बौद्ध आचार्य डॉ एस एन बौद्ध,
क्या किसी नेता को कांवड़ ढोते देखा है ?
क्या किसी अभिनेता को कांवड़ ढोते देखा है ?
क्या किसी उद्योगपति को कांवड़ ढोते देखा है ?
क्या किसी विद्वान को कांवड़ ढोते देखा है ?
क्या किसी वैज्ञानिक को कांवड़ ढोते देखा है ?
क्या किसी इंजीनियर को कांवड़ ढोते देखा है ?
क्या किसी डॉक्टर को कांवड ढोते देखा है ?
क्या दूसरे देशों के लोगों को कांवड़ ढोते देखा है ?
क्या दूसरे धर्मों के लोगों को कांवड़ ढोते देखा है ?
क्या कांवड़ ढोने वाले अमीर बन जाते हैं ?
क्या कांवड़ ढोने वाले बीमार नहीं होते हैं ?
क्या कांवड़ ढोने वाले मरते नहीं है ?
कांवड़ ढोने से क्या फायदा है ?
अंधविश्वास पाखंड की हद है कि भोले शंकर जिसके जटाओं में ही गंगा बहती है वो सावन के बरसात के महीने में भी प्यासे रहते हैं खुद पानी भी नहीं पीते हैं, नदी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं !
मूर्ख लोग उस भगवान को पानी पिलाते हैं जिसे खुद तीनों लोकों का भगवान अर्थात त्रिलोकीनाथ कहते हैं ?
कांवड़ ढोने वाले कौन लोग हैं ?
कांवड़ ढोने वाले मूर्ख होते हैं।
कांवड़ ढोने वाले बेरोजगार होते हैं।
कांवड़ ढोने वाले अनपढ़ लोग हैं।
कांवड ढोने वाले गरीब लोग हैं।
कांवड़ ढोने वाले गुमराह लोग हैं।
कांवड़ ढोने वाले निचली जातियों तथा पिछड़ी जातियों, दलितों आदिवासियों और शूद्र लोग हैं।
कांवड ढोने वाले नशेडी लोग हैं।
कांवड़ ढोने वाले गुलाम लोग हैं जो कि ब्राह्मणों की मानसिक गुलामी कर रहे हैं।
मूर्खता छोड़कर अपने दिमाग लगाओ बिना कर्म किये कुछ मिलने वाला नहीं है।तथागत गौतमबुद्ध ने कहा है कि ‘अत दीपो भव
अर्थात अपने दीपक खुद बनो ‘
आप शीलों का पालन करते हुए सिंबल आफ नालेज बाबा साहब डॉ आंबेडकर, पेरियार रामास्वामी नायकर और तथागत गौतमबुद्ध के कल्याणकारी विचारों को अपना कर चलो बुद्ध धम्म अपनाओ सर्वश्रेष्ठ इंसान बनो
– बौद्ध आचार्य डॉ एस एन बौद्ध, संपर्क – 9953177126,8700667399
संकलन – निर्मल कुमार शर्मा गाजियाबाद उप्र संपर्क -9910629632