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हमको अपना राज चाहिए

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हमको अपना राज चाहिए ,
कल क्यों हमको आज चाहिए ।
टूटा फूटा देख रहा हूं,
बेहतर आज समाज चाहिए ।

मातृभूमि के लिए लड़े जो,
ऐसा ही जांबाज चाहिए ।
नैतिकता ईमान भरा हो,
वही हमें सरताज चाहिए ।

टूट गए हैं तार हमारे,
सात सुरों का साज चाहिए ।
मानवता के लिए लड़े जो,
वह नेता बेताज चाहिए।

पुष्पक विमान की बातें छोड़ो,
देसी हमें जहाज चाहिए ।
लफ्फाजों से दूर रहें हम,
मित्र हमें हमराज चाहिए ।

राजनीत बस राजनीति हो,
हमको नहीं बजाज चाहिए ।
क्रय विक्रय करने वालों को,
थोड़ी बहुत लिहाज चाहिए।

कहे स्वदेशी करे विदेशी ,
उनको थोड़ा लाज चाहिए ।
देशबंधु के लिए आज तो,
कुछ बढ़िया अल्फाज चाहिए ।

भगत सिंह जैसे वीरों पर,
हमको हरदम नाज चाहिए ।
भूखे प्यासे मजलूमों को,
सुख सुविधा अब आज चाहिए ।

हमको अपना राज चाहिए,
कल क्यों हमको आज चाहिए।
टूटा फूटा देख रहा हूं,
बेहतर हमको समाज चाहिए।

   ,,,, प्रस्तुति मुनेश त्यागी
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