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ये हेट स्पीच नहीं, मामला जांच के लिए नहीं है फिट

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                               –सुसंस्कृति परिहार 

ये देश के पीएम से जुड़ा मामला है जिसकी संपूर्ण देश में ख़ूब चर्चा भी हुई। जिससे बहुसंख्यक लोगों में ग़लत फहमी फैलाई गई कि कांग्रेस यदि सत्ता में आई तो आपकी और देश की सम्पत्ति छीन कर मुसलमानों में कांग्रेस बांट देगी। यहां तक कहा गया कि महिलाओं का मंगलसूत्र भी छीन लिया जाएगा। हमारे देश में अधिकांश हिंदू महिलाएं अपने मंगलसूत्र में पति का अक्स देखती है। ऐसी हेट स्पीच के सहारे पीएम नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में लोकसभा चुनाव 24 में वोट मांगे थे।

  इससे असंतुष्ट होकर जिया उर रहमान ने अपनी शिकायत में अदालत से पीनल कोड की धारा 153 ए (नफरत फैलाने वाला भाषण) 153 वी 295ए( धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) 503, 504 ,505( 2) के तहत अपराध पर संज्ञान लेने या मामले को स्थानीय पुलिस जांच के लिए सौंपने का अनुरोध किया था। रहमान ने अदालत के सामने दावा किया कि वह मोदी ने इस भाषण के दौरान देश को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो महिलाओं के मंगलसूत्र सहित भारतीयों की संपत्ति छीन ली जाएगी और इसे मुसलमान में बांट दिया जाएगा ।हालांकि अदालत ने शिकायत को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामला जांच के लिए फिट नहीं बैठता है। इस संबंध में बैंगलुरु केअतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जस्टिस केएन शिवकुमार ने जिया उर रहमान नाम के व्यक्ति द्वारा दायर याचिका को विगत दिनों ख़ारिज़  किया है।जिस पर पुनर्विचार की ज़रूरत है।

  विदित हो मोदीजी ने 21अप्रेल 24 को अक्षरश: राजस्थान के बांसवाड़ा में कहा था -“कांग्रेस सत्ता में आई तो देश की संपत्ति मुसलमानों को बांट देगी उन्होंने कहा कांग्रेस जब सत्ता में थी तब उसने कहा था देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है मतलब ये संपत्ति इकट्ठा कर किसको बांटेंगे । घुसपैठियों को बांटेंगे।आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा ।आपको मंजूर है ये। उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस मेनीफेस्टो यह भी कह रहा है कि मां बहनों के गोल्ड का हिसाब  करेंगे यानि मंगलसूत्र भी छीन लिया जाएगा जानकारी मिलने के बाद सब छिन जाएगा  फिर बांट देंगे ये अर्बन नक्सल की सोच है।”

अब बताइए कि यह पीएम की हेट स्पीच नहीं है तो क्या है जी।मामला जांच के लिए फिट नहीं बैठता या बात कुछ और ही है कहीं ऐसा तो नहीं समरथ को नहीं दोष गुसाईं।क्या कीजिएगा।एक और बात संदेह की ओर ले जाती है वह यह है काश यह याचिका मुसलमान ने नहीं किसी हिन्दू कम्युनिटी वाले ने लगाई होती। बहरहाल यह तो साफ़ तौर पर ज़ाहिर है कि सत्ता के ख़िलाफ़ उंगली उठाने पर न्याय भी संकोच और दहशत में है। हालांकि चुनाव के दौरान हेट स्पीच सम्बंधित याचिकाओं पर अमूमन दंड नहीं दिया जाता है इसका ही परिणाम है कि हमारे संवैधानिक नियम कानूनों की लगातार अवहेलना होती रहती है और जनता में झूठ फैला कर सत्ताशीर्ष पर पहुंच आसानी से संभव होने लगी है।इससे अवाम बुरी तरह ठगी जा रही है। काश! ऐसी हेट स्पीच पर दंड का प्रावधान हो जाता ।

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