Site icon अग्नि आलोक

हार्ट हेल्थ : गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने के तरीके

Share

       डॉ. प्रिया 

कोलेस्ट्रॉल फैट की तरह दिखने वाला एक वैक्सी सब्स्टेंस है, जो हमारे ब्लड में मौजूद होता है। यह हमारी बॉडी को सेल मेंब्रेंस, हार्मोंस और विटामिन डी बनाने में मदद करता है। हमारा लिवर खुद कोलेस्ट्रोल बनाता है। 

    इसके अलावा हम खाद्य स्रोतों के माध्यम से भी इसे प्राप्त कर सकते हैं। ब्लड में कई प्रकार के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं, जिनमें से HDL है और LDL दो मुख्य प्रकार के कोलेस्ट्रॉल हैं। HDL कोलेस्ट्रॉल बॉडी के लिए सकारात्मक रूप में कार्य करता है, जबकि LDL कोलेस्ट्रॉल नकारात्मक साबित हो सकता है। 

*क्यों बढ़ने लगता है शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल?*

      शरीर में असंतुलित कोलेस्ट्रॉल के लिए आपकी लाइफ स्टाइल की गतिविधियां सहित खान-पान जिम्मेदार होते हैं। असंतुलित कोलेस्ट्रॉल शरीर को तमाम रूपों में प्रभावित कर सकता है। खास कर ये आपके हृदय स्वास्थ्य पर बेहद नकारात्मक असर डालता है। 

    यदि आपके शरीर में उचित मात्रा में HDL है, तो यह स्वयं LDL को बढ़ने नहीं देता। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए आज हेल्थ शॉट्स आपके लिए बॉडी में HDL की मात्रा को बनाए रखने के कुछ खास टिप्स लेकर आया है। तो चलिए जानते हैं इन्हे कैसे मेंटेन रखना है।

 *क्या है गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL)?*

    एचडीएल, या हाई डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल का एक महत्वपूर्ण कंपोनेंट है। लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) के विपरीत, एचडीएल हमारे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के लिए बेहद अहम भूमिका निभाता है। 

    HDL ब्लडस्ट्रीम से अन्य प्रकार के कोलेस्ट्रॉल को रिमूव करने में मदद करता है। हमारे हार्ट हेल्थ को बनाए रखने में इसकी क्षमता एवं गुणवत्ता को देखते हुए इसे “गुड” कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। इसके फायदों को देखते हुए हेल्थ केयर सोसाइटी इस बात पर ध्यान दे रही है कि अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कैसे बढ़ाया जाए।

शरीर में ऐसे बढ़ानी है गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा :

*1. हेल्दी फैट का सेवन :*

अपनी डाइट से सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट को हटा दें और उनके स्थान पर एवोकाडो, नट्स, बीज और जैतून के तेल से प्राप्त हार्ट फ्रेंडली फैट का सेवन करें। 

    ये फैट न केवल एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं, बल्कि लो डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी आपकी मदद करते हैं।

*2. फैटी फिश :*

अपने डाइट ऑप्शंस में सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन जैसी फैटी फिश को शामिल करें। इन सी फूड्स ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, इनका सेवन एचडीएल-बढ़ाने की क्षमता के साथ ही समग्र हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।

     यदि आप बॉडी में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बनाए रखने के लिए डाइटरी सोर्सेस ढूंढ रही हैं, तो यह उनमें से सबसे अधिक प्रभावित हो सकता है।

*3. नियमित एक्सरसाइज :*

नियमित शारीरिक गतिविधियां एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने के सबसे शक्तिशाली और प्रभावी तरीकों में से एक है।

     हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट की मीडियम इंटेंसिटी वाली एरोबिक एक्सरसाइज करने से एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर तेजी से बढ़ता है।

*4. सॉल्युबल फाइबर :*

जई, फलियां, सेब और खट्टे फल जैसे खाद्य पदार्थों के माध्यम से आप अपनी डाइट में पर्याप्त मात्रा में सॉल्युबल फाइबर जोड़ सकती हैं। 

     सॉल्युबल फाइबर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में योगदान देता है, और HDL को बढ़ाता है, वहीं ये शरीर को बताता है कि अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कैसे बढ़ाया जाए।

*5. स्मोकिंग निषेध :*

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में धूम्रपान का महत्वपूर्ण योगदान होता है। 

    इस आदत को छोड़कर आप अपने एचडीएल स्तर में सुधार कर सकती हैं, साथ ही इससे समग्र हृदय स्वास्थ्य को सुरक्षा मिलता है। स्मोकिंग न करने से से हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी तमाम हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बेहद कम हो जाता है।

*6. वेट मैनेजमेंट :*

     एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को निर्धारित करने में वेट मैनेजमेंट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक संतुलित वजन, विशेष रूप से पेट की चर्बी को कम करना, एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है।

     एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार के लिए पेट की चर्बी कम करना सबसे अधिक जरूरी है। मोटापे से ग्रसित लोगों के शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल का स्तर अधिक होता है, इसलिए ऐसे लोग हृदय से संबंधित समस्याओं की चपेट में जल्दी आते हैं।

*7. उचित नींद :*

अपर्याप्त नींद के पैटर्न और नींद संबंधी परेशानियों के कारण एचडीएल का स्तर कम हो सकता है। एचडीएल कोलेस्ट्रॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, गुणवत्तापूर्ण नींद को प्राथमिकता देना आवश्यक है। 

    हर रात 7-9 घंटे की आरामदायक नींद का लक्ष्य रखें। नींद में आपका शरीर खुदको हील करता है, वहीं नींद में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल उत्पादन में बाधा बनने वाली गतिविधियों का प्रभाव भी बेहद कम हो जाता है। ऐसे में स्लीप रूटीन मेंटेन कर, आप अपनी हृदय संबंधी सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं और आपमें हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा भी बेहद कम हो जाता है।

*8. नियासिन (विटामिन बी 3) :*

पब मेड सेंट्रल के अनुसार, नियासिन युक्त खाद्य पदार्थ को अपनी डाइट में शामिल करने पर विचार करें। 

    नियासिन एचडीएल स्तरों पर पर्याप्त प्रभाव डालता है और दर्शाता है कि आहार के साथ एचडीएल कैसे बढ़ाया जाए, लेकिन संभावित साइड इफेक्ट्स के कारण नियासिन लेने से पहले अपने डॉक्टर को संपर्क करें।

*9. ग्रीन टी :*

ग्रीन टी के फायदों से तो आप सभी वाकिफ होंगे। ग्रीन टी का नियमित सेवन गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर इसके सकारात्मक प्रभाव के लिए ध्यान आकर्षित करता है। ग्रीन टी में भरपूर माता में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो इसे बेहद खास बनाते हैं। 

    ग्रीन टी के एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ते हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन और कार्य में बाधा डाल सकता है। उचित लाभ के लिए, अपनी दिनचर्या में 2-3 कप ग्रीन टी शामिल करें। ग्रीन टी एचडीएल कोलेस्ट्रॉल प्रोफाइल को बढ़ाने में एक पॉवरफुल कंपोनेंट के रूप में कार्य करता है।

Exit mobile version