द्वीपीय देश साइप्रस में आनंद मना रहे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी अकाउंटिंग फर्म पीडब्लूसी की मदद से पुतिन के ओलिगार्क ने अपना पैसा साइप्रस में पहुंचा दिया है।

यूनानी भाषा के ओलिग से निकले ओलिगार्क का मतलब है एक ऐसा व्यक्ति, जिसके पास विराट आर्थिक ताकत है। ओलिगार्क रूस की कंपनियों, बैंकों, कारोबारों के सम्राट हैं। ये पुतिन के क्रोनी कैपिटलिज्म साम्राज्य के सूरमा हैं। इसलिए यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद इन दागी अमीरों पर प्रतिबंध लगे थे। पर इनके रसूख और दुनिया भर में फैली ताकत से अमेरिका भी पस्त हो गया।
साम्यवादी समानता के इतिहास वाला रूस पूंजीवाद के सबसे बदसूरत चेहरे का नुमाइंदा कैसे बन गया? आइए पकड़िए अपनी सीट टाइम मशीन में।

हम रूस के उत्तर पूर्व के लिए उड़ान भर रहे हैं। साल है 1930 और हम अब रूस के उत्तर पूर्व में आर्कटिक तट पर मौजूद कोला प्रायद्वीप में हैं। कोला में लौह अयस्क के भंडार मिल गए। इस लोहे से ही रूस का भविष्य मजबूत होना था। कोला में विज्ञान और दंतकथाएं एक दूसरे से मिल जाती हैं। यहां 1970 में दुनिया में सबसे गहरे बोरवेल की ड्रिलिंग शुरू की गई थी। रूसी वैज्ञानिक धरती के अधिकतम भीतर तक जाना चाहते थे। बीस साल चली कुएं की यह खुदाई 40 हजार फीट तक चली, यानी करीब 12 किलोमीटर गहरा बोरवेल खोदा गया।

1990 में सोवियत संघ की उथल-पुथल के बाद यह परीक्षण बंद हो गया। अलबत्ता यह किस्सा बताने वाले कई मिल जाएंगे कि जमीन खोदते-खोदते वैज्ञानिक नर्क तक पहुंच गए थे, जहां से लोगों की दर्द भरी आवाजें आने लगी थीं। यूट्यूब पर इन आवाजों के ऑडियो तैरते रहते हैं।

खैर, कोला में मिले लोहे का रूस के दागी अमीरों से बड़ा करीब का रिश्ता है। लोहा मिला, तो चेरोपोवेस्त शहर में पहली स्टील मिल लगाई गई, जो बाद में स्टील कांप्लेक्स में बदल गई। रूस के ओलिगार्क का सफर यहीं से शुरू होता है।
1993 में रूसी राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने चेरोपोवेस्त के विशाल कांप्लेक्स को  जॉयंट स्टॉक कंपनी सेवरस्ताल में बदल दिया। यह रूस की सबसे बड़ी स्टील कंपनी है। अलेक्सी मोर्दाशोव इस कंपनी में फाइनेंस डायरेक्टर थे। यह किसी को नहीं पता कि उन्होंने किस तरह इस कंपनी के कर्मचारियों और ट्रस्ट से उनका हिस्सा खरीद लिया। पर बाद के दशक में सेवरस्ताल रूस के निजीकरण की सफलता की दास्तान बन गई। सेवरस्ताल के मालिक एलेक्सी मोर्दाशोव रूस के पहले प्रमुख ओलिगार्क हैं। 2015 तक वह इस कंपनी के सीईओ भी थे। वह विश्व की सबसे बड़ी ट्रैवल कंपनी टीयूआई में 30 फीसदी हिस्सा रखते हैं।

2021 में मोर्दाशोव दुनिया के 100 सबसे बड़े अरबपतियों में शामिल थे। वह रूस के सबसे धनाढ्य व्यक्ति और पुतिन के करीबी हैं। उनकी कुल संपत्ति 29.1 अरब डॉलर है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद मोर्दाशोव पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए। इटली की सरकार ने करीब 4.5 करोड़ डॉलर की मोर्दाशोव की शानदार याट को कब्जे में ले लिया। ओलिगार्क अर्थव्यवस्था की शुरुआत रूसी पूंजीवाद का सबसे दागदार अध्याय है। इसे देखने के लिए हमें टाइम मशीन को 1991 के मास्को की तरफ मोड़ना होगा। तब रूस पर बोरिस येल्तसिन का राज था। 1980 के आखिरी वर्षों में सोवियत संघ के विघटन के बाद रूसी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई। 1991 में येल्तसिन राष्ट्रपति बने। आर्थिक संकट के समाधान के लिए उन्होंने निजीकरण को चुना। वह वाउचर प्राइवेटाइजेशन स्कीम लेकर आए, जो दुनिया का सबसे कुख्यात निजीकरण था।

रूस में तेल, कोयला, गैस, स्टील और बैंकों के कारोबार विराट सरकारी कंपनियों के पास थे। लेकिन येल्तसिन की निजीकरण स्कीम के तहत इन सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी राजनीतिक रसूख वाले चुनींदा लोगों को दी गई। इन लोगों ने सरकार को कर्ज दिया। रूस की सरकार ने जान-बूझकर कर्ज नहीं चुकाया। नतीजतन इन खास लोगों ने सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी नीलाम की, जो इन्हीं लोगों की दूसरी कंपनियों ने खरीद ली और इस तरह रूस में रातोंरात ओलिगार्क की पूरी पीढ़ी खड़ी हो गई।

आज रूस के सभी प्रमुख कारोबार इन चुनींदा अमीरों के पास हैं। पुतिन ने शुरुआत में इन पर सख्ती की। पर वह शायद इन्हें अपने पक्ष में लाने की कोशिश थी। पुतिन का कोप झेलने वाले ओलिगार्क में मिखाइल खोदोरोवस्की भी हैं। उन्होंने येल्तसिन से वाउचर निजीकरण के जरिये रूस की दूसरी सबसे बड़ी तेल कंपनी यूकोस को खरीद लिया था। 2003 में उनकी कंपनी यूकोस एक और रूसी तेल कंपनी सिबनेफ्ट का अधिग्रहण करना चाहती थी। खोदोरोवस्की दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी बनाने की तैयारी में थे। पर पुतिन से उनकी नहीं बनी। वह गिरफ्तार हो गए और दस साल तक जेल में रहने के बाद अब लंदन में निर्वासित हैं।

खोदरोवस्की पर सख्ती के बाद रूस के ओलिगार्क पुतिन की शरण में आ गए। अब दो दर्जन से अधिक ओलिगार्क दुनिया के हर हिस्से में फैले हैं। आइशन उस्मानोव रूस की दूसरी सबसे बड़ी फोन कंपनी मेगफोन के मालिक हैं। यह रूसी स्टील दिग्गज मेटालोइन्वेस्ट में भी हिस्सेदार हैं। यूक्रेन पर हमले के बाद जिन रूसी ओलिगार्क पर पाबंदियां लगी थीं, उनमें पुतिन के रिश्तेदार और युवा अरबपति किरिल शामालोव और फुटबाल क्लब चेल्सी के मालिक रोमन अब्रामोविच भी थे। रूस के कई बैंकों, तेल कंपनियों, एयरलाइंस पर ओलिगार्क का नियंत्रण है। कुछ ओलिगार्क तो केजीबी के पुराने अधिकारी हैं।

बीते साल के अंत तक यह लग रहा था कि अमेरिका और यूरोप की सख्ती से ओलिगार्क का साम्राज्य ध्वस्त हो जाएगा, पर हुआ उल्टा। पुतिन के दागी अमीरों ने पूरी ठसक के साथ यूरोपीय समुदाय की नाक के नीचे साइप्रस में अपना ठिकाना बना लिया। ग्लोबल बैंकिंग और वित्तीय नेटवर्क ने उनकी मदद की। टैक्स हैवेन ने बांहें फैलाकर उनका स्वागत किया। दस्तावेज बता रहे हैं कि यूरोप के प्रतिबंधों के लिए एलान के ठीक एक दिन पहले ओलिगार्क ने करीब 1.2 अरब डॉलर साइप्रस में पहुंचा दिए थे।

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