सचिन मामपट्टा
अपने सूचीबद्ध प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले गैर-सूचीबद्ध कंपनियां ज्यादा तेज रफ्तार से नए संयंत्र और अन्य अतिरिक्त क्षमताएं जोड़ रही हैं। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024 के लिए गैर-सूचीबद्ध कंपनियों की शुद्ध अचल संपत्तियों में वृद्धि 7.5 फीसदी थी। यह सूचीबद्ध कंपनियों की 6.4 फीसदी वृद्धि के मुकाबले ज्यादा है।
यह आंकड़ा 4,231 गैर-सूचीबद्ध और 3,575 सूचीबद्ध गैर-वित्तीय कंपनियों पर आधारित है। गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के आंकड़े कुछ अंतराल के बाद जारी किए जाते हैं। यहां दिसंबर के अंत तक के आंकड़े इस्तेमाल किए गए हैं। ये उस संख्या का लगभग पांचवां हिस्सा हैं जो आम तौर पर सभी नतीजे आने के बाद सीएमआईई डेटाबेस में उपलब्ध हो जाते हैं। उन्हें मोटे तौर पर रुझान का संकेत माना जा सकता है। शुद्ध स्थायी संपत्तियां मूल्यह्रास के हिसाब से मशीनरी, उपकरण और अन्य इसी तरह की संपत्तियों की कीमत को दर्शाती हैं। इन संपत्तियों में वृद्धि का मतलब यह हो सकता है कि कंपनियां अपनी उत्पादक क्षमता बढ़ा रही हैं।
लार्सन ऐंड टुब्रो के समूह मुख्य अर्थशास्त्री सच्चिदानंद शुक्ला के अनुसार क्षमता उपयोग 75-76 प्रतिशत के आसपास टिका हुआ है, वैश्विक आर्थिक और भूराजनीति के कारण कम विश्वास और धन की ऊंची लागत मार्जिन के लिए चुनौती बनी हुई है। उन्होंने कहा कि लेकिन मौजूदा परिवेश में निवेश बढ़ा रही ज्यादातर कंपनियां सेमीकंडक्टर, बैटरी या सोलर पावर जैसे नए जमाने के क्षेत्रों की हैं।
स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा का कहना है कि अधिग्रहण एक अन्य तरीका है जिसके जरिये कुछ कंपनियां अपनी क्षमता बढ़ाना चाहेंगी। लेकिन उनके अनुसार मांग की स्थिति में सुधार होने पर व्यापक पूंजीगत व्यय में तेजी आएगी। उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि यह वित्त वर्ष 2026 की पहली या दूसरी तिमाही में हो सकता है।’
उपभोक्ता वस्तु, विद्युत एवं सेवाएं (वित्तीय क्षेत्र को छोड़कर) इस वृद्धि के मुख्य वाहकों में से हैं। उपरोक्त प्रत्येक क्षेत्र में सालाना आधार पर 8 से 11 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। हवाई यातायात और संबंधित सेवाओं में सालाना आधार पर शुद्ध अचल संपत्तियों में 58.3 प्रतिशत इजाफा दर्ज किया गया जो तेजी से बढ़ते विमानन बाजार के कारण हुआ। गैर-सूचीबद्ध क्षेत्र में निर्माण और रियल एस्टेट कंपनियों ने भी अपनी सूचीबद्ध प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ दिया है।
एफएमसीजी कंपनी निरमा की स्थायी संपत्तियां वित्त वर्ष 2024 में 121 प्रतिशत बढ़कर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गईं। एयर इंडिया के लिए यह 48.8 फीसदी बढ़कर 48,794 करोड़ रुपये और एमेजॉन डेटा सर्विसेज के लिए 12 फीसदी तक बढ़कर 18,127.7 करोड़ रुपये हो गईं। ये उन प्रमुख कंपनियों में शामिल हैं जिनके आंकड़े कैपिटालाइन पर उपलब्ध थे। इनमें से कुछ कंपनियां विकास को बढ़ावा देने के लिए अन्य कंपनियों का अधिग्रहण भी कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, निरमा समूह ने मार्च 2024 में ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज का अधिग्रहण पूरा कर लिया।