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नफरत के बारूद पर बैठा यूपी

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हिसाम सिद्दीकी

”बीजेपी के लोक सभा मेम्बर ने एडमिनिस्टेªशन की इजाजत के बगैर डाक्टर अम्बेडकर की शोभा यात्रा निकलवाई पुलिस ने रोका तो भीड़ के बीच खड़े होकर सीनियर पुलिस कप्तान को निकम्मा कह कर एक भीड़ से उनके घर पर हमला करा दिया। जवाब में दलितों ने नौ मई को रामनगर बादशाहपुर पुलिस चैकी को जला कर राख कर दिया। दलितों के हाथों ठाकुर नौजवान का कत्ल हुआ तो ठाकुरों ने दलितों के 25 घर जला दिए।“”सिर्फ दो हफ्तों के अंदर सहारनपुर में दंगे फसाद के तीन भयानक वाक्यात पेश आए, तीनों में ही सरकारी इजाजत के बगैर जुलूस निकालने और जलसे करने की बुनियादी वजहें रहीं। एक मामले में तो बीजेपी के लोक सभा मेम्बर राघव लखनपाल शर्मा और उनकी पार्टी के मेम्बरान असम्बली सीधे-सीधे मुलव्विस थे। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पांच और नौ मई को ठाकुरों और दलितों के जुलूसों और धरनों ने हंगामा करा दिया।“”वजीर-ए-आला योगी की वार्निग के बावजूद मुरादाबाद में खुद को बजरंग दल कहने वालों ने आरटीओ दफ्तर पर हमला बोलकर कहा कि अब हिन्दुओं की सरकार है इसलिए तमाम ठेके हम लेंगे या हमारी सिफारिश पर ही दिए जाएंगे। मेरठ और गाजियाबाद में स्वामी नरसिम्हानन्द सरस्वती, चेतना शर्मा परमिन्दर आर्या और अनिल यादव नौ से पन्द्रह साल के बच्चों के जेहन में जहर भर कर असलहा चलाने की टेªनिंग दे रहे हैं कोई पूछने वाला नहीं है।“
लखनऊ! उत्तर प्रदेश के चीफ मिनिस्टर आदित्यनाथ योगी का बार-बार बयान कि प्रदेश में कानून अपने हाथों में लेने वालों और गले में भगवा अगौंछा डालकर कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, प्रदेश खुसूसन पच्छिमी उत्तर प्रदेश में रोज ब रोज पैदा हो रहे हिन्दुत्व के नए ठेकेदारों और खुद को भगवा ब्रिगेड कहने वालों की हरकतों की वजह से हालात इतने खराब हो चुके हैं कि उत्तर प्रदेश नफरत के बम या बारूद के ढेर पर बैठा दिखने लगा है। सहारनपुर में पुलिस और एडमिनिस्टेªशन की तमाम कोशिशों के बावजूद महज दो हफ्ते के अंदर खतरनाक तबकाती (वर्ग आधारित) टकराव के तीन बड़े वाक्यात ने जिले के बच्चे-बच्चे को खौफजदा कर दिया है। दलित तबका जो अक्सर डरा-सहमा ही रहता था वह भी अब सख्त मुकाबले पर मैदान में आ चुका है। मुरादाबाद मे तो नौ मई को इंतेहा ही हो गई। आरटीओ आफिस में गाड़ियों में फस्र्टएड मेडिकल किट लगाने का ठेका देने की कार्रवाई हो रही थी। अचानक गले मंे और सरों पर भगवा अगौंछा डाले सौ से ज्यादा लोगों की एक भीड़ वहां पहुंचती है। उनकी लीडरी करने वाले बजरंग दल के ओहदेदार थे उनका कहना था कि बीजेपी सरकार बनवाने मंे हमारा भी बड़ा तआवुन (सहयोग) रहा है तोे अब ठेके पट्टों में भी हमें पूरा हिस्सा चाहिए। मुरादाबाद आरटीओ ने गाड़ियों में फस्र्ट एड मेडिकल किट लगाने का ठेका बीजेपी मेम्बर असम्बली के एक रिश्तेदार को दे दिया था। बजरंग दल और बीजेपी लीडरान के हाथों में पिस्तौलें