*(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)*
यूपी में का…बा के जमाने लद गए। ये बुलडोजर बाबा यानी बुलडोजर सवार योगी जी की यूपी है, रामराज्य की पटरी पर सरपट दौड़ती हुई। अब जवाब नहीं बदलेगा, पर नेहा सिंह राठौर को अपना सवाल चेंज कर देना चाहिए। यूपी में का…बा नहीं, अब यूपी में का-का…नहीं बा पूछना चाहिए। सवाल ही सही नहीं होगा तो जवाब क्या खाक सही मिलेगा। खैर, नेहा नाम से याद आया, यूपी में अब तृप्ता त्यागी भी मशहूर बा। मुजफ्फरनगर के एक गांव के नेहा पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल कम मालकिन तृप्ता त्यागी। एक छोटी क्लास के छोटे से बच्चे को, मुसलमान होने की वजह से, साथ के हिंदू बच्चों से यह कहकर थप्पड़ मरवाने वाली तृप्ता त्यागी, कि ये मुसलमान बच्चे इसी के काबिल हैं। पूरे मामले का वीडियो वाइरल हो जाने के बाद भी, सिर्फ एक बच्चे को दूसरे बच्चों से पिटवाने की मिस्टेक मानतीं, फिर भी किसी तरह के पछतावे से इंकार करतीं तृप्ता त्यागी। इसके बाद भी शासन-प्रशासन द्वारा तृप्ता त्यागी का बचाव बा और पिटने वाले मुसलमान पर शिकायत वापस लेने के लिए भारी दबाव बा; ये यूपी जनाब बा।
और यूपी में पूर्व-मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की, मधुमिता शुक्ला की हत्या के लिए आजीवन कारावास से, अच्छे आचरण के लिए समय से पहले रिहाई बा। अमरमणि के पुत्र द्वारा इस कृपा के लिए परिवारिक मित्र, संरक्षक तथा मार्गदर्शक कहकर, योगी जी की इज्जतअफजाई बा। पिछले जनतंत्र दिवस पर गुजरात सरकार के कौसर बी के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाने वालों की सजा माफी देने के साल भर बाद, इस जनतंत्र दिवस पर यूपी में गुजरात की टक्कर की सजा माफी दिलवा के दिखाई बा। इस मौके पर गुजरात वालों की तरह मिठाई भी बा, पर उससे आगे और बहुत कुछ बा। आजीवन करावास के सजायाफ्ता त्रिपाठी के पूर्व-विधायक बेटे, अमनमणि के अनुसार उनके चुनाव क्षेत्र की प्रजा ऐसे खुश बा, जैसे चौदह वर्ष के वनवास के बाद राम जी की अयोध्या में वापसी बा!
और यूपी में रेलवे के प्लेटफार्म पर मिनिस्टर की कार बा। रेल पटरी पर नहीं, बस प्लेटफार्म पर पशुधन मंत्री की कार बा। जब पशु कहीं भी आ-जा सकत बा, यूपी मेें आवारा पशुओं के झुंड मन की करत बा, तो पशुधन मंत्री की कार के रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर चढ़े में क्या परेशानी बा? पूछने पर मंत्री जी बोले बारिश से बचाव का इंतजाम बा और का बा। और जब ज्यादा ही हल्ला मचा, तो मंत्री जी की कार का ड्राइवर सस्पेंड बा।
और हां बाबा जी की यूपी में अस्पताल पर बाबा जी का बुलडोजर भी तो बा। और कहीं अस्पताल पर बुलडोजर चला हो , तो बताना। हुआ ये कि लखनऊ की भाजपा की मेयर, सुषमा खड्वाल एक निजी अस्पताल में गयीं। मेयर साहिबा जब जूतों समेत अस्पताल के आइसीयू में घुसने लगीं, तो वहां तैनात डाक्टर ने जूते बाहर उतारकर अंदर जाने के लिए बोल दिया। आइसीयू तो मेयर साहिबा के जूतों में लगी धूल-गंदगी से तो बच गया, लेकिन मेयर साहिबा ने अपने दफ्तर से जो बुलडोजर बुलवा लिए, उनसे अस्पताल कितना बच पाया और कितना गिरा, क्या आइसीयू में बुलडोजर पहुंचा, इसकी हमें पक्की जानकारी नहीं है। पर आइसीयू में जूता नहीं बा, तो अस्पताल में बुलडोजर बा! यूपी में जा-जा बा, बाकी सब मजा बा!
*(व्यंग्यकार वरिष्ठ पत्रकार और साप्ताहिक ‘लोकलहर’ के संपादक हैं।)*