मुनेश त्यागी
हम उन लोगों की आवाज हैं,,,,
जिनसे उनके बुनियादी अधिकार
छीन लिए गए हैं,
हम उन लोगों की आवाज हैं,,,,
जिनसे शिक्षा काअधिकार
छीन लिया गया है,
हम उन लोगों की आवाज हैं,,,,
जिनसे सस्ते स्वास्थ्य का
अधिकार छीन लिया गया है,
हम उन करोड़ों बेरोजगारों की आवाज हैं,,,,
जिनसे रोजगार का अधिकार छीन लिया गया है,
और जिनके भविष्य को उजाड़ दिया गया है,
हम उन लोगों की आवाज हैं,,,,
जिन्हें गरीब, वंचित और
पीड़ित बना दिया गया है,
हम उन लोगों की आवाज हैं,,,,
जो भ्रष्टाचार के शिकार हैं और
जिनकी की बात कही नहीं सुनी जाती,
हम उन लोगों की आवाज हैं,,,,
जिन्हें हजारों साल से शोषण जुल्म अन्याय
और अत्याचार का शिकार बना कर रखा गया है,
हम उन करोड़ों मजदूरों की आवाज हैं,,,,
जिनके साथ पूंजीपतियों द्वारा
शोषण और अन्याय किया गया है
और जिनके हक और अधिकार मारे गए हैं,
हम उन करोड़ों किसानों की आवाज हैं,,,,
जिन्हें हजारों साल से शोषण जुल्म अन्याय
और दमन का शिकार बनाकर रखा गया है
जिन्हें फसलों का वाजिब दाम नहीं दिया गया है।
हम उन बीमारों की आवाज हैं,,,
जो दवाई के बिना दम तोड़ रहे हैं
और प्राइवेट अस्पतालों
की वजह से लुट पिट रहे हैं,
हम उन करोड़ों लोगों की आवाज हैं,,,,
जिन्हें जानवर बना दिया गया है और
जिनसे इंसानी गरिमा ही छीन ली गई है
जिनसे शोषण जुल्म अन्याय किया गया है,
हम उन करोड़ों अभागिन औरतों की आवाज हैं,,,,
जिन्हें हजारों साल से उपभोग की वस्तु और
मनोरंजन का सामान बनाकर रखा गया है,
जिन्हें आज भी देवदासी बनाकर रखा जा रहा है,
और जिन्हें आज भी गर्भ में मारा जा रहा है।
हम उन करोड़ों लोगों की आवाज हैं,,,,
जिन्हें हजारों साल से अज्ञानी धर्मांध
अंधविश्वासी बनाकर रखा गया है
और ज्ञान विज्ञान की रोशनी और
विज्ञान की संस्कृति से कोसों दूर रखा गया है,
हम गणराज्य की आवाज हैं,
हम समाजवाद की आवाज हैं,
हम धर्मनिरपेक्षता की आवाज हैं,
हम जनता के जनवाद की आवाज हैं,
हम इंकलाब जिंदाबाद,,, की आवाज हैं,
हम एक नई सुबह,नई रोशनी की आवाज हैं।