और बंदूकें थीं तो बाकी भीड़ लाठी डण्डों और दूसरे असलहों से लैस थी। इन लोगोे ने जमकर हंगामा किया खुलेआम फायरिंग की और पुलिस तक पर पथराव व हमला तक किया। वीडियो में कैद तीन लोगों की फायरिंग करते हुए शिनाख्त हुर्ह। सीनियर पुलिस कप्तान मनोज तिवारी के मुताबिक पहचाने गए तीनों में गौरव भटनागर, अंकुर शर्मा और विशाल है। इनके अलावा फायरिंग करने वाले दो लोगों को मौके पर ही पकड़ा गया है। सहारनपुर मे तो जैसे ताकत आजमाई का मुकाबला हो रहा है। बीस अप्रैल को बीजेपी के लोक सभा मेम्बर राघव लखनपाल शर्मा ने बगैर इजाजत डाक्टर अम्बेडकर का जुलूस और शोभा यात्रा सड़क दूधली गंाव में निकलवाने की जिद करके दंगा कराया भीड़ के दरम्यान खड़े होकर उस वक्त जिले में तैनात सीनियर पुलिस कप्तान लव कुमार को बुरा भला और नालायक तक कह डाला फिर एक भीड़ के साथ जाकर सीनियर पुलिस कप्तान के सरकारी बंगले पर हमला करा दिया था तो नौ मई को धरना और मुजाहिरा कर रहे दलितों और पिछड़ों की एक भीड़ को पुलिस ने सड़कों से हटाने की कोशिश की तो भीड़ ने जमकर पथराव किया, कई गाड़ियों को जलाया फिर शहर कोतवाली की रामनगर बादशाहपुर पुलिस चैकी पर हमला करके तोड़फोड़ की फिर आग लगाकर चैकी को राख के ढेर में तब्दील कर दिया। इससे पहले पांच मई को शब्बीरपुर और उसके नजदीकी गांव शिमलाना समेत आठ-दस गांवों में महाराणा प्रताप जयन्ती का जुलूस भी बगैर इजाजत निकाले गए तो ठाकुरों और दलितों में टकराव हो गया इस टकराव में 26 साल के एक ठाकुर नौजवान सुमित राजपूत की जान चली गई और दो गांवों के दर्जन से ज्यादा दलितों के मकान जलाकर राख कर दिए गए।सहारनपुर के लोक सभा मेम्बर राघव लखनपाल ने सीनियर पुलिस कप्तान के घर पर हमला कराया, सड़क दूधली गांव में मुसलमानों और दलितों में टकराव कराने की कोशिश की, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आरएसएस परिवार के हौसले और बुलंद हो गए। ठाकुरों ने राघव लखनपाल की तरह बगैर इजाजत पांच मई को महाराणा प्रताप का जुलूस निकालने और उनकी मूर्ति लगाने की कोशिश की यह कोशिश बड़े पैमाने पर दलितों और ठाकुरों के दरमियान टकराव की वजह बन गई। कई गांवों मंे दबंग ठाकुरों ने दलितों पर हमले करके उनके घरों को जला दिया। कम से कम तीस दलित परिवार ऐसे हैं जिनके यहां एक वक्त की रोटी और एक जोडी कपडा तक नहीं बचा। मेहनत मजदूरी करके जो रूपए बचाकर रखे थे वह भी जल गए। नौ मई को दलितों ने भी ‘भीम आर्मी’ की कयादत में सहारनपुर में धरना दिया सवर्ण ब्राहमणों और ठाकुरों की तरह उन्होने भी एडमिनिस्टेªशन से कोई इजाजत नहीं ली।पुलिस ने शहर के गांधी पार्क में ‘भीम आर्मी’ की कयादत में हो रही दलितों की पंचायत रोकनी चाही तो दलितों का गुस्सा भडक गया। तकरीबन पूरा शहर और शहर के इर्द-गिर्द गांव तक दलितों ने आसमान सर पर उठा लिया। एक बस समेत बडी तादाद में गाड़ियां जला दी, सरकारी दफ्तरों को आग लगा दी। हालात इतने बेकाबू हो गए कि उन लोगोे ने रामनगर बादशाहपुर पुलिस चैकी पर हमला करके पहले तोडफोड की फिर चैकी को जलाकर राख के ढेर मंे तब्दील कर दिया। चैकी में खडी कई दर्जन मोटर साइकिलों और गाड़ियांे को जला दिया। कई पुलिस वालों की पिटाई की शहर पुलिस कप्तान, सर्किल अफसर और एसडीएम को भाग कर अपनी जान बचाते देखा गया। एक दूसरी पुलिस चैकी मल्ही पुर को भी जला दिया गया। मीडिया नुमाइंदों की पिटाई हुई जो भी दलितों के सामने आया पिटे बगैर नहीं बचा।