हमारे पोंगा पंडित दोनों हाथ में लड्डू चाहते हैं इसलिए मरने के पहले अगले जन्म को सुधारने के नाम पर भी उस व्यक्ति से कर्मकांड करवाएंगे और मरने के बाद उसके बच्चों को पितरों का डर दिखाकर उनसे भी खीर-पूड़ी का इन्तजाम जारी रखेंगे..!
विश्वप्रसिद्ध भारतीय चिंतक और दार्शनिक.. आचार्य रजनीश
धर्म के धंधे का सबसे हास्यास्पद और विकृत रूप देखना है तो पितृपक्ष ,श्राद्धपक्ष और इनके कर्मकांडों को देखिये इससे बढ़िया केस स्टडी दुनिया के किसी कोने में आपको नहीं मिलेगी,ऐसी भयानक रूप से मूर्खतापूर्ण और विरोधाभासी चीज सिर्फ कथित विश्वगुरु भारत जैसे देश के पास ही मिल सकती है ! एक तरफ तो ये माना जाता है कि पुनर्जन्म होता है मतलब कि घर के बुजुर्ग मरने के बाद वे अगले जन्म में कहीं पैदा हो गए होंगे ! दूसरी तरफ ये कर्मकांडी ये भी मानेंगे कि वे स्वर्ग यानी अंतरिक्ष में कहीं लटक रहे हैं और खीर-पूड़ी के लिए तड़प रहे हैं !
अब आप सोचिये पुनर्जन्म अगर होता है तो अंतरिक्ष में लटकने के लिए वे उपलब्ध ही नहीं हैं ! वे तो किसी न किसी व्यक्ति के छोटे-छोटे बच्चों के रूप में किसी स्कूल में नर्सरी में पढ़ रहे होंगे ! अगर स्वर्ग यानी अन्तरिक्ष में लटकना सत्य है तो पुनर्जन्म गलत हुआ ! लेकिन हमारे पोंगा पंडित दोनों हाथ में लड्डू चाहते हैं, इसलिए मरने के पहले अगले जन्म को सुधारने के नाम पर भी उस व्यक्ति से कर्मकांड करवाएंगे और मरने के बाद भी उसके बच्चों को पितरों का डर दिखाकर उनसे भी खीर-पूड़ी का इन्तजाम जारी रखेंगे..!
अब मजा ये कि इनसे कोई कहने – पूछने वाला भी नहीं कि महाराज इन दोनों बातों में से कोई एक ही सत्य हो सकती है ! उस पर दावा ये कि ऐसा करने से सुख समृद्धि आयेगी लेकिन इतिहास गवाह है कि ये सब पाखंड हजारों साल तक करने के बावजूद यह देश अभी भी अपने पड़ोसी श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान आदि पिद्दी से देशों से भी ज्यादा गरीब और गुलाम बना रहा है ! बावजूद इसके हमारे भारत महान देश में लगभग हर घर में, हर परिवार में पितृपक्ष और श्राद्ध का ढोंग बहुत गंभीरता से निभाया जाता है और वो भी पढ़े लिखे और शिक्षित परिवारों में भी..! ये सच में एक चमत्कार ही है !
– विश्वप्रसिद्ध भारतीय चिंतक और दार्शनिक,आचार्य रजनीश
संकलन-निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद, उप्र,संपर्क-9910629632, ईमेल – nirmalkumarsharma3@gmail.com