-सुसंस्कृति परिहार
चुनाव परिणामों की तारीख आखिरकार आ ही गई।चार जून दिन मंगलवार।मतलब कल ताज़िए ठंडे हो जाएंगे किसके यह शायद सत्तारुढ़ पार्टी को ही पता है।आम जनता तो भौंचक रह जाती है परिणामों से।भाजपा के ज्योतिष के गर्भ में जो जीत का जादू छुपा हुआ है उसे जनता भली-भांति समझने लगी है इसलिए कह देती है वोट कहीं भी दो जीतेगा तो मोदी ही हैं। एक्जिट पोल में यही बात सामने लाई जाती है वह जनता के व्यंग्य को सच मान लेते हैं। वस्तुत:अब तक वे जितनी जीत की सीट बताते हैं उतनी ही आती रही हैं। ये कैसे संभव होता है ये तो चुनाव आयोग जाने।कोई विज्ञान गणित का सूत्र भी ऐसा नहीं कर सकता है।
मगर अब की बार चार सौ पार का नारा अचरज भरा लगता है।इतनी बड़ी कारगुजारी करने वाले ही भगवान का ध्यान लगाकर बताने की चेष्टा करते हैं यह सब ऊपर वाले की कृपा से हो रहा है। फिर जब कथित अवतारी ही साक्षात ध्यान लगा रहा हो तो सब मुमकिन है। बेशक हिंदुस्तान भी गजब का देश है वह आज की सुख सुविधा की अपेक्षा अगले जन्म के सुख के लिए मंदिर और बाबाओं का रुख करता है।राम जी आ गए हैं और क्या चाहिए?
इस सब के बावजूद देश में बहुत खलबली है। एक्जिट पोल शायद गलत हो जाएं क्योंकि जनता ने अपना बहुसंख्यक मत सरकार के ख़िलाफ़ दिया है। कुछ लोगों को भरोसा है सुप्रीम कोर्ट की डांट डपट के बाद चुनाव आयोग धांधली नहीं कर सकता।ये विश्वास देखिए इस बार कायम होता है या फिर टूटता है। क्योंकि भांड़ मीडिया तो मोदीजी की हैट्रिक की घोषणा कर ही चुका है विपक्ष निराश ना हो ताज़िए उन्हीं के ठंडे होने जा रहे हैं जो जबरन जीत के ख्वाब देख रहे हैं। दरअसल बात ये है इंडिया गठबंधन की स्थिति सुदृढ़ है मानसिक तौर पर उसे परास्त करने का ये एक बड़ा और अंतिम हथकंडा है। मतगणना स्थल पर उपस्थित विपक्ष कड़ी नज़र रखें। परेशान ना हों। निडर होकर चुनौती का सामना करें।कोई समझौता कहीं ना हो पाए सतर्कता ज़रूरी है।
इंडिया गठबंधन ने जिस तरह के दौर में चुनाव लड़ा है वह ऐतिहासिक कठिन वक्त रहा जब विपक्षी नेताओं को ईडी ,सीबीआई आईटी जैसे संस्थानों ने भरपूर सताया है। गठबंधन के दो मुख्यमंत्री जेल में हैं। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की सांसदी ख़त्म की गई,निवास छीना गया ,उनकी बीमार मां से ईडी ने घंटों निरर्थक बकवास की।नफ़रत का भाव उनके ख़िलाफ़ पैदा किया गया लेकिन इससे जनता में उनकी लोकप्रियता ख़ूब बढ़ी यह भारत जोड़ो और भारत जोड़ो न्याय यात्रा में और चुनाव प्रचार के दौरान दिखी।वह तो स्पष्ट संकेत दे रहा है कि सरकार बदल रही है। इंडिया को अब इंडिया गठबंधन संभालने जा रहा है।यह विश्वास गठबंधन के सभी नेताओं ने जतलाया है।
दूसरी ओर सरकारी मशीनरी के साथ सरकारी धन के प्रलोभनों की खैरात और विपक्षी नेताओं पर जबरिया भ्रष्टाचार के आरोप गढ़ने वाली सरकार, राफेल दलाली से लेकर चुनावी बांड की बिक्री,पीएम केयर फंड,नकली वेक्सीन आदि में ,खुद भ्रष्टाचार में गले तक डूबी हुई है।जीती हुई सरकारों को धन की बदौलत तोड़नेवाली तिकड़मी सरकार एक बार चुनाव परिणामों में धांधली के लिए एक्जिट पोल का सहारा ले रही है ।इसका मुकाबला वक्त पर सक्षम पहल कर ही करना होगा।जनमत आपके साथ है तो डरना कैसा। चोरों की बारात से डर कैसा ?एक बुजुर्ग का कहना है मंगलवार रामभक्त हनुमान का दिन है और उनकी गदा नकली रामभक्तों पर कहर ढाने वाली है। देखें क्या होता है?