गोपाल राठी पिपरिया
मप्र का शासन जिस भवन से चलता है उसका नाम वल्लभ भवन है. अभी नहीं शुरू से है. गुजरात विधानसभा का नाम सरदार पटेल विधानसभा भवन है. देश के बड़े पुलिस अफ़सर ( आईपीएस ) जहां प्रशिक्षण लेते हैं, हैदराबाद स्थित उस अकादमी का नाम सरदार पटेल के नाम पर है. सूरत की नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी का नाम भी सरदार पटेल के नाम पर है। गुजरात में सरदार पटेल के नाम पर विश्वविद्यालय हैं, आनंद में वल्लभ विद्यानगर है। मुबंई में नेशनल टेक्नीकल इंस्टीट्यूट है।
बीकानेर में सरदार पटेल मेडिकल कालेज है। जोधपुर में पुलिस एवं सिक्युरिटी यूनिवर्सिटी है। गुजरात में उनका मेमोरियल है, म्यूजियम है। दिल्ली में सरदार पटेल विद्यालय है। संसद मार्ग पर एक प्रमुख स्थान पटेल चौक है, इसी नाम से मेट्रो स्टेशन है। चाणक्यपुरी के समांतर हवाई अड्डे आने-जाने वाली प्रमुख सड़क का नाम सरदार पटेल मार्ग है। देश भर में अनेक स्कूल और कॉलेज सरदार पटेल के नाम पर हैं, सड़कें हैं, पार्क हैं, स्टेडियम और एयरपोर्ट हैं. और हां, पिछले साल मोदी ने देश के जिस सबसे बड़े बांध का शुभारंभ किया है वह भी “सरदार सरोवर” है. इसका शिलान्यास पंडित नेहरू ने किया था.
लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी कहते है कि सरदार साहब को जानबूझ कर इतिहास में ज़गह नहीं दी गई, उनका नाम इतिहास से मिटाने की कोशिश की गई. ऐसे असत्य की कोई सीमा होती है?
दूसरी तरफ भाजपा शासित स्थानीय निकायों ने कितनी सडकों , पार्कों , बस स्टेंड या इमारतों का नामकरण सरदार पटेल के नाम पर किया ?
भाजपा शासित केंद्र , राज्य सरकारों ने सरदार पटेल के नाम से कौन- कौन सी नई योजनायें शुरू की है ?
क्या आपने भाजपा के मंच पर डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ सरदार पटेल की तस्वीर देखी है ?
संघियों की सरदार पटेल के प्रति श्रद्धा दिखावटी है l ये लोग सरदार पटेल का राजनैतिक इस्तेमाल कर रहे हैं l ये सरदार पटेल को अपने दीनदयाल पंडित के समतुल्य भी नहीं मानते l
गोपाल राठी पिपरिया