मुनेश त्यागी
दरिंदे वो भी हैं
जिन्होंने कत्ल किया है
बेगुनाहों का,
दरिंदे वो भी हैं
जिन्होंने जला डाले हैं
बेगुनाह घर और दुकानें,
दरिंदे वो भी हैं
जो साथ खड़े हैं
दरिंदों के,
दरिंदे वो भी हैं
जिन्होंने आंख मूंद ली है
दरिंदगी पर,
दरिंदे वह भी हैं
जो जश्न मना रहे हैं
बेगुनाहों की हत्याओं पर,
दरिंदे वो भी हैं
जिन्होंने मौन साध लिया है
दरिंदो की दरिंदगी पर,
दरिंदे वो भी हैं
जो दे रहे हैं पनाह
दरिंदों को,
दरिंदे वो भी हैं
जो सियासत कर रहे हैं
दंगों और हत्याओं की।
दरिंदे वो भी हैं
जो अनदेखा कर रहे हैं
दरिंदों और दरिंदगी को।