नौ मई को ही वजीर-ए-आला आदित्यनाथ योगी मेरठ दौरे पर गए थे। दलितों से हमदर्दी जाहिर करने की गरज से उन्होने शेरगढी मलिन बस्ती का दौरा किया। योगी के कालोनी से निकलते ही दलितों का एक बड़ा हुजूम वहां इकट्ठा हो गया। उन्होने इल्जाम लगाया कि आदित्यनाथ योगी मलिन बस्ती मे आए लेकिन बस्ती में लगी अम्बेडकर की मूर्ति को माला न पहनाकर उन्होने जानबूझकर अम्बेडकर की तौहीन की है। देखते ही देखते यह भीड़ हंगामे पर उतर आई पूरे इलाके मंे लगी योगी आदित्यनाथ की होर्डिंग को तोड़ कर जला दिया शराब का एक ठेका, पेट्रोल पम्प और कुछ दुकानों में तोडफोड की, गैस सिलेडरों से लदी एक गाड़ी और पेट्रोल पम्प को आग लगाने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हेें रोकने की कोशिश की तो उन लोगोे ने कहा कि डाक्टर अम्बेडकर की तौहीन करने के लिए योगी पहले पूरे दलित समाज से माफी मंागे उसी के बाद हम अपना आंदोलन खत्म करेंगे।मुरादाबाद का मामला तो योगी सरकार की पूरी पोल पट्टी ही खोलता है। जहां आरटीओ आफिस से एक ठेका हासिल करने के लिए बीजेपी और बजरंग दल के लोग ही आपस में भिड़ गए। इन लोगों ने जो असलहा मुसलमानों के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए रखा था उसका इस्तेमाल एक दूसरे पर ही कर डाला। एक दूसरे पर दबाव बनाने के लिए लाठी डंडो और तलवारों और बंदूक व रायफलों का इस्तेमाल किया। मारपीट और फायरिंग की वीडियो हर तरफ वायरल हो रहे है। इन्हीं वीडियोज में देखकर पुलिस ने बजरंग दल के तीन लोगों को गिरफ्तार किया। खबर लिखे जाने तक बाकी की तलाश जारी थी।हैरत यह है कि पूरा पच्छिमी उत्तरप्रदेश हंगामों का शिकार था सहारनपुर से मेरठ और मुरादाबाद तक आगजनी और फायरिंग जैेसे वाक्यात होे रहे थे। लेकिन लखनऊ में चीफ मिनिस्टर आदित्यनाथ योगी मुल्क की नई नस्ल को मुल्क की तारीख (इतिहास) बताते हुए तकरीर कर रहे थे कि बाबर हो, अकबर हों या औरंगजेब यह सभी हमलावर थे जो हिन्दुस्तान को लूटने के लिए आए थे। उन्होने कहा कि महाराणा प्रताप किसी एक इलाके के नहींे पूरे हिन्दुस्तान के राजा थे। हमारे मुल्क के हीरोे महाराणा प्रताप और शिवाजी ही हो सकते हैं मुगल हमलावर थे, हमलावर ही माने जाएंगे।इन तमाम वाक्यात के पीछे अस्ल रोल उन लोगों का है जो हिन्दुत्व के नए ठेकेदार बनकर दहशतगर्दी की नर्सरी चलाने का काम करते है। इन लोगों ने मेरठ को अपना सेण्टर बना रखा है। एमटेक करके अब हिन्दू बच्चों को तरह-तरह के असलहों की टेªनिंग देने वाले परमिन्दर आर्या कहते हैं कि वह तो अपने बच्चों को हथियारों की टेªनिंग इसलिए दे रहे हैं कि आईएसआईएस ने 2020 मे हिन्दुस्तान पर अमला करने का टारगेट तय किया है उनका मुकाबला करने की टेªनिंग हम अपने बच्चों को दे रहे हैं। आर्या के साथ ही चेतना शर्मा भी छोटे-छोटे बच्चों और बच्चियों के जेहनों में जहर घोलने का काम कर रही हैं महज ग्यारह बरस की बच्ची शुभि सेक्विण्ट की रिपोर्टर कोे बयान दिलाती हैं कि मुसलमान लड़के हिन्दू लड़कियांे को बहकाकर अपने जाल में फंसाते हैं उनसे शादी का ड्रामा करते हैं फिर उन्हें मार डालते हैं ऐेेसे मुसलमानों का मुकाबला करने के लिए हम असलहा चलाने की टेªनिंग ले रहे हैं। चेतना शर्मा अखण्ड हिन्दुस्तान मोर्चा की खुदसाख्ता जोनल कमिशनर है। पेशे से वकील हैं चेतना एक नौ साल के छोटे बच्चे को यह सिखा कर कैमरे के सामने लाती हैं कि हम तो अपनी बहनों को मुसलमानों से बचाने के लिए असलहा चलाने की टेªनिंग ले रहे है। आर्या और चेतना शर्मा स्कूल जाने वाले नौ साल से तेरह साल की उम्र के बच्चे-बच्चियों को ही हर दिन शाम कोे दो घंटे की टेªनिंग करने के लिए लाए जाते हैं। चेतना शर्मा कहती हैं कि मुजफ्फरनगर दंगों में एके-47 रायफलों तक का इस्तेमाल हिन्दुओं पर हुआ था। वह कहती हैं कि उनके एक फोन मंे हवाट्स एप के सौ ग्रुप हैं एक और हमारे गुरू जी स्वामी नरसिम्हानन्द सरस्वती वैसे तो मंदिर के हेड पुजारी हैं लेकिन वह एक साथ दो ढाई लाख लोगों को मैसेज भेज सकते है। स्वामी नरसिम्हानन्द सरस्वती बताते हैं कि वह एमटेक है। इसलिए हम टेक्नोलाजी का इस्तेमाल करते है। धर्म की लड़ाई में हमें इण्टरनेट को भी एक असलहे की तरह इस्तेमाल करना होता है। इन लोगों के एक और साथी हैं अनिल यादव खुद को हिन्दू स्वाभिमान संघ का सदर बताते हैं। बमोटा गांव में अनिल यादव अखाड़े में बच्चों केा कुश्ती लड़ने और असलहा चलाने की टेªनिंग देते हैं। अपना रिवाल्वर दिखाते हुए कहते हैं कि हम बच्चों केा अगर बचपन से ही असलहों की टेªनिग नहीं देंगे तो वह आगे चलकर लड़ेंगे कैसे? लाइसेंसी हथियार हैं उनके पास इस सवाल पर अनिल यादव कहते हैं कि जब खाना जंगी (गृहयुद्ध) होगी तो लाइसेेस कौन पूछेगा? चेतना शर्मा के एमटेक गुरू स्वामी नरसिम्हानन्द सरस्वती इस्लाम पर इंतेहाई खतरनाक कमेण्ट करते हैं और बच्चों को बताते हैं कि इस्लाम का मतलब है अज्ञानता (जेहालत) और इस्लाम का मतलब है अंधकार (अंधेरा) जहां सिर्फ दहशतगर्दी सिखाई जाती है। मैं चाहता हूं जितने भी लोग हिन्दू धर्म छोड़कर मुसलमान बन गए थे वह वापस आ जाएंर्। अनिल यादव ग्यारह साल के गगन और अनुज को पहले खूब सिखा कर लाया कि कैमरे के सामने कहना है कि हम दहशतगर्दी से मुकाबले के लिए असलहा चलाने की टेªनिंग ले रहे हैं। लेकिन कैमरे के सामने गगन ने कहा कि जिंदगी में आगे बढने के लिए ही हम असलहा चलाने की टेªनिंग ले रहे हैं।क्विंट की वेबसाइट पर इन टेªनिंग सेण्टरों की पूरी रिपोर्ट पड़ी है हजारों लाखों लोग इस रिपोर्ट को देख चुके है। इसके बावजूद अखिलेश यादव की पिछली सरकार और आदित्यनाथ योगी सरकार ने इनमें किसी से भी यह पूछने की जहमत नही की कि आखिर यह लोग तालिबान की तरह अपने बच्चों के जेहनों में जहर क्यों घोल रहे हैं?Attachments area

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