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*खून के रिश्तों में हमने अक्सर देखा है लोग आपस में ही एक दूसरे का खून बहा देते हैं*

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रजनीश भारती

मगर क्रान्तिकारी विचारों का रिश्ता ऐसा रिश्ता होता है, जो एक दूसरे के लिए अपनी जान भी कुर्बान कर देते हैं।

खून के रिश्ते को अहमियत देने वाले कितने भी विराट दिखते हों मगर वे संकीर्ण, घोर स्वार्थी और हृदयहीन होते हैं।

खून के रिश्ते को ज्यादा अहमियत देने वाले लोग जातिवादी, सम्प्रदायवादी, क्षेत्रवादी… होते हैं। कौन कहां पैदा हुआ इसे आधार बनाकर ये लोग जनता को जनता से लड़ाते हैं।

इसलिए क्रान्तिकारी विचारों के रिश्ते को बनाए रखें तो ये रिश्ते आपको इंसान बनाए रखने में मदद तो करेंगे ही खून के रिश्तों को भी तराशकर सही आकार और सही दिशा दे सकते हैं। वरना मौजूदा व्यवस्था तो हर इंसान को नरपिशाच बनाने पर आमादा है।

आप बच नहीं सकते।

सारा आध्यात्मिक ज्ञान, सारे साधुओं के उपदेश, सारे धर्म ग्रन्थ भी आपको नहीं बचा सकते। निजी सम्पत्ति पर आधारित ये मौजूदा व्यवस्था आप को उधर ही लेकर चली जाती है, जिधर इंसान शारीरिक तौर पर तो इंसान दिखता है, मगर मानसिक तौर पर वह दरिंदा होता है। बाहर से फरिश्ता दिखता है मगर उसके अन्दर एक हैवान बैठा होता है।

क्रान्तिकारी विचार ही हमारी इंसानियत बचा सकते हैं। अत: इंसान बने रहने के लिए क्रान्तिकारी विचारों को आत्मसात करते रहना चाहिए।

*रजनीश भारती*

*जनवादी किसान सभा*

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