मीना राजपूत
_चिरायता में नीम और कालमेघ दोनों के गुण पाए जाते हैं. चिरायता का इस्तेमाल मोटापा और मधुमेह जैसी समस्याओं से बहुत जल्दी राहत प्रदान करता है. यह एक इम्युनिटी बूस्टिंग एजेंट है, जो सर्दी-खांसी को जड़ से खत्म कर देता है._
चिरायता में एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, हेप्टोप्रोटेक्टिव, लैक्सेटिव, हाइपोग्लाइसेमिक, डाइजेस्टिव गुण होते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.
_इसकी मदद से लिवर की कार्यक्षमता, भूख, पाचन, मेटाबॉलिज्म, वेट लॉस आदि काफी आसानी से किया जा सकता है._
चिरायता में स्वास्थ्यवर्धक और पोषक गुणों का खजाना है. यह स्वाद में जितना कड़वा होता है, गंभीर बीमारियों से उतना ज्यादा ही बचाव करता है. आइए चिरायता के इस्तेमाल से मिलने वाले फायदे जानते हैं.
*मोटापा :*
तेजी से मोटापा घटाने के लिए चिरायता के सूखे पत्ते काफी फायदेमंद होते हैं. इनमें मौजूद फाइबर और जरूरी पोषण आपके अस्वस्थ खानपान की आशंका को कम करने में मदद करते हैं.
वहीं, चिरायता का सेवन शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी घटाता है. इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिस कारण शरीर में फैट बर्निंग की प्रक्रिया तेज होती है. आप इसके लिए चिरायता के सूखे पौधे से तैयार काढ़ा पी सकते हैं.
*शुगर :*
हाइपोग्लाइसेमिक होने के कारण चिरायता में ब्लड शुगर का स्तर घटाने वाले असाधारण गुण होते हैं. इसका सेवन करने से शरीर में इंसुलिन का उत्पादन करने वाली सेल्स की सक्रियता बढ़ जाती है.
इस कारण शरीर में ब्लड शुगर का स्तर कम होने लगता है और मधुमेह से राहत मिल जाती है. मधुमेह रोगी चिरायता के सूखे पत्तों का काढ़ा पीकर डायबिटीज से राहत प्राप्त कर सकते हैं.
*इम्युनिटी :*
संक्रमण से लड़ने व बचाव के लिए चिरायता का सेवन काफी पुराने समय से किया जाता रहा है. इसमें मौजूद एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण काफी मजबूत होते हैं. यह सामान्य सर्दी-जुकाम से राहत देने में काफी कारगर साबित होता है.
अगर आपके शरीर पर कोई जख्म हो गया है, तो चिरायता के इस्तेमाल से उसे भी जल्दी ठीक किया जा सकता है.
*स्किन डिसऑर्डर :*
चिरायता में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, इसलिए यह हमारे खून को साफ करने में मदद करता है.
यह खून से टॉक्सिन निकालकर विभिन्न स्किन डिसऑर्डर से राहत देता है. क्योंकि, अधिकतर स्किन डिसऑर्डर का कारण आपके खून में टॉक्सिन्स का होना होता है. जिस कारण आपको खुजली, रैशेज, सूजन, जलन आदि समस्याएं हो सकती हैं.
(चेतना विकास मिशन)