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बांग्लादेश की घटना से क्या सीखे भारतीय लोकतंत्र 

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    प्रस्तुति : गुलबानो फातिमा, दिल्ली 

बांग्लादेश में आज जो हुआ है, उसका सपना हमारा विपक्ष, Western Deep State, वामपंथी Ecosystem पिछले 10 साल से देख रहे हैं. वहाँ एक पार्टी है BNP जो आतंकवादी समर्थक भी है.

     यह लोग कई सालों से सत्ता पलटने में लगे हुए थे लेकिन लोकतान्त्रिक तरीके से जीत नहीं पाते थे. इस बार इन्होंने आरक्षण हटाने का मुद्दा उठाया और देश भर में हिंसा हुई. सरकार ने सभी तरह के आरक्षण ख़त्म कर दिए.

     उसके बाद कुछ दिन शांति रही. फिर BNP और कुछ आतंकवादी संगठनों और Western Deep State के players ने फिर से बवाल करना शुरू कर दिया.

   100 से ज्यादा लोग मारे गए और  अराजक तत्व PM house में घुस गए. सड़को पर कब्ज़ा कर लिया. PM Hasina ने इस्तीफ़ा दे दिया और देश छोड़ दिया.

    Western Deep State का कोई प्यादा नई सरकार बनाएगा. जनता सड़को पर उतर गई है. PM House पर अराजक तत्वों का कब्ज़ा है.

आप Awami League की जगह बीजेपी add कर दीजिए और PM Hasina की जगह PM Modi कर दीजिये. बाकि सब same to same होने के सारे तिकडम लगाए गए. लेकिन सौभाग्य से ऐसा हुआ नहीं.

    याद कीजिये कुछ महीने पहले का राहुल गाँधी का बयान, जिसमें उसने कहा था कि ‘मोदी अब सड़क पर जायेगा तो जनता इसको मारेगी’.

जी हाँ, बिलकुल यही शब्द बोले गए थे. किसानों के आंदोलन में ‘मर जा मोदी’ के नारे लगाए जाते रहे हैं. इंदिरा गाँधी की तरह मोदी की हत्या करने की बता कई बार की गई है.

    विपक्ष के बड़े नेता पाकिस्तान जा कर उनसे सहायता मांगते हैं, ताकि सरकार बदली जा सके. राहुल गाँधी यूरोप जाते हैं,और यूरोपीय देशों से सहायता मांगते हैं भारत में सरकार बदलने के लिए.

बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर बवाल हुआ. भारत में ऐसे कई बवाल हुए हैं. सौभाग्य मानिये केंद्र में मजबूत सरकार है, जो पिछले 10 सालों से ऐसे लोगों से लड़ रही है.

     आज हमारा विपक्ष और Deep State यही तो करना चाहता है. असहिष्णुता, Anti CAA, Farmers Bill, Lynching, रोहित वेमुला case, SCST law, जातिवाद, आरक्षण जैसे कई Fault Lines हैं हमारे देश में. हर मुद्दे पर हमने बवाल देखे हैं पिछले दस सालों में.

      यह सरकार की सफलता है कि कोई भी बवाल बड़ा नहीं हुआ वरना विपक्ष तो हर बार ऐसे काण्ड करके मोदी का इस्तीफ़ा ही मांगता है.

जब अराजकता फैलती है ना तो सबसे पहले आम जन जीवन प्रभावित होता है. देश में कोई व्यवस्था नहीं होगी. काम धंधे प्रभावित होंगे. देश में हिंसा होगी तो व्यापार नहीं हो पायेगा. रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान पर होंगे. देश में investment नहीं आएगा. लोगों का जीवन स्तर बिगड़ जाएगा. नौकरियां खत्म हो जाएंगी.

जो आज बांग्लादेश में हो रहा है यह भारत में भी हो सकता है. एक बात याद रखिये, लोकतंत्र में सवाल पूछने की आजादी तब तक ही है जब तक केंद्र में लोकतान्त्रिक सरकार है. जिस दिन अराजक तत्व सत्ता में आएंगे या लोकतान्त्रिक सरकार गिरेगी देश भरभरा कर गिर जाएगा.

     ये जो लाखों करोड़ों बैंक में जमा कर रखें हैं. ये जो Market का Portfolio बना रखा है. ये तो कोठी flat ले रखें हैं. ये तो SUV Sedan ले कर आप घूमते हैं. जिस दी  अराजक भीड़ सड़क पर आएगी, यह सब एक झटके में गायब हो जायेगा.

     जब जान ही बचाने के लाले पड़ जाएंगे, तब पैसा, बंगला, गाड़ी, बैंक बैलेंस के बारे में कौन सोचेगा?

    4 जून को आप इसी अराजकता से बचे हैं. कितने समय तक बचे रहेंगे. (चेतना विकास मिशन).

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