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आज की सबसे बड़ी जरूरत मोहब्बत और भाईचारा

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मुनेश त्यागी

आदमी नहीं रह सकता है प्यार बिना
मोहब्बत है उसकी बुनियादी जरूरत
प्यार बिना है सब कुछ सूना सूना
आओ हम भी प्यार करें।

चार्वाक, अशोक और गौतम बुद्ध से
रविदास, अकबर, नानक, कबीर से
जफर, लक्ष्मीबाई और मंगल पांडे से
आओ हम सब प्यार करें।

विवेकानंद, बिस्मिल और अशफाक से
भगत, आजाद, राजगुरु और सुखदेव से
सुभाष गांधी नेहरू जे पी और अंबेडकर से
आओ हम सब प्यार करें।

संविधान और कानून के शासन से
संप्रभुता, धर्मनिरपेक्षता, आजादी से
जनतंत्र, गणतंत्र और समाजवाद से
आओ हम सब प्यार करें।

समता, समानता और आजादी से
भारत की एकता और अखंडता से
साझी संस्कृति और इंसाफ के अभियान से
आओ हम सब प्यार करें।

नदियों, पहाड़ों और जमीन से
जल, जंगल, वन और वायु से
धरती प्रकृति और जलवायु से
आओ हम सब प्यार करें।

मां, बहन, बेटी और बहुओं से
पिता, पुत्र, भाई और भतीजों से
कामरेडों, दोस्तों और यारों से
आओ हम सब प्यार करें।

किसानों और मजदूरों से
सभी मेहनतकश इंसानों से
इंकलाब के क्रांतिकारी नारों से
आओ हम सब प्यार करें।

मिले-जुले संघर्ष के अभियान से
बटवारा, हिंसा और दंगे छोड़कर
भाईचारे की आज की जरूरत से
आओ हम सब प्यार करें।

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