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फिर रसूखदारों ने रोका साकेत चौराहा से रिंग रोड तक सडक़ निर्माण

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इंदौर। बीते कई वर्षों से साकेत चौराहा से रिंग रोड की सडक़ रसूखदारों के विवाद के चलते झमेले में पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट के कई आदेश इस सडक़ निर्माण को लेकर हो चुके हैं, मगर हर बार कोई ना कोई तकनीकी पेंच फंसाकर सडक़ का निर्माण रूकवा दिया जाता है। नगर निगम ने पिछले दिनों टेलीफोन नगर के हिस्से में कुछ अतिक्रमण हटाकर सडक़ का निर्माण शुरू कराया था। मगर 80 और 40 फीट के झगड़े में फिर काम बंद हो गया। नगर निगम का कहना है कि उसने एक बार फिर नगर तथा ग्राम निवेश से रोड का सेंट्रल अलाइनमेंट मांगा है। दरअसल क्षेत्र के लोगों का कहना है कि एक बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए बार-बार अलाइनमेंट बदल दिया जाता है और ऐसा लगता है एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।

दरअसल इंदौर के मास्टर प्लान में यह सडक़ पहले 80 फीट चौड़ी थी, जिसे बाद में भाजपा की वरिष्ठ नेत्री और इंदौर की आठ बार सांसद रहीं ताई के दबाव-प्रभाव के चलते 40 फीट कर दिया था, उसको लेकर भी हल्ला मचा, क्योंकि इस सडक़ पर ताई समर्थक अशोक डागा के निर्माण भी आ रहे हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि डागा ने आदर्श श्रमिक गृह निर्माण की जमीन भी हड़प रखी है और भूखंड पीडि़त सालों से चक्कर काट रहे हैं। उसी तरह साकेत चौराहा से रिंग रोड की सडक़ में भी उनके सहित अन्य रसूखदारों का दबाव निगम पर लगातार रहा है।

अभी पिछले साल अगस्त में निगम ने जोर-शोर से कुछ बाधक बाउण्ड्रीवॉल को तोड़ते हुए कई बड़े पेड़ भी काट दिए थे और सडक़ का निर्माण शुरू करवा दिया। हर्ष नगर, टेलीफोन नगर होते हुए यह सडक़ रिंग रोड तक बनना थी। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के आदेशानुसार फिलहाल 40 फीट सडक़ बनाई जा रही है और हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि दोनों तरफ 20-20 फीट जगह छोड़ी जाए, ताकि बाद में 80 फीट के मान से सडक़ का निर्माण हो सके। जानकीलाल भैया, शुक्ला परिवार से लेकर अन्य रसूखदार परिवारों द्वारा सेंट्रल अलाइनमेंट को लेकर आपत्ति की जाती रही है। दरअसल टेलीफोन नगर के रहवासियों का कहना है कि अभी 40 फीट सडक़ निर्माण में तो कोई आपत्ति नहीं है और उनकी बाउण्ड्री से लेकर सडक़ बन भी जाएगी, लेकिन अगर भविष्य में 80 फीट कर दी गई तो उनके मकान चपेट में आ जाएंगे। बहरहाल निगम ने फिर से नगर तथा ग्राम निवेश से रोड अलाइनमेंट मांगा है।

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