सुनील सिंह बघेल
भारत में एक वक्त ऐसा भी आया था 60 दिन में एयर इंडिया ने 500 से ज्यादा उड़ानें भर कर, कुवैत-इराक से लगभग 1.5 लाख भारतीयों को #AIRLIFT
था.. भक्ति काल मे भक्ति से सरोबार बहुत सारे लोगों को शायद पता नहीं होगा.. 2 अगस्त 1990 में इराक ने कुवैत पर हमला कर दिया था ..तब हिंदुस्तान में आज की तरह मजबूत लीलावती सरकार नहीं बल्कि, विश्वनाथ सिंह के नेतृत्व वाली, कई दलों के समर्थन से बैसाखीयों चल रही एक कमजोर सरकार थी ..
इराक के अचानक हमला कर देने से कुवैत और इराक में रोजी रोटी की तलाश में गए डेढ़ लाख से ज्यादा भारतीय फंस गए थे.. कमजोर सरकार ने हिम्मत नहीं हारी.. तब प्राइवेट एयरलाइन भी नहीं थी.. सरकारी खजाना भी खाली था ..पर सरकार के पास अपनी खुद के स्वामित्व वाली एयर इंडिया का बेड़ा था… सरकार ने अपनी जिम्मेदारी समझी.. भारतीय विदेश मंत्रालय और कुवैत में मौजूद भारतीय दूतावास के अधिकारियों की टीम भारतीयों को निकालने के अभियान में जुट गई .. युद्ध के बीच पहले सभी भारतीयों को सुरक्षित जार्डन सीमा पर पहुंचाया गया.. और उसके बाद अगस्त से अक्टूबर तक 60 दिनों के अभियान में विमानों ने रात दिन एक करते हुए कुल 500 उड़ाने भरी थीं… नतीजा यह रहा कि ज्यादातर भारतीय सुरक्षित अपने घर पहुंच गए…
अभी जो लोग महज 20 हजार छात्रों के यूक्रेन फस जाने पर हो हल्ला मचा रहे हैं, उन्हें भारत की क्षमता पर भरोसा रखना चाहिए.. अब तो कोई कमजोर नहीं बल्कि विश्व गुरु डंकापति की सर्व शक्तिमान सरकार है ..जब भी सरकार की इच्छाशक्ति और जिम्मेदारी जाग जाएगी..या जब भी फुर्सत मिल जाएगी, इन्हें सुरक्षित निकालना बहुत छोटा सा काम है.