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ये हैं 2019 की कम अंतर वाली सीटें

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लोकसभा चुनाव 2024 अब अपने अंतिम दौर में आ गया है। सातवें और अंतिम चरण का मतदान 1 जून को है। इसके बाद बारी आएगी नतीजों की, जिसका लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 4 जून को 543 में से 542 लोकसभा सीटों के परिणाम घोषित किए जाएंगे। गुजरात की सूरत सीट पर भाजपा पहले ही निर्विरोध जीत चुकी है। नतीजे के दिन लोगों की नजरें उन उम्मीदवारों पर भी होंगी जो बड़ी जीत दर्ज करेंगे। इसके अलावा यह ही देखना होगा कि कहां कम अंतर से उम्मीदवार विजयी हुए। 2019 की लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सबसे ज्यादा 303 सीटें जीती थी। वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को महज 52 सीटों से संतोष करना पड़ा था। इनमें से कुछ ऐसे भी उम्मीदवार थे जो हजार वोटों के अंतर से जीतने में कामयाब रहे थे।

आइये जानते हैं कि 2019 में सबसे कम अंतर वाली सीटें कौन सी थीं? 1000 से 2000 के अंतर वाली सीटें कितनी थीं? कितनी सीटों पर उम्मीदवारों के जीत का अंतर 2000 से 5000 की बीच था? 5000 से 10000 की बीच अंतर वाली सीटें कौन सी थीं?

2019 में सबसे कम अंतर वाली सीटें कौन सी थीं? 
बीते लोकसभा चुनाव में 1000 से कम अंतर वाली दो सीटें थीं। सबसे कम अंतर वाली जीत उत्तर प्रदेश की मछलीशहर लोकसभा सीट पर हुई थी। यहां भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भोलानाथ (बी.पी. सरोज) केवल 181 वोटों से चुनाव जीते थे। दूसरी सबसे कम अंतर वाली जीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के खाते में गई थी। लक्षद्वीप सीट पर पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद फैजल महज 823 वोटों से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। 

1000 से 2000 के अंतर वाली सीट कितनी थी?
2019 के लोकसभा चुनाव में पांच सीटें ऐसी रहीं जहां जीत का अंतर 1000 से 2000 वोटों के बीच था। इनमें से दो सीटों पर भाजपा जबकि एक-एक सीट पर टीएमसी, कांग्रेस और जदयू के उम्मीदवार जीते थे। आरामबाग सीट (पश्चिम बंगाल) से टीएमसी की अपरूपा पोद्दार 1,142, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह से कांग्रेस से कुलदीप राय शर्मा 1,407, खूंटी (झारखंड) से भाजपा के अर्जुन मुंडा 1,445, जहानाबाद (बिहार) से जदयू के चंदेश्वर प्रसाद 1,751 और चामराजनगर (कर्नाटक) से भाजपा के वी. श्रीनिवास प्रसाद 1,817 वोटों से चुनाव जीते थे।

कितनी सीटों पर जीत का अंतर 2000 से 5000 वोटों के बीच था? 
पिछले लोकसभा चुनाव में सात सीटें ऐसी रहीं जहां जीत का अंतर 2000 से 5000 वोटों के बीच था। इनमें से दो सीटों पर भाजपा जबकि एक-एक सीट पर कांग्रेस, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), वाईएसआर कांग्रेस, एआईएमआईएम और  विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) के उम्मीदवार जीते थे। 

बर्धवान-दुर्ग (पश्चिम बंगाल) लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार एसएस अहलूवालिया 2,439, चिदंबरम (तमिलनाडु) से वीसीके पार्टी के थिरुमावलवन थोल 3,219, कोरापुट (ओडिशा) से कांग्रेस के सप्तगिरि शंकर उलाका 3,613, गुंटूर (आंध्र प्रदेश) से टीडीपी के जयदेव गल्ला 4,205, विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) से वाईएसआर कांग्रेस के एमवीवी सत्यनारायण 4,414, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) से एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील 4,492 और मेरठ (उत्तर प्रदेश) से भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल 4,729 वोटों से चुनाव जीतने में सफल हुए थे। 

5,000 से 10,000 की बीच अंतर वाली सीटें कौन सी थीं?
2019 में हुए लोकसभा चुनाव की 15 सीटें ऐसी रहीं जहां जीत का अंतर 5,000 से 10,000 वोटों के बीच था। इनमें से पांच सीटों पर भाजपा, तीन सीटों पर कांग्रेस और दो सीटों पर टीडीपी के प्रत्याशियों को सफलता मिली थी। वहीं एक-एक-एक सीट पर बसपा, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस और मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए थे।

सीटराज्यविजेतापार्टीअंतर
भोंगीरतेलंगानाकोमाटी वेंकट रेड्डीकांग्रेस5219
श्रावस्तीउत्तर प्रदेशराम शिरोमणिबसपा5320
जहीराबादतेलंगानाबी.बी.पाटिलबीआरएस6229
मुजफ्फरनगरउत्तर प्रदेशसंजीव कुमार बालियानभाजपा6526
श्रीकाकुलमआंध्र प्रदेशकिंजरापु नायडूटीडीपी6653
अनंतनागजम्मू-कश्मीरहसनैन मसूदीनेकां6676
कांकेरछत्तीसगढ़मोहन मंडावीभाजपा6914
रोहतकहरियाणाअरविन्द कुमार शर्माभाजपा7503
मिजोरममिजोरमसी लालरोसांगाएमएनएफ8140
मालदा दक्षिणपश्चिम बंगालअबू हासेम खान चौधरी कांग्रेस8222
विजयवाड़ाआंध्र प्रदेशकेसिनेनी श्रीनिवास टीडीपी8726
दादरा-नगर हवेलीदादरा-नगर हवेलीडेलकर सांजीभाईनिर्दलीय9001
संबलपुरओडिशानितेश गंगा देबभाजपा9162
दक्षिण गोवागोवाकॉस्मे फ्रांसिस्को कांग्रेस9755
दमन और दीवदमन और दीवलालूभाई बाबूभाई पटेलभाजपा9942

पांच सबसे बड़ी जीत कहां मिली थी?
पिछले लोकसभा चुनाव में पांच सबसे बड़ी जीतों की बात करें तो ये सभी भाजपा के खाते में गई थीं। गुजरात के नवसारी सीट से सीआर पाटिल 6,89,668 वोटों से बड़े अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे। इसके बाद करनाल (हरियाणा) सीट से संजय भाटिया 6,56,142, फरीदाबाद (हरियाणा) से कृष्ण पाल 6,38,239, भीलवाड़ा (राजस्थान) से सुभाष चंद्र बहेरिया 6,12,000 और वडोदरा (गुजरात) से रंजनाबेन भट्ट को 5,89,177 वोटों के अंतर से जीत मिली थी। 

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