शशिकांत गुप्ते
Show शो यह अंग्रेजी शब्द है।
जादूई खेल दिखाने को Magic show कहतें हैं। कठपुलियों का भी शो होता है। सर्कस का भी शो होता है। बहुत प्रकार के शो होते हैं।
पचास,साठ,सत्तर और लगभग अस्सी के दशक तक सड़क पर करिश्में दिखाने वाले मदारियों का स्मरण होता है,जो बंदरों,भालूओ को सड़क पर नचाकर खेल दिखाते थे।
पशुओं को सड़क पर नचाने के बाद तमाशा देखने वालों के आगे हाथ पसार कर भीख मांगने में मदारियों को कोई लाज और शर्म नहीं आती है।
इसीतरह सड़क पर सड़क छाप जादूगर करिश्में दिखाने के पूर्व दर्शकों को इकठ्ठा करने के लिए एक ऐलान करता है, सांप और नेवले की लड़ाई दिखाऊंगा।
भीड़ इकट्ठी होने पर जादूगर अपनी औकात में आ जाता है, और बेचता है, दंत मंजन या चिंताहरण ताबीज सिर्फ दो रूपयो में।
सियासतदान भी रोड शो करतें हैं।
देश में एक ओर जमीन धस रही है। लोगों के आशियानों में दरार पड़ रही है। वे बेघरबार हो रहें हैं।
आमजन की मूलभूत समस्याएं बढ़ रही है। ऐसे स्थिति में भी सियासतदान रोड शो कर रहें हैं।
एक व्यंग्यात्मक किस्से का स्मरण होता है।
एक बार जंगल में सभी
वन्यप्राणियो ने बैठक कर एक प्रस्ताव पारित किया कि,जंगल के राजा शेर को हटाया जाए और दूसरे राजा को सर्वानुमति से चुना जाए।
अनवरत चलते आ रहे शेर के एक छत्र सत्ता को हटाया गया।
सत्ता परिवर्तन के बाद बंदर को बतौर जंगल के राजा सर्वानुमति से निर्वाचित किया गया। संभवतः तात्कालिक स्थिति में बंदर को ही चुनना कोई मजबूरी होगी?
बंदर के सत्तासीन होने के बाद एक गरीब मादा हिरण अपनी फरियाद लेकर राजा के पास गई।
राजा बंदर को मादा हिरण ने शिकायत की मेरे नन्हे बच्चे को शेर ने अपने पंजे से दबोच कर रखा,शेर उसे खा जाएगा।
राजा बंदर ने कहा चलो मेरे साथ जहाँ शेर ने तुम्हारे बच्चे को दबोच कर रखा है।
मौकाए वारदात पर बंदर ने देखा सच में शेर ने हिरण के बच्चे को दबोच रखा है। यह देख बंदर अपनी आदत अनुसार एक वृक्ष से दूसरे वृक्ष,दूसरे से तीसरे इस तरह बंदर कईं वृक्षो पर उछल कूद करने लगा।
मादा हिरणी रोने लगी। राजा ये क्या कर रहे हो, मेरे बच्चे को बचाओ,बंदर बोला तेरे बच्चे का क्या हश्र होगा यह कह पाना तो मुमकिन नहीं हे,लेकिन मादा हिरणी तूने देखा मैने अपनी भाग दौड़ में कोई कमी की है?
आज सियासत में यही तो सबकुछ हो रहा है।
शशिकांत गुप्ते इंदौर