डॉ. प्रिया
पीरियड को लेकर कई भ्रामक और सामाजिक अवधारणाएं पीढ़ियों से चली आ रही हैं। इन मिथ्स को तोड़ने के लिए हेल्थ शॉट्स प्रयासरत है। ताकि किसी भी स्त्री को पीरियड शेमिंग का सामना न करना पड़े। पर आजकल खुद महिलाएं भी खासतौर से नई उम्र की लड़कियां पीरियड्स को लेकर कन्फ्यूज रहती हैं।
इस कन्फ्यूजन में कई बार वे ऐसे समाधान खोजने लगती हैं, जो न केवल भ्रामक हैं, बल्कि सेहत के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं।
इंटरनेट पर लड़कियां माहवारी के बारे में जो सवाल पूछ रहीं हैं, उनका फायदा वे झोला छाप डॉक्टर और सतही कंटेंट क्रिएट करने वाले लोग उठा रहे हैं। हेल्थ और वेलनेस के प्रति अपने दायित्वों को समझते हुए हमने ऐसे अजीबों गरीब सवालों का जवाब देने का निश्चय किया है।
*अवधारणाओं से परे महिलाएं :*
पीरियड्स को लेकर कई अजीबोगरीब सवालात करने लगी हैं। वहीं सोशल मीडिया पर भी लोग पीरियड से जुड़े कई ऐसे वीडियो डाल रहे हैं, जिसका कोई अर्थ नहीं हो सकता। “5 मिनट में पीरियड कैसे लाये” “इस एक्सरसाइज से 5 से 10 मिनट में पीरियड आ जाएंगे.”
माहवारी/पीरियड जल्दी लाने और पीरियड मिस होने संबंधी महिलाओं के सवालों के जवाब :
*1. क्या किसी स्पेसिफिक एक्सरसाइज से मिनटों में पीरियड्स आ सकते हैं?*
ऐसा कोई भी एक्सरसाइज नहीं है, जिसके अभ्यास से आपको मिनटों में पीरियड आ सकता है। पीरियड्स के दौरान हल्के एक्सरसाइज का अभ्यास आपके मेंस्ट्रूअल पेन को कम करने और आपके बॉडी को एक्टिव रहने में मदद करता है।
यदि आपको पीरियड्स में अधिक दर्द होता है तो एक्सरसाइज को अवॉइड करें। एक्सरसाइज हॉर्मोन्स को संतुलित रखता है और आपके स्ट्रेस लेबल को भी मैनेज करता है।
इस प्रकार एक्सरसाइज का अभ्यास आपके पीरियड साइकिल को संतुलित रखने में आपकी मदद कर सकता है।
यदि आपने नई डाइट फॉलो करना शुरू किया है या अभी-अभी एक्सरसाइज को अपनी रूटीन में शामिल किया है, तो हो सकता है हॉर्मोन्स में उतार-चढ़ाव की वजह से आपको पीरियड जल्दी या थोड़े लेट आए।
*2. क्या अजवाइन, अदरक जैसे होममेड ड्रिंक्स पीने से मिनटों में पीरियड्स आ जाते हैं?*
अजवाइन, अदरक, एप्पल साइडर विनेगर, जीरा आदि से बने घरेलू ड्रिंक सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं, परंतु जब तक इन्हें एक सीमित मात्रा में लिया जाए।
यदि आप पीरियड जल्दी लाने के लिए इन्हें दिन में 3 बार 4 बार पी रही हैं तो सचेत हो जाएं, यह आपकी समग्र सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
पीरियड्स के दौरान या पीरियड से पहले सीमित मात्रा में इन ड्रिंक्स के सेवन से आपको पीरियड्स में दर्द कम होता है और यह आपके पीरियड साइकिल को भी सामान्य और स्वस्थ रखता है।
*3. मिनटों में पीरियड्स लाने के लिए क्या खाएं?*
महिलाओं द्वारा पूछे जाने वाले इस तरह के सवाल उनकी स्वयं की सेहत के लिए बेहद हानिकारक होते हैं।
आमतौर पर पीरियड जल्दी लाने के लिए लोग गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों को खाने की सलाह देते हैं, परंतु इन खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन बॉडी में अचानक से एक्सेस हीट रिलीज करता है, जिसकी वजह से सेहत नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है।
इससे आपके पीरियड तो नहीं आएंगे परंतु आपको एक्ने, पिंपल आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा यदि कुछ दिनों में पीरियड्स आ भी जाए तो यह पीरियड अधिक पेनफुल हो सकता है।
*4. पीरियड जल्दी लाने के लिए दवाई क्या है?*
अक्सर महिलाओं द्वारा इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं, साथ ही साथ इंटरनेट पर भी वे इन सवालों के जवाब ढूंढती हैं।
पीरियड एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसे यदि प्राकृतिक रहने दिया जाए तो ही उचित है। इसके साथ बेवजह छेड़छाड़ करना आपकी सेहत के लिए नकारात्मक साबित हो सकता है।
अर्ली पीरियड पिल्स लेने से आपके शरीर में हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं, जिसकी वजह से पीरियड्स में अधिक दर्द का अनुभव होना या एक्सेस ब्लीडिंग होने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।.
कई लोगों को अर्ली पीरियड्स पिल्स लेने के बाद पीरियड्स में बहुत कम ब्लड आता है और उनके पीरियड साइकिल भी मिस होना शुरू हो जाते हैं।
*5. पीरियड स्किप करने के लिए कौन सी दवाई लें?*
पीरियड स्किप करने वाली दवाइयां मार्केट में आसानी से उपलब्ध होती हैं, परंतु इन्हें लेने से हमेशा बचना चाहिए। क्योंकि यह आपके फर्टिलिटी और सेक्सुअल हेल्थ के साथ ही समग्र सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
इसके सेवन से पीरियड अनियमित हो जाते हैं, वहीं अगले पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग की संभावना होती है। इतना ही नहीं पीरियड की डेट को आगे बढ़ाने वाली दवाइयां आपको पाचन संबंधी समस्याओं से भी ग्रसित कर सकती हैं।
ये दवाइयां गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि वेन थ्रांबोसिस और पलमोनरी एंबॉलिज्म जैसी समस्याओं से ग्रसित कर सकती हैं।
आपको बताएं कि यह समस्याएं जानलेवा हो सकती हैं। इन दवाइयों को लीवर मेटाबॉलाइज करता है, ऐसे इनका सेवन अन्य दवाइयों की क्षमता को कम कर देता है। साथ ही साथ लीवर को भी प्रभावित करता है।
हालांकि, इसके नुकसान यहीं तक सीमित नहीं हैं, यह हार्मोन में नकारात्मक रूप से बदलाव लाते हुए स्तन कैंसर के खतरे को भी बढ़ावा देता